संत कबीर की महिमा छत्तीसगढ़ के कण-कण में व्याप्त प्रेम , सामाजिक समरता और मानवता के थे कवि- मुख्यमंत्री भूपेश

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संत कबीर की महिमा छत्तीसगढ़ के कण-कण में व्याप्त प्रेम , सामाजिक समरता और मानवता के थे कवि- मुख्यमंत्री भूपेश

भुवन वर्मा बिलासपुर 24 जून 2021

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

रायपुर – संत कबीर की महिमा छत्तीसगढ़ के कण-कण में व्याप्त है। संत कबीर प्रेम , सामाजिक समरता और मानवता के कवि थे। वे एक समाज सुधारक भी थे जिन्होंने सामाजिक कुरीतियों पर कठोरता से प्रहार किया। उनके मानने वाले हर जाति , हर धर्म के लोग हैं। उनके संदेश आज भी समसामयिक हैं। उनकी वाणी को अपने जीवन में उतारने की जरूरत है।
उक्त बातें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संत कबीर जयंती के अवसर पर पत्रकारिता विश्वविद्यालय परिसर में बनने वाले भव्य संत कबीर द्वार के शिलान्यास कार्यक्रम के अवसर पर कहीं। सीएम आज अपने रायपुर निवास कार्यालय में संत कबीर जयंती पर आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस कार्यक्रम में कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जन संचार विश्वविद्यालय रायपुर के प्रशासनिक भवन के गेट का नामकरण संत कबीर के नाम पर किया और संत कबीर द्वार का शिलान्यास किया। उन्होंने कबीर विकास संचार अध्ययन केन्द्र द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में संत कबीर का छत्तीसगढ़ पुस्तक का विमोचन भी किया। इस अवसर पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू , कृषिमंत्री रविन्द्र चौबे , छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन उपस्थित थे। कार्यक्रम के शुरूआत में सीएम बघेल सहित अतिथियों ने संत कबीर साहेब के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि संत कबीर और छत्तीसगढ़ का चोली-दामन का साथ है। कबीर का संदेश छत्तीसगढ़ के गांव-गांव में व्याप्त है। छत्तीसगढ़ के लोगों में संत कबीर और गुरू बाबा घासीदास जी के संदेशों का व्यापक प्रभाव है। इसलिये छत्तीसगढ़ के लोग ईमानदार , संतोषी , विश्वसनीय और जीवन के अर्थ को व्यापक रूप से लेते हैं और इसी कारण से हमारा छत्तीसगढ़ शांति का टापू कहलाता है। उन्होंने आगे कहा कि गुरू समाज को सही रास्ते पर ले जाने का कार्य करते हैं। आज की तेज जीवन शैली में गुरूओं की वाणी हमारे जीवन में शांति ला सकती है। जीवन में आने वाली उलझनों का समाधान भी गुरूओं की वाणी में देखा जा सकता है। छत्तीसगढ़ और भारत की धरती पर अनेक संतों का अवतरण हुआ। चाहे बुद्ध , महावीर की बात कहें या शंकराचार्य , वल्लभाचार्य , गुरू नानकदेव , संत कबीर या गुरू बाबा घासीदास इन महापुरूषों ने अपने समय के सवालों का जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने कबीर जयंती पर कबीर पंथ के सभी अनुयायियों को शुभकामनाएं देते हुये सभी लोगों को संत कबीर के रास्ते पर चलकर छत्तीसगढ़ के नवनिर्माण में सहयोग देने का आव्हान किया। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि संत कबीर ने जीवन जीने का सुगम तरीका बताया, ताकि हम सही रास्ते पर चलें. संत कबीर अंधविश्वास, पाखण्ड, छूआछूत जैसी बुराईयां के सख्त विरोधी थे, उन्होंने सामाजिक बुराईयों पर कड़े शब्दों में प्रहार किया. कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि कबीर और गुरू बाबा घासीदास के विचारों के बदौलत ही छत्तीसगढ़ में आने वाले लोग छत्तीसगढ़ के हो जाते हैं. उनके विचारों के बदौलत ही छत्तीसगढ़ में सबको समाहित करने की विशेषता है। कार्यक्रम का संचालन कबीर विकास संचार अध्ययन केन्द्र के अध्यक्ष कुणाल शुक्ला ने किया। इस अवसर पर डॉ. सुधीर शर्मा , आशीष दुबे , राजू सिंह चंदेल , प्रीति उपाध्याय , कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलसचिव आनंद शंकर बहादुर उपस्थित थे।

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