मृत्यु भोज एक बहुत बड़ी सामाजिक बिडम्बना – शोभाराम पटेल : दलितों और पिछड़े वर्ग के लोंगों को पाखण्ड और झूठे भय दिखाकर बुद्धि और तार्किक क्षमता की धार को की जा रही है कुंद
मृत्यु भोज एक बहुत बड़ी सामाजिक बिडम्बना-शोभाराम पटेल : दलितों और पिछड़े वर्ग के लोंगों को पाखण्ड और झूठे भय दिखाकर बुद्धि और तार्किक क्षमता की धार को की जा रही है कुंद
भुवन वर्मा बिलासपुर 17 अक्टूबर 2021
पनौली(खुटहन),जौनपुर । अर्जक संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी और जनपद अम्बेडकरनगर अर्जक संघ के प्रमुख और अवध परिषद के अध्यक्ष शोभाराम पटेल”मदर्रीश”ने,श्री कामता प्रसाद वर्मा, पूर्व प्रधानाचार्य कृषक इन्टर कॉलेज,बागबहार,आज़मगढ़ की पत्नी स्मृतिशेष इंद्रावती देवी की श्रद्धांजलि सभा में,कहा कि मृत्यु भोज एक बहुत बड़ा सामाजिक कलंक है,बुराई है।उन्होंने तर्क और अनेक वैज्ञानिक दृष्टिकोण तथा महान शिक्षक ज्योर्तिवा फुले,महामना रामस्वरूप वर्मा,पेरियार ललई सिंह यादव,बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा,आर एल चंदा पुरी, महराज सिंह भारती,अरुण गुप्ता आदि के कार्यों और विचारों को प्रस्तुत करते हुए बताया कि किस तरह हम दलितों और पिछड़े वर्ग के लोंगों को पाखण्ड और झूठे भय दिखाकर हमारी बुद्धि और तार्किक क्षमता की धार कुंद की जा रही है।यह एक वर्ग विषेश की साजिश है।श्री पटेल ने यह भी कहा कि हमें समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करते रहने का सतत प्रयास जारी रखना चाहिए।किसी की मृत्यु पर मिष्ठान्न और पूड़ी कचौड़ी खाकर मौत का जश्न मनाना कहाँ तक उचित है आप सभी लोग विचार करिये।डॉ विश्वनाथ वर्मा,एसोसिएट प्रोफेसर एवं अध्यक्ष प्राचीन इतिहास विभाग,श्री हरिश्चन्द्र पी जी कॉलेज वाराणसी ने शोक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मृत्यु भोज का कहीं भी जिक्र नहीं है और न ही यह उचित है।शोक संतप्त परिवार को ढाढ़स बधाने की बात तो दूर हम उसे परेशान करते हैं और मृतक के प्रति असंवेदनशील रवैया अपनाते हुए पकवान का आनंद उठाते हैं।
डॉ वर्मा ने इस अवसर पर विद्यालय में पुस्तकें और आरो (वाटर फ़िल्टर) लगवाने हेतु आग्रह किया। श्री सत्यराम वर्मा,पूर्व प्रधानाचार्य,शास्त्री औद्योगिक इंटर कॉलेज,कासिमपुर, अम्बेडकरनगर ने कुरीति को एक बड़ी सामाजिक बाधा बताया और मृतक भोज के परित्याग की बात किया,पाखंड और आडंबर से दूर रहने का समाज के लोगों का आह्वान किया।अवध परिषद के प्रदेश समन्वयक डॉ ओ पी चौधरी ने भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए माता इंद्रावती जी को एक कर्मशील और ईमानदार महिला बताया ।उनकी स्मृति में आम के दो पेड़ भी लगाए ताकि उनकी स्मृतियां चिरकाल तक बनी रहें,और फल के रूप में उनका आशीर्वाद परिवार को मिलता रहे।डॉ चौधरी ने कामता प्रसाद वर्मा,उनके पुत्र विनोद वर्मा और परिवार के अन्य सभी सदस्यों के इस साहस पूर्ण निर्णय की सराहना किया और कहा कि आपने तेरही न करके पाखंड और ढोंग का ही नहीं एक बहुत बड़े आंदोलन की शुरुआत पनौली में किया है।यह कार्य साहसी और प्रगतिशील विचारों वाले लोग ही कर सकते हैं।मृतका के पुत्र विनोद वर्मा ने बताया कि माता जी काफी संघर्षशील और कर्तव्यनिष्ठ और जिम्मेदार माँ थी।कामता प्रसाद वर्मा ने जीवन के हर परिस्थिति में उनके साथ बिताए गए और सहयोग का जिक्र करते हुए भावुक हो गए।
आज़मगढ़ जनपद से पधारे विनोद वर्मा,कृष्ण देव वर्मा,रामपति मौर्य,लालजी वर्मा,अम्बिका वर्मा,संदीप वर्मा,मनदीप वर्मा,सहित राम शिरोमणि वर्मा,समोधपुर इंटर कॉलेज के भूगोल प्रवक्ता देवेंद्र चौधरी ने भी शोक सभा को संबोधित किया।इस पुष्पांजलि सभा में लालता प्रसाद वर्मा,प्रेम चंद वर्मा, उमाशंकर विश्वकर्मा,अरुण सिंह,शिवपूजन यादव,श्रीमती शकुंतला,नीलम,रचना,अर्चना, राम आसरे, गुलाब यादव,ध्रुव चौधरी,धनंजय वर्मा,प्रह्लाद वर्मा,अनिल वर्मा,मनोज वर्मा आदि सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।यहां यह उल्लेख करना समीचीन प्रतीत होता है कि इस गांव में यह पहला अवसर है जब किसी की तेरही न होकर शोक सभा का आयोजन किया गया है।इसका श्रेय बागबहार निवासी और उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग में तैनात बृजेश वर्मा,उनके अनन्य साथी विनोद वर्मा, कृष्ण देव वर्मा के प्रयास को जाता है,जो निरंतर समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने हेतु प्रयासरत हैं।आज की सभा में तीन जनपद आज़मगढ़,अम्बेडकरनगर,जौनपुर के लोगों के साथ ही वाराणसी से भी कई लोग सम्मिलित हुए।शोक सभा का संचालन राम नवल वर्मा ,अध्यक्षता पनौली के पूर्व ग्राम प्रधान नंदलाल चौधरी एवम धन्यवाद ज्ञापन मनोज वर्मा ने किया।इस मौके पर पनौली निवासी स्मृतिशेष न्यायमूर्ति पी सी वर्मा को भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
डॉ ओ पी चौधरी
संरक्षक,अवधी खबर;समन्वयक,अवध परिषद उत्तर प्रदेश,ब्यूरो प्रतिनिधि,वाराणसी,अस्मिता और स्वाभिमान, बिलासपुर, छत्तीसगढ़।
मो:9415694678