सावधान अगर आप उपचार व जांच हेतु सिम्स अस्पताल जा रहे हैं : तो जान लीजिए निम्न जांच मशीन काम नहीं कर रही है या खराब है , आपको जांच करानी होगी बाहर से

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सावधान अगर आप उपचार व जांच हेतु सिम्स अस्पताल जा रहे हैं : तो जान लीजिए निम्न जांच मशीन काम नहीं कर रही है या खराब है , आपको जांच करानी होगी बाहर से

भुवन वर्मा बिलासपुर 3 अक्टूबर 2021

बिलासपुर । सिम्स के बदतर हालात के लिए कोई और जवाबदार नहीं है बल्कि सिम्स के चिकित्सकगण ,प्रबंधन में बैठे लोग विभिन्न तरह के जांच पैथोलैब के कर्मचारी और सिम्स के आसपास कुकुरमुत्ता की तरह उगाए निजी एक्सरे सीटी व अन्य जांच सेंटर के संचालक हैं । बिलासपुर सहित अंचल के आम जरूरतमंद लोगों को बेहतर इलाज मिल सके इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा करोड़ों रुपए की बड़ी-बड़ी मशीनें सिम्स में लगाई गई है । लेकिन मशीनों का लाभ मरीज दूर अंचल से आए लोगों को नहीं मिल पा रहे हैं । सिम्स प्रबंधन और स्टाफ पर लगातार आरोप लगते रहे हैं कि जानबूझकर मशीनें को खराब किया जाता है । खराब करना तो ठीक लेकिन महीनों तक सुधर वाया नहीं जाता है । जब सिम्स में जांच नहीं होती तो सामने खुले निजी लैब में लोगों की लंबी लाइन रहती है और फिर मौका होता है मिलीभगत है । कमीशन के खेल में अच्छी भली मशीनों को बिगाड़ दिया जाता है । जिससे सामने दूरदराज से आए मरीज इलाज जांच कराने मजबूर हो जाए इसके लिए पूरा रैकेट सिम्स में वर्षों से सक्रिय है ।
इस कमीशन खोर ग्रुप के तालमेल को आज तक कोई भी सरकार , जन प्रतिनिधि और ना ही कोई सिम्स के प्रशासनिक अधिकारी ने नहीं तोड़ पाया है । यहां वर्षों से फलता फूलता सोची समझी रणनीति के तहत कमीशन खोरी का बेहतर कारोबार साबित हो रहा है ।
निजी लैब में लोगों की लंबी कतारें कभी भी किसी भी दिन आप देख सकते हैं । इस लूट में कौन-कौन हिस्सेदार हैं यह जांच का विषय है । वर्तमान में सिम्स में में 12 जांच मशीनें महीनों से खराब है । ज्ञात हो कि यह मशीनें खरीदने के 4 से 6 महीने के बीच में ही खराब हो गई या खराब कर दी गई हैं । कुछ मशीनें तो अभी वारंटी परेड में भी हैं । विश्वस्त सूत्रों से पता लगा है कि खराब मशीनों को नहीं बनवाने के पीछे सिम्स के सामने खुले निजी जांच सेंटर हैं । अधिकांश जांच सेंटर में सेटिंग का आरोप लगता रहा है । कई डॉक्टर कर्मचारियों का सीधे पार्टनरशिप का भी आरोप लगा है। इसकी जांच सेंटरों की हिमाकत देखिए जांच के लिए सिम्स की पर्ची में सामने जांच सेंटर के नाम लिख कर भेजते हैं ।
सिम्स हॉस्पिटल में बेहतर उपचार हेतु 21 करोड़ में खरीदा गया सिटी स्कैन और एमआरआई मशीन है । जो शुरू होने के 7 महीने बाद ही खराबी आने लगी और मरीजों को बाहर के सेंटरों में सिटी व m.r.i. के लिए भेजा जाता है ।
पिछले सप्ताह इसी एमआरआई के जांच के विषय में सत्ता पार्टी के कार्यकर्ता और विधायक सहित सिम्स के कर्मचारी के बीच जांच को लेकर विवाद भी हुई । जो थाने और एफआईंआर तक पहुंच गई है । इसकी जांच अभी भी लंबित है । विदित हो को कि जिस व्यक्ति के जांच के लिए यह विवाद हुआ था । वह व्यक्ति अब इस दुनिया में नहीं रहे ।

316 कर्मचारी हड़ताल पर,,,
सिम्स के 316 कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से इन कमीशन खोरो और निजी जांच केंद्रों की रोज दिवाली हो रही है । रोज निजी जांच केंद्रों को जांच के लिए भेज कर हजारों रुपये कमिशन में बटोर रहे हैं । दूरदराज से आए हुए परिजनों अपने मरीज की जान बचानी है तो निजी सेंटर से ही जांच करा लेना उचित समझते हैं ।और इसके चलते बड़ा रैकेट का गोरखधंधा जोरों पर चल रहा है सिम से परिसर और निजी सेंटरों की बेहतर तालमेल से सावधान अगर आप उपचार व जांच हेतु सिम्स जा रहे हैं ,तो जान लीजिए

निम्नलिखित मशीन काम नहीं कर रही है या खराब है,,,
*मैमोग्राफी मशीन..
*लिथोट्रिप्सी ..
*डेंटल एक्सरे ..
*एंडोस्कोपी एंड क्लोनोंस्कोपी…

*ब्लड बैंक का आजिटेटर…
*ब्लड का प्लेटलेट्स…

*बायोकेमिस्ट्री का थाइराइड….
*पैथोलॉजी में बॉयोप्सी…
*फॉरेंसिक जांच…
*समस्त प्रकार बिसरा जांच…
उपरोक्त जांचे अभी सिम्स में नहीं हो सकती है …..

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