कृत्रिम गर्भाधान योजना से मिल रहा है आर्थिक संबल

0

योजना से प्रतिवर्ष हो रही है लगभग 4 लाख रूपए की सालाना आय

रायपुर. हर व्यक्ति का सपना होता है कि वह आर्थिक रूप से सक्षम हो। इस सपना को पूरा करने के लिए वह नए  रास्तों की तलाश भी करता रहता है। लेकिन इन रास्तों में आर्थिक दिक्कतें रुकावट पैदा करताी हैं। ऐसी स्थिति में शासकीय योजनाएं उसके जीवन में उम्मीदों की किरण बनकर आती है और उसका सपना पूरा करने का जरिया बन जाती है। कुछ ऐसा ही हुआ  सुरेश कुमार यादव के साथ। सुरेश कुमार यादव विकासखण्ड महासमुंद के ग्राम बिरबिरा के निवासी है। वे बताते है कि वर्ष 2019-20 में उनकी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी। वे आय का नया जरिया तलाश करते हुए छत्तीसगढ़ शासन के पशुधन विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के संपर्क में आए जिससे उन्हें राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान योजना के बारे में पता चला। जिसके तहत विभाग तथा प्राइवेट कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता के द्वारा हितग्राहियों के घर पर जा कर उन्नत नस्ल के सांड के वीर्य के द्वारा पूर्णतः निःशुल्क कृत्रिम गर्भाधान किया जाता है।  सुरेश कुमार यादव अपने घर की गाय जो कि बहुत कम दुग्ध उत्पादन करती थी, पशुधन विकास विभाग द्वारा उन्नत नस्ल के साहीवाल सांड के वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान करवाया। उन्होंने पशुधन विकास विभाग के द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार अपनी गाय का खान-पान एवं रख-रखाव किया। साथ ही समय-समय पर विभाग द्वारा चलाए गए निःशुल्क टीकाकरण कार्यक्रम का भी लाभ लिया। कृत्रिम गर्भाधान के द्वारा उन्नत नस्ल की बछिया पैदा हुई। जो वर्ष 2020-21 से दुग्ध देना प्रारम्भ की हैं। श्री यादव ने बताया कि अब लगभग 4.00 लाख रुपए की  सालाना आय हो रही है। सुरेश कुमार यादव के घर की महिलाएं भी गाय पालन में रूचि लेकर कार्य कर रही है। पशुधन विकास विभाग के दिशा निर्देश का पालन करते हुए  यादव अब और गाय रखकर राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान योजना का फायदा लेते हुए छोटे पैमाने पर डेयरी फार्म स्थापित कर अपना एवं अपने घर की महिलाओं की आर्थिक उन्नयन करने के इच्छुक है। श्री यादव के संकल्प को पूरा करने में छत्तीसगढ़ शासन का पशुधन विकास विभाग पूरा सहयोग दे रहा है।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed