प्रधानमंत्री मोदी के सलाहकार बने रिटायर्ड आईएएस अमित खरे : झारखंड कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा 1985 बैच के रहे अधिकारी

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प्रधानमंत्री मोदी के सलाहकार बने रिटायर्ड आईएएस अमित खरे : झारखंड कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा 1985 बैच के रहे अधिकारी

भुवन वर्मा बिलासपुर 12 अक्टूबर 2021

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

नई दिल्ली – रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर अमित खरे को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सलाहकार नियुक्त किया गया है। झारखंड कैडर (1985) से आने वाले अमित की नियुक्ति अगले दो वर्षों को लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सलाहकार के तौर पर की गई है। सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अमित खरे का पद और वेतनमान वही होगा जो कि भारत सरकार के किसी अन्य सचिव का होता है। खरे की नियुक्ति संविदा (कॉन्ट्रैक्ट) के आधार पर की गई है और पुनर्नियुक्ति को लेकर उन पर सरकार के सभी नियम लागू होंगे। जानकारी के मुताबिक वर्तमान में उनकी यह नियुक्ति दो साल अथवा अगले आदेश तक के लिये है , जिसे बाद में विस्तार भी दिया जा सकता है।
बताते चलें कि अमित खरे का जन्म 1961 में एक कायस्‍थ परिवार में हुआ था और उन्होंने वर्ष 1977 में केंद्रीय विद्यालय हिनू से स्कूली शिक्षा प्राप्त की और फिर सेंट स्टीफंस कॉलेज दिल्ली से ऑनर्स के साथ स्नातक की पढ़ाई पूरी की। उनके एक बड़े भाई अतुल खरे भारतीय विदेश सेवा अधिकारी है। झारखंड कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा 1985 बैच के अधिकारी अमित खरे को बिहार के बहुचर्चित 940 करोड़ रुपये के चारा घोटाले को उजागर करने में उनकी भूमिका के लिये भी जाना जाता है। चारा घोटाला में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को जेल जाना पड़ा। उन्होंने दिसंबर 2019 में शिक्षा मंत्रालय उच्च शिक्षा विभाग के सचिव के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। उसके बाद थोड़े समय के भीतर कैबिनेट द्वारा 29 जुलाई 2020 को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दी गई। वे 30 सितंबर को सचिव (उच्च शिक्षा) के पद से सेवानिवृत्त हुये थे। इनको पीएम मोदी के करीबी के साथ-साथ स्पष्टवादी फैसले लेने और पारदर्शिता के साथ काम करने के लिये जाना जाता है। वे उन कुछ सचिवों में से एक हैं , जिन्होंने एक साथ मानव संसाधन विकास मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के कामकाज को सम्हाला था। देश में लागू की गई नई एजुकेशन पालिसी का ड्राफ्ट तैयार करने में भी उनका अहम योगदान माना जाता रहा है , इसके अलावा डिजिटल मीडिया को लेकर नियम तय करने में भी उनकी अहम भूमिका रही।

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