हिंदी भाषा को सम्मान देने और इसकी व्यापक स्वीकार्यता सुनिश्चित करने के लिये प्रतिवर्ष 14 सितंबर को मनाया जाता है हिंदी दिवस : हिंदी भाषा की अपनी महत्वता और आवश्यकता को याद दिलाता हिन्दी दिवस

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हिंदी भाषा को सम्मान देने और इसकी व्यापक स्वीकार्यता सुनिश्चित करने के लिये प्रतिवर्ष 14 सितंबर को मनाया जाता है हिंदी दिवस : हिंदी भाषा की अपनी महत्वता और आवश्यकता को याद दिलाता हिन्दी दिवस

भुवन वर्मा बिलासपुर 14 सितंबर 2021

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

नई दिल्ली — प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। भारतीयता की पहचान हिंदी भाषा को सम्मान देने और इसकी व्यापक स्वीकार्यता सुनिश्चित करने के लिये प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। य‍ह दिन हिंदी भाषा की महत्‍वता और उसकी नितांत आवश्‍यकता को याद दिलाता है , इस दिन को महत्‍व के साथ याद करना इसलिये जरूरी है , क्‍योंकि अंग्रेजों से आज़ाद होने के बाद यह देशवासियों की स्‍वाधीनता की एक निशानी भी है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने साल 1918 में हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की बात की थी। महात्मा गांधी ने हिंदी साहित्य सम्मेलन के मौके पर ये प्रस्ताव देते हुये हिंदी को जनमानस की भाषा बताया था। चौदह सितबंर 1949 को संविधान सभा में एक मत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया था। जब हिंदी भाषा देश राजभाषा चुनी गई थी , उस समय देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि इस दिन के महत्व को देखते हुए हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाये। इस निर्णय के बाद हिंदी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये राष्ट्रभाषा प्रचार समिति वर्धा के अनुरोध पर 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। राजभाषा के दर्ज में अंग्रेजी को हटाकर हिंदी को चुने जाने पर देश के कुछ हिस्सों में विरोध प्रर्दशन शुरू हो गया था। तमिलनाडु में जनवरी 1965 में भाषा विवाद को लेकर दंगे भी छिड़ गये थे।हिंदी भारत की 22 भाषाओं में से एक है। अधिकतर भारतीय हिंदी को बोलते और समझते हैं। अगर हम आंकड़ों के आधार पर बात करें तो अंग्रेजी , स्पैनिश और मंदारिन के बाद हिंदी दुनियां में चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। उत्तर भारत के राज्यों राजस्थान , उत्तरप्रदेश , हरियाणा , दिल्ली , बिहार , झारखंड , छत्तीसगढ़ , मध्यप्रदेश में हिंदी बोली और समझी जाती है। भारत के साथ ही नेपाल , अमेरिका , मॉरिशस , फिजी , द.अफ्रीका , सूरीनाम , युगांडा सहित दुनियां के कई देश ऐसे हैं जहांँ पर हिंदी बोली जाती है। नेपाल में करीब 80 लाख से ज्यादा हिंदी बोलने वाले रहते हैं। वहीं अमेरिका में हिंदी बोलने वालों की संख्या करीब साढ़े छह लाख से भी ऊपर है। हिंदी दिवस पर हिंदी के प्रसार और प्रचार के लिये कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। इस दिन स्कूल , कॉलेजों में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं। हिंदी दिवस पर हर साल , भारत के राष्ट्रपति दिल्ली में एक समारोह में हिंदी भाषा में अतुलनीय योगदान के लिये लोगों को राजभाषा पुरस्कार से सम्मानित करते हैं। भारत में हिंदी एक मात्र ऐसी भाषा है , जिसे सबसे अधिक बोला, लिखा व पढ़ा जाता है। सन् 1947 में देश आजाद होने के बाद सबसे बड़ा प्रश्न था कि किस भाषा को राष्ट्रीय भाषा बनाया जाये। काफी विचार-विमर्श करने के बाद 14 सितंबर सन् 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया। इसका उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 343 (1) में किया गया है, जिसके अनुसार भारत की राजभाषा ‘हिंदी’ और लिपि ‘देवनागरी’ है। 14 सितंबर 1953 को पहली बार देश में हिंदी दिवस मनाया गया था। हिंदी केवल हमारी मातृभाषा या राष्ट्रभाषा ही नहीं अपितु यह राष्ट्रीय अस्मिता और गौरव का प्रतीक है। भाषा के बिना कोई भी अपनी बात को , अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त नहीं कर पाता। भाषा के जरिये ही विभिन्न प्रकार की संस्कृति को जाना जा सकता है। उसमें हिंदी भाषा बहुत महत्वपूर्ण है। हिंदी में आप सहजता से अपनी बात समझा सकते हैं। हिंदी को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिये 1975 से ‘विश्र्व हिंदी सम्मेलन’ का आयोजन शुरू किया गया।

विलुप्तता के कगार पर हिंदी भाषा

आज शिक्षा , नौकरी हर क्षेत्रों में अंग्रेजी भाषा का पलड़ा भारी है। जिन्हें अंग्रेजी भाषा का समुचित ज्ञान है उसी का हर क्षेत्र में बोलबाला है। यदि लोगों में अंग्रेजी भाषा के प्रति इतना दिलचस्पी की मानसिकता बनी रही तो वह दिन दूर नही जब हिंदी भाषा लोगों के बीच में नाममात्र के लिये रहेगी और अंग्रेजी भाषा का दायरा बढ़ता ही चला जायेगा। इस कारण से आज हमें हिंदी भाषा को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है। यदि हमें हिंदी भाषा के महत्व को जिंदा रखना है तो इसके प्रचार-प्रसार को बढ़ाना होगा। सरकारी और निजी कार्यालयों के कामकाज में हिंदी को प्राथमिकता देनी होगी , अन्यथा हिंदी भाषा विलुप्तता के कगार पर खड़ी दिखायी दे रही है।

पीएम सहित राजनेताओं ने दी बधाई

आज 68 वें हिंदी दिवस पर प्रधानमंत्री पीएम मोदी , केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह , उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू सहित कई राजनेताओं ने देशवासियों को बधाई दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशवासियों को हिंदी दिवस की बधाई देते हुये ट्वीट किया कि हिंदी को एक सक्षम व समर्थ भाषा बनाने में अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों ने उल्लेखनीय भूमिका निभायी है। यह आप सभी के प्रयासों का ही परिणाम है कि वैश्विक मंच पर हिंदी लगातार अपनी मजबूत पहचान बना रही है। 

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