अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय बिलासपुर छत्तीसगढ़ द्वारा अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस पर “हिंदी के अनछुए क्षितिज” विषय पर हुआ आभासी परिचर्चा

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अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय बिलासपुर छत्तीसगढ़ द्वारा अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस पर “हिंदी के अनछुए क्षितिज” विषय पर हुआ आभासी परिचर्चा

भुवन वर्मा बिलासपुर 14 सितंबर 2021

बिलासपुर । अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय बिलासपुर छत्तीसगढ़ द्वारा अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस के उपलक्ष्य पर “हिंदी के अनछुए क्षितिज” विषय पर आभासी परिचर्चा आयोजित किया गया l जिनके अध्यक्ष डॉ पंकज ललित निदेशक भाषा एवं संस्कृति विभाग ,शिमला (हिमाचल प्रदेश) रहे कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति आचार्य एडीएन वाजपेई जी रहेl
डॉ पंकज ललित ने बतलाया की हिंदी समस्त जनमानस की भाषा हैl यह हमारे भावों को उचित अभिव्यक्ति प्रदान करती हैl अतः हमें हिंदी का अधिकाधिक प्रयोग करना चाहिए व हमे अपनी भाषा पर हमें गर्व होना चाहिएl


कार्यक्रम के मुख्य वक्ता माननीय कुलपति आचार्य एडीएन वाजपेई जी ने बतलाया की लॉर्ड माउंटबेटन जैसे कई ब्रिटिश ब्यूरोक्रेट्स ने अंग्रेजी को महत्व देकर देश में एक अलग श्रेष्ठ वर्ग बनाने की कोशिश की व समस्त आम जनमानस को इससे अलग किया गया ताकि जानकारी के अभाव में उनका शोषण किया जा सके व भारत का विकास रोका जा सके इससे हिंदी की अपूरणीय क्षति प्रारंभ हो गई यहां तक न्यायालयों ,संसद, शिक्षा जैसे संस्थानों में भी अंग्रेजी का कब्जा हो गया जिसके कारण हिंदी केवल नाम मात्र की राजभाषा बन कर रह गई वर्तमान में भी सारे कामकाज अंग्रेजी में ही किए जा रहे हैंl उन्होंने बतलाया कि बिना मूल भाषा की उन्नति के कोई भी राष्ट्र उन्नति नहीं कर सकता जितने भी विकसित व विकासशील राष्ट्र हैं वह सभी अपनी भाषा को प्राथमिकता देते हैं l उन्होंने कहा “भाषा रक्षति रक्षित:” जो अपनी मूल भाषा की रक्षा करता है वह भाषा उसकी रक्षा करती है, भारत के समस्त बौद्धिक वर्ग व जनमानस को अपनी मूल भाषा हिंदी के अधिकाधिक प्रयोग से राष्ट्र की उन्नति अपना योगदान सुनिश्चित करना चाहिएl इस आभासी कार्यक्रम के मुख्य संयोजक डॉ सुधीर शर्मा जी रहेl
कार्यक्रम का संचालन सुश्री श्रिया साहू ने किया कार्यक्रम के समन्वयक डॉक्टर सौमित्र तिवारी ने कार्यक्रम के अंत में सभी विद्वान जनों को धन्यवाद ज्ञापित किया कार्यक्रम में डॉ. सीमा बेलोलकर व देशभर के विद्यार्थी ,विद्वत जन व गणमान्य उपस्थित रहेl

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