इंटरसिटी चाहिए तो बिलासपुर रेल मंडल के खिलाफ आंदोलन जरूरी : जगदलपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस प्रारंभ हुई थी परंतु समय सारणी ठीक नहीं होने के चलते इसे वर्षों से कर दिये हैं बंद

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इंटरसिटी चाहिए तो बिलासपुर रेल मंडल के खिलाफ आंदोलन जरूरी : जगदलपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस प्रारंभ हुई थी परंतु समय सारणी ठीक नहीं होने के चलते इसे वर्षों से कर दिये हैं बंद

भुवन वर्मा बिलासपुर 19 फरवरी 2022


जगदलपुर । बस्तर परिवहन सुविधा के क्षेत्र में लंबे समय से पिछड़ा हुआ है। बस्तरवासियों के गंभीरतापूर्ण आंदोलन के चलते ही कुछ रेल सुविधाएं विशाखापट्टनम रेल मंडल से प्राप्त हुई है, वही रावघाट रेल परियोजना भी धरातल पर उतरी पर बस्तर के ही चंद रिश्वतखोर अधिकारियों कर्मचारियों तथा व्यवसायियों की मिलीभगत के चलते ही जगदलपुर से रावघाट रेल लाइन परियोजना विवाद में चली गई है। अब मामला कोर्ट में है और हम कोर्ट के खिलाफ आंदोलन नहीं कर सकते।


रायपुर हमारी राजधानी है और यहां लोग सुगमता से पहुंच सके इसलिए दुर्ग – जगदलपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस प्रारंभ हुई थी परंतु समय सारणी ठीक नहीं होने और लगातार घाटा के चलते इसे वर्षों पहले ही बंद कर दिया गया है लेकिन बस संचालकों की मनमानी और लूट खसोट का कोई हल नहीं निकल पाया है।
बस वालों की मनमानी
हर बस्तरवासी जानता है कि बसों में यात्रा करना कितना महंगा और कष्टप्रद हो गया है। सामान्य बसों में रायपुर का किराया फिलहाल ₹550 से लेकर से ₹700 तक कर दिया गया है, वही एक स्लीपर में दो लोगों को जगह देकर दोगुना किराया वसूला जाता है और इस कार्य में यातायात विभाग की संलिप्तता भी स्पष्ट है। बस संचालक विकलांग, सीनियर सिटीजन और महिलाओं को कोई रियायत नहीं देते। बस संचालक जगत रायपुर बस्तर के विभिन्न नगरों के मध्य बसें दौड़ाकर अरबों रुपए कमा चुके हैं परंतु अब तक इस मार्ग में प्रसाधन तो दूर एक प्याऊ भी नहीं बनवा पाए हैं। यात्रियों से दुर्व्यवहार तो आम बात है।
क्यों जरूरी है इंटरसिटी एक्सप्रेस
रेल यात्रा को सुलभ और सुरक्षित माना जाता है। सीट आरक्षित करवाने पर प्रत्येक यात्री को एक स्लीपर उपलब्ध कराया जाता है वही नाबालिगों, विकलांगजनो, सीनियर सिटीजनो को रियायत दी जाती है। रेल में शयन के साथ-साथ लैट्रिन बाथरूम की भी व्यवस्था होती है इसलिए यात्री निश्चिंत होकर यात्रा करते हैं। जगदलपुर – दुर्ग इंटरसिटी एक्सप्रेस में यात्रा करने पर दुर्ग तक का किराया लगभग ₹400 है। रियायत के वांछित यात्रियों को यह यात्रा और सस्ता पड़ता है, जबकि बस वाले ₹550 से लेकर ₹700 तक किराया वसूलते हैं।
समय सारणी में परिवर्तन जरूरी
जगदलपुर से दोपहर लगभग 1:00 बजे निकलने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस दूसरे दिन तड़के 4:00 बजे दुर्ग पहुंचती थी। इस तरह लगभग 15 घंटे की यात्रा होती थी। यात्रियों का एक पूरा दिन और और रात यात्रा में ही कट जाती थी। वैसे भी तड़के 4:00 बजे दुर्ग, रायपुर पहुंचने के बाद यात्रियों को कई अन्य परेशानियों का भी सामना करना पड़ता था। 10:00 बजे के पहले न कोई कार्यालय खुलता है न व्यापारिक प्रतिष्ठान इसलिए इस ट्रेन से यात्रा करने वाले लोगों को 6 घंटे व्यर्थ ही गांव आना पड़ता था। लंबे समय से यह मांग होती रही है कि इंटरसिटी का समय बदला जाए परंतु इस दिशा में हम लगातार विशाखापट्टनम रेल मंडल को ही दोष देते रहे हैं जबकि दुर्ग – जगदलपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस बिलासपुर रेल मंडल के अंतर्गत आती है और बिलासपुर रेल मंडल इस ट्रेन के प्रति पूरी तरह से उदासीन है।
समय परिवर्तन से होगा फायदा
बताते चलें कि बस्तर के सुकमा, किरंदुल, बीजापुर और जगदलपुर से प्रतिदिन शाम 5:00 बजे से लेकर रात 1:00 बजे मध्य 50 से अधिक बसें रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर के लिए प्रस्थान करती है। एक बस में अधिकतम 35 यात्री का अनुपात लगाएं तो प्रतिदिन 50 बसों से लगभग एक हजार सात सौ पचास यात्री रायपुर की तरफ जाते हैं यदि इंटरसिटी एक्सप्रेस को दोपहर 1:00 बजे के बदले शाम 5:00 बजे जगदलपुर से रवाना किया जाए तो यह ट्रेन सुबह 9:00 बजे रायपुर पहुंच जाएगी और कोई भी व्यक्ति 1 घंटे में फ्रेश होकर सरकारी दफ्तर या व्यवसायिक प्रतिष्ठान पहुंच सकता है। ऐसा होने पर इंटरसिटी से दुर्ग रायपुर जाने वालों की संख्या में जबरदस्त इजाफा होगा। पहली बात तो यह कि अब पहले की तरह यात्री बसें रायपुर स्टेशन नहीं जाती और रायपुर में ऑटो रिक्शा वाले मनमाना किराया वसूलते हैं। दूसरा उदाहरण यह कि जब से जगदलपुर- विशाखापट्टन के मध्य नाईट एक्सप्रेस शुरू हुई है। यह ट्रेन कभी घाटे में नहीं चली। वही पैसेंजर से कष्टप्रद यात्रा करने वालों की संख्या घट गई है। इसी तरह का सुखद परिणाम जगदलपुर – दुर्ग इंटरसिटी एक्सप्रेस के चलने से प्राप्त हो सकता है, इसलिए बिलासपुर रेल मंडल पर वांछित दबाव बनाने बेहतर आंदोलन की दरकार है। रावघाट रेल लाइन को बनने में कम से कम 5 साल तो लगेगा लेकिन हमसे जो दुर्ग- जगदलपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस के रूप में जो रेल सुविधा छीन ली गई है, उसके लिए सर्वदलीय मंच, नागरिकों और व्यापारियों की संस्थानों को एकजुट होना।
हेमंत कश्यप, पत्रकार जगदलपुर की रिपोर्ट,,,

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