याद रखे हमारा वैदिक कैलेंडर : 2 अप्रैल से हिंदू नव वर्ष चैत्र प्रतिपदा प्रारंभ हो रहा है हमारा नव हिन्दू वर्ष

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याद रखे हमारा वैदिक कैलेंडर : 2 अप्रैल से हिंदू नव वर्ष चैत्र प्रतिपदा प्रारंभ हो रहा है हमारा हिन्दू नववर्ष

भुवन वर्मा बिलासपुर 30 मार्च 2022

बिलासपुर । चैत्र,वैशाख,ज्येष्ठ,आषाढ़,श्रावण ,भाद्रपद,अश्विन,कार्तिक,मार्गशीर्ष,पौष,माघ,फाल्गुन ये है हमारा बारह मास , चैत्र मास ही हमारा प्रथम मास होता है, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष को नववर्ष मानते हैं। चैत्र मास अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मार्च-अप्रैल में आता है, चैत्र के बाद वैशाख मास आता है जो अप्रैल-मई के मध्य में आता है, ऐसे ही बाकी महीने आते हैं l फाल्गुन मास हमारा अंतिम मास है जो फरवरी-मार्च में आता है, फाल्गुन की अंतिम तिथि से वर्ष की सम्पति हो जाती है, फिर अगला वर्ष चैत्र मास का पुन: तिथियों का आरम्भ होता है जिससे नववर्ष आरम्भ होता है।

हमारे समस्त वैदिक मास (महीने) का नाम 28 में से 12 नक्षत्रों के नामों पर रखे गये हैं।

जिस मास की पूर्णिमा को चन्द्रमा जिस नक्षत्र पर होता है उसी नक्षत्र के नाम पर उस मास का नाम हुआ।

  1. चित्रा नक्षत्र से चैत्र मास
  2. विशाखा नक्षत्र से वैशाख मास
  3. ज्येष्ठा नक्षत्र से ज्येष्ठ मास
  4. पूर्वाषाढा या उत्तराषाढा से आषाढ़
  5. श्रावण नक्षत्र से श्रावण मास
  6. पूर्वाभाद्रपद या उत्तराभाद्रपद से भाद्रपद
  7. अश्विनी नक्षत्र से अश्विन मास
  8. कृत्तिका नक्षत्र से कार्तिक मास
    9,. मृगशिरा नक्षत्र से मार्गशीर्ष मास
  9. पुष्य नक्षत्र से पौष मास
  10. माघा मास से माघ मास
  11. पूर्वाफाल्गुनी या उत्तराफाल्गुनी से फाल्गुन मास
  12. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से बार्हस्पत्यमान के अंतर्गत रूद्रविंशति के पचासवें ‘नल’ नामक नए विक्रमी संवत्सर 2079 का शुभारंभ होने वाला है। इस संवत्सर के राजा शनि और मंत्री बृहस्पति हैं। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से सभी यज्ञकार्य,धर्मानुष्ठान, मंत्र-दीक्षा एवं किसी तरह के सांकल्पिक कार्य में ‘नल’नामक संवत्सर का ही प्रयोग किया जाएगा। शक्ति आराधना का पावन पर्व वासंतिक नवरात्रि भी इसी दिन से आरंभ होगा जिसका समापन चैत्र शुक्ल पक्ष नवमी रविवार 10 अप्रैल को रविपुष्य योग में होगा। सनातन धर्मी इसी दिन श्री रामनवमी तथा श्रीरामचरितमानस जयंती का पर्व भी मनाएंगे। जय श्री राम,,,,,

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