नांदी बैलों की दौड़ की शुरुवात, शास.पू.मा.वि. अमरताल से – हमर संस्कृति, हमर पहिचान, भरे-पूरे हमर छत्तीसगढ महान
नांदी बैलों की दौड़ की शुरुवात, शास.पू.मा.वि. अमरताल से – हमर संस्कृति, हमर पहिचान, भरे-पूरे हमर छत्तीसगढ महान
भुवन वर्मा बिलासपुर 19 सितंबर 2023
जांजगीर । इसी क्रम मे शास पू मा वि अमरताल, जांजगीर चांपा में तीजा के पहले, पोरा तिहार को स्कूलों में नांदी बैला दौड़ कराकर धूमधाम से मनाने का शुरुवात किया गया। माना जाता है कि प्रकृति और जीव जंतु प्रेमी हमारे छत्तीसगढ़ में सबको सम्मान और पूजा जाता है और साथ ही स्त्रियां तीज में अपने अपने मायके जाकर अपने पति के लिए निर्जला व्रत रखती हैं, और कामना रखती हैं कि भगवान शंकर पार्वती सा अमर सुहाग और जोड़ा हो, जिसमे नंदी बैल का विशेष महत्व उनकी सवारी के रूप में अवगत हो कि, भोजली और स्वनिर्मित राखी से एसडीएम सर को बांधकर मनाया गया था।
बहुत दुख की बात है,आजकल शहर ही नही गांव के बच्चे भी अपने राज्य और देश को संस्कृति ,तीज, तिहार सबको भूलते जा रहें हैं। इसको बचाने और बढ़ाने को कृत संकल्पित प्रधान पाठिका श्रीमती अरुणा व्यास मिरी और सभी शिक्षकों ब गांव वालो के सहयोग से बहुत ही गरिमामयी कार्यक्रम संपन्न हुआ। हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के छत्तीसगढ़ी आलंपिक खेल जैसे कार्यक्रमों से प्रेरित विद्यालय के smc अध्यक्ष योगेंद्र सिंह,ओंकार सिंह डहरिया, सरपंच श्रीमती डहरिया, संकुल प्रभारी यादव एवम विकासखंड अधिकारी श्री घृतलाहरे सर जी का विशेष मार्गदर्शन और सहयोग रहा।