छत्तीसगढ़ महतारी अऊ जम्मो पुरखा देवता मन लगातार होवत अपमान अऊ दुर्दशा ल न पहिली सहे हे न अब सहन करय – अमित बघेल प्रदेश अध्यक्ष क्रांति सेना : छत्तीसगढ़ गाँव गाँव घुमहि बूढ़ादेव यात्रा

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छत्तीसगढ़ महतारी अऊ जम्मो पुरखा देवता मन के लगातार होवत अपमान अऊ दुर्दशा ल न पहिली सहे हे न अब सहन करय – अमित बघेल प्रदेश अध्यक्ष क्रांति सेना : छत्तीसगढ़ के गाँव गाँव घुमहि बूढ़ादेव यात्रा

भुवन वर्मा बिलासपुर 16 मार्च 2022

बिलासपुर । अमित बघेल क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष ने छत्तीसगढ़ की लोक कला संस्कृति तीज त्यौहार कुल देवताओं का जो हस्र वर्तमान में हुआ है या हो रहा है। उस पर अपनी बेबाक बातचीत के दौरान बूढ़ादेव स्थापना की बात कही,,आगे कहा कि जब हमन जाने सुने के लईक होएन , अपन आंखी ले देखत हन , कईसे बड़ चालाकी ले बाहिर के मनखे मन हमर छत्तीसगढ़ के आरुग मूल भाखा – संस्कृति , तीज तिहार , खान – पान , पहिनावा – ओढ़ावा ल धीरे धीरे भीतरे भीतर घुना कस कीरा करोवत हें।

बाहिर ले छत्तीसगढ़ में आके खूसरे हर परदेसिया ल ये गणित मालूम है कि छत्तीसगढ़ के मूल संस्कृति ल बरबाद कर दव , छत्तीसगढ़िया अपने आप समाप्त हो जही । अब तो हद पार होवत है जब हमर हजारों बछर जुन्ना मूल इतिहास ल घला एमन टोरे – भांजे ले धर लीन , एमन हमर देवता धामी हमर पेन- पुरखा मन के मूल स्वरूप ल बदले के हिमाकत में उतर गीन |

धमतरी के बिलईमाता कब ले विंध्यवासिनी होगे , डोंगरगढ़ के बमलाई दाई कब ले बमलेश्वरी होगे , चंदरपुर के चंदरसेनी माई कब ले चंद्रहासिनी होगे , रईपुर के तेलिनदाई बांधा कब ले मरीन ड्राईव होगे । हमर पुरखा गोंड़राजा रायसिंह जगत के आठ सौ बछर पहिली के खनवाय बुढ़ादेव तरिया परदेसिया सत्ता के गलियारा के भीतरे भीतर कब विवेकानंद सरोवर कहागे हम गम नई पाएन ।

हमर पुरातन धर्मस्थल बुढ़ादेव तरिया परिसर ल परदेसियावादी निजाम मन मीना बजार बनाए बर ठेका दे दीस गांव – गांव , शहर – कस्बा के पुरखौती सीतला तरिया , ठाकुरदिया तरिया , बंधवा तरिया , कन्हार तरिया , छुईहा तरिया , दर्री तरिया मन के नाव , संस्कार अऊ मूल संरचना ल बलद के कहुं छठ तालाब , गुरुनानक सरोवर त कहुं सूर्यकुंड बना दिये जात है , हमर महानदी , खारुन , अरपा के पुरखौती घाट मन ल अचानक परदेसिया तिहार के नाव में विश्व के सबसे बड़े छठ घाट घोषित कर दिये जात है ।

पखांजुर , परलकोट , केशकाल , कोरबा , रयगढ़ , दुरुग भेलई जईसे अनेक अईसे क्षेत्र हे जिंहा आज छतीसगढ़िया मन अल्पसंख्यक होके परदेसिया मन के तमाम फरजीवाड़ा , अपराध अउ दहशतगर्दी ल साहत अऊ भोगत परे है ।

आन प्रदेश सहित आन देस ले मारे – कूटे रीबी – रीबी करत आए शरणार्थी मन ल दया मरके शरण देना तो आज हमरे जीव के काल होगे

छत्तीसगढ़ के स्कूल मन म राजभाषा छत्तीसगढ़ी अऊ हमर मूल गुरतुर भाखा हल्बी , गोंडी, कुडुक , भतरी मन ल छोड़के बंगला , ओड़िया , गुजराती पढाय के तुगलकी फरमान जारी होवत है ।

पंथी सुवा मांदरी करमा राउत नृत्य ल दोयम दरजा बताके गरबा डांडिया अऊ भांगड़ा ल हमर उपर थोपे जात हे । छत्तीसगढ़िया किसान मन के दिये दान के हजारों एकड़ भूईया अऊ करोड़ों अरबों रुपिया संपत्ति वाला बड़का – बड़का मठ – मंदिर – देवाला के ट्रस्ट कमेटी मन म देखते – देखत झार परदेसिया सेठवा मन कुंडली मार के बईठ गीन छत्तीसगढ़िया पुजेरी मन ल मंदिर के गर्भगृह ले हकाल बाहिर करके उंहा उत्तर भारत के आपराधिक पृष्ठभूमि वाले पंडा – पुजेरी मन ल षड़यंत्रपूर्वक काबिज करा दीन ।

आज छत्तीसगढ़ महतारी के हर अंग म पीरा हे। छत्तीसगढ़ के चउक – चौराहा म परदेसिया मन के अंड – बंड़ मूर्ति मन मेछा टेंवत ठाढ़े है , जिंकर मन के छत्तीसगढ़ के भूईया बर न कोनो योगदान हे न दूरिहा तक कोनो नाता है ।

जब छत्तीसगढ़िया मन अपन महान पुरखा , देवता धामी , शहीद मन के मूर्ति ल चंऊक – चौराहा म स्थापित करथे त छतीसगढ़िया स्वाभिमान अऊ अस्मिता ल कूचरे खातिर परदेसिया मन प्रशासन ले मिलीभगत करके हमर पुरखा मन के , छत्तीसगढ़ महतारी के मूर्ति तक ल टोरवा के फेंकवा देथे सरईपाली बसना म शहीद वीरनारायण सिंह के मूर्ति फोर के कचरा गाड़ी म जोर के फेंके रहीस त कोरबा म अभी – अभी छत्तीसगढ़ महतारी के स्थापित मूर्ति ल टोर के फेंकवा दिये गीस ।

रईपुर म डॉ खूबचंद बघेल के मूर्ति म गोबर फेंकीन परमपूज्य गुरुबबा घासीदास के चित्र ल शौचालय म चिटकाईन । छत्तीसगढ़ म जगा जगा हमर श्रद्धा के पावन चिन्हा जईतखाम के अपमान करे के हिमाकत ये बहिरहा परदेसिया मन करे है ।

छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना इंकर हर हिमाकत के जबर मुंहतोड़ ईलाज करत आवत है । छत्तीसगढ़िया हो सावचेत हो जाओ , आज अपने राज में छत्तीसगढ़िया कौम ल अपने घर के पता ठिकाना परदेसिया मन ले पूछे ले परत है । एक दिन अपनेच भूईया म सांस लेहे खातिर हमन ल ये बहिरहा मन ले परमिसन लिखवाय ले परही ।

हमर उपर राज करे बर हमरे छत्तीसगढ़िया संस्कृति ल धीमा जहर देके मारे के लगातार कोशिश इन परदेसिया मन करत है । टंगिया के बेंठ बहुत झन छतीसगढ़िया जनप्रतिनिधि मन परप्रांतीय वोट बैंक साधे के भोरहा म एमन ल बढ़ावा देवत आवत है । इंकर भविष्य के छत्तीसगढ़िया भूईया हड़पनीति ‘ ल अनदेखा करके एमन ल राजनैतिक , आर्थिक , प्राशासनिक संरक्षण देवत है । अपनेच छत्तीसगढ़ महतारी ले गद्दारी करत है ।

छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना छत्तीसगढ़ महतारी अऊ छत्तीसगढ़ के जम्मो पुरखा देवता मन के लगातार होवत अपमान अऊ दुर्दशा ल न पहिली सहे हे न अब सहन करय |

आठ सौ साल पहिली रईपुर शहर ल बसाने वाला हमर पुरखा राजा रायसिंह जगत के कुल देवता बुढ़ादेव आय हमर छत्तीसगढ़ के जन – जन के पुरखा देवता हमर मूल देवता हमर कुल देवता बुढ़ादेव ठाकुरदेव के सर्वोच्च मान – गउन करत हमर आदि संस्कृति के विधि – विधान के साथ बुढ़ादेव के मूल स्थान बुढ़ादेव तरिया रईपुर म पुनर्स्थापित करे खातिर आयोजित छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के बुढ़ादेव यात्रा ‘ म जम्मो छत्तीसगढ़िया भाई – बहिनी मन अपन तन – मन – धन लगा के लाखों के संख्या में सकलाओ ।

छत्तीसगढ़ के दसों दिशा ले निकलत सजे – धजे रथ मन म अपन अपन देवगुड़ी , मातादेवाला , देवस्थान मन के एक मुठा माटी ल समर्पित करव । भव्य शोभायात्रा के साथ प्रदेश भर ले लाने इही पावन माटी ले हमर पुरखा देवता चौरा के सिरजन होही ।

आप सबके सहयोग ले छत्तीसगढ़ के मूल संस्कृति रूपी अतेक विशाल चौरा म हमर मूल देवता स्थापित होहीं कि छत्तीसगढ़ में अवैध अतिक्रमण , सांस्कृतिक प्रदूषण बगरावत अऊ बेजा कब्जा करत दिखत परदेसिया संस्कृति हमर बुढ़ादेव तरिया के ही अथाह गहिरी म बूड़ के आपे आप सिरा जही ।

छत्तीसगढ़ में हमेशा बर सबले उंचा ठउर में सिर्फ अऊ सिर्फ हमर आपके मूल छत्तीसगढ़िया संस्कृति ल बिराजित कराय के बड़का मुहिम म छत्तीसगढ़ महतारी आप ले नानकिन आहुति मांगत हे | बताव दिहव न ??

*कार्यक्रम के जोखा *दिन-18अप्रैल 2022(माईआयोजन)*
बेरा-बिहनिया10 बजे ले
ठऊर-बुढ़ादेव तरिया पार,रईपुर (छत्तीसगढ़)

‘किरिया खाथन जम्मो मितान,
हमर गढ़ म हमर भगवान’

‘ पुरखा देवता के सम्मान म,
क्रान्ति सेना मैदान म ‘

‘हमर माटी के हमर देवता,
कुलदेवता हमर मूलदेवता ‘

‘ पुरखादेव के गुनगान करव,
नवा – नवा देवता झन गढ़व ‘

*"छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना"*7694029978
     
      

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