नगाधिपति की सैर डॉ. मन्तराम यादव द्वारा लिखित किताब विमोचित : स्वामी शारदानंद सरस्वती द्वारा मृत्युंजय आश्रम अमरकंटक में
नगाधिपति की सैर डॉ. मन्तराम यादव द्वारा लिखित किताब विमोचित : स्वामी शारदानंद सरस्वती द्वारा मृत्युंजय आश्रम अमरकंटक में
भुवन वर्मा बिलासपुर 29 अगस्त 2022
बिलासपुर। डॉ. मन्तराम यादव द्वारा लिखित पुस्तक ‘नगाधिपति की सैर’ का विमोचन परम पूज्य श्रोत्रिय, ब्रह्मनिष्ठ वेदान्ताचार्य, परमाध्यक्ष दैवीसम्पद मण्डल स्वामी शारदानंद सरस्वती जी द्वारा मृत्युंजय आश्रम अमरकंटक में गत दिवस किया गया। पुस्तक सृजन का उद्देश्य बतलाते हुए डॉ. मन्तराम यादव ने कहा कि कोई भी संस्मरण, इतिहास, घटना को लिपिबद्ध किया जावे तो चिरस्थायी हो जाता है। मैंने हिमालय में स्थित चारों धाम, यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ वैष्णवधाम, अमरनाथ धाम, हिमाचल प्रदेश तथा नेपाल स्थित दर्शनीय स्थलों के बारे में इस पुस्तक में लिखा है, यात्रा के दौरान मैंने जो, देखा, सुना समझा और ग्रंथों में पढ़ा उसी के आधार में उन स्थानों, मंदिरों का वर्णन किया है। संचालन करते हुए वरिष्ठ बुधराम यादव ने कहा डॉ. मन्तराम यादव जी एक-एक स्थानों के इस किताब में जानकारी देकर सराहनीय कार्य किया है, इसमें पाठकों एवं शोधार्थियों को बहुत चीजों की जानकारी हो जावेगी तथा इन स्थानों में जाने वाले यात्रियों के लिए यह किताब मार्गदर्शिका का काम करेगी। यह ऐतिहासिक, पौराणिक, सामाजिक, धरोहर होगी। इस अवसर पर वरिष्ठ कवि बुधराम यादव, दिनेश्वर राव जाधव, मनोहर दास मानिकपुरी, काव्य पाठ पढ़कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिये। इसी तारतम्य में अंतर्राष्ट्रीय मानस प्रवचनकार कुशल मंच संचालक गाजियाबद निवासी पूज्य चंद्रप्रकाश कौशिक ने आशिवर्चन देते हुए कहा कि यह किताब भावी पीढ़ी के लिए निर्देशिका है, आज संस्कार की जरूरत हैं जो सत्संग तथा धार्मिक यात्राओं से मिलती है। प्रिय डॉ. मन्तराम यादव आगे भी लिखते रहे यही मेरी शुभाकमनाएं है। अंत में शिवस्वरूप स्वामी शारदानन्द सरस्वती महाराज जी ने किताब सभी के लिए सार्थक एवं उपयोगी सिद्ध होगी कहते हुए डॉ. मन्तराम यादव सहित सभी कवियों एवं भक्तों को आशीर्वाद एवं प्रसाद दिये। श्री बुधराम यादव, श्री मूरितराम यादव एवं मनोहर दास मानिकपुरी ने अपनी-अपनी पुस्तक भेंट किये।
इस अवसर पर बिलासपुर से श्यामानंद शर्मा, गौरीशंकर कौशिक, आर. डी. यादव, मनीराम कौशिक, मूरितराम यादव, राकेश शुक्ला, श्रीमती सुभाषिनी मिश्रा, राजेश बतौली, मुरु (बिल्हा) एवं अन्य स्थानों से आये भक्तगण उपस्थित थे। उक्क्त जानकारी डॉ. मंतराम यादव संपादक – रऊताही कला बिलासपुर ने दी ।
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