बेबस माता-पिता ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लिखा मार्मिक पत्र, धमतरी लव जिहाद कांड ..!!
भुवन वर्मा, बिलासपुर 17 अक्टूबर 2019
रायपुर – धमतरी के बहुचर्चित लव जिहाद कांड में पीड़िता अंजली जैन के माता-पिता ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बेहद मार्मिक पत्र लिखा है ! यह पत्र पिता अशोक जैन और माता कविता जैन मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें देना चाहते हैं, लेकिन कई प्रयासों के बावजूद उन्हें मुलाकात का समय नहीं दिया गया है ! अस्मिता और स्वाभिमान उस पत्र को शब्दशः प्रस्तुत कर रहा है –
माननीय श्री भूपेश बघेल जी,
मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़
मेरी बेटी अंजली जैन को लवजेहाद में फंसाकर इब्राहिम सिद्दीकी 2018 में 3 बार विभिन्न कोर्ट में एसडीएम कोर्ट , हाईकोर्ट , सुप्रीम कोर्ट में खड़े करवा चुका है। हर कोर्ट में मेरी बेटी ने माता पिता के साथ जाने का बयान दिया था एवं कोर्ट के आदेशानुसार माता पिता के साथ रह रही थी। कोर्ट से इब्राहिम सिद्दीकी अपने मकसद में सफल नही हो सका तो उसने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के करीब 8 माह बाद पुलिस से साठगांठ करके मेरी बेटी को 17-03-2019 को घर से उठवा दिया और पुलिस मेरी बेटी को धमतरी में सखी सेन्टर होते भी उसे रायपुर सखी सेंटर में रखा,और फिर से एसडीएम का बयान लेकर इब्राहिम को सौपने की कोशिश कर रही थी जिसे माननीय हाई कोर्ट से रुकवाया। छत्तीसगढ़ पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करते हुए यह कृत्य किया है।
आतंकवादी या नक्सलियों के चंगुल से जिस प्रकार रेस्क्यू करके किसी को छुड़ाया जाता है वैसे ही हरकत करके मेरी बेटी को पुलिस दलबल के साथ मेरे घर मे घुसकर बंदूक की नोकपर उठाकर ले गई। जैसे कि माँ बाप आतंकवादी हैं, कितनी जिम्मेदार पुलिस है जो बिना कोई जांच किये ऐसा कृत्य करती है जबकि एसपी धमतरी को हाई कोर्ट से आदेश दिए गए थे कि अशोक कुमार जैन के परिवार को इब्राहिम सिद्दीकी से सुरक्षा देने है, उसी आरोपी के शिकायत आवेदन पर लड़की को उठा लिया और झूठी कहानी बना रहे हैं ,एसपी धमतरी द्वारा हाई कोर्ट में झूठे शपथपत्र दिये गए, क्यों इतना संरक्षण आरोपी को दिया जा रहा है। माँ बाप से जान का खतरा बता रहे हैं। कोई जांच करने की जरूरत नहीं समझे, ऐसा किस कानून में है पुलिस अधीक्षक बता देवे। सेशन कोर्ट एवं हाई कोर्ट से भी आरोपी को जमानत नहीं मिली तो पुलिस ने समय पर चालान पेश नहीं कर उसका लाभ आरोपी को दिलवाकर जमानत दिला दी।
रायपुर सखी सेन्टर में इब्राहिम को अघोषित रूप से सौंप दिया गया है, आज 7 महीने से वो,उसके परिवार और वकील लगातार किस हैसियत से मिल रहे हैं, जबकि हाई कोर्ट का आदेश सिर्फ माता पिता को मिलने का है।
एक नेत्र रोग विशेषज्ञ से मानसिक दशा ठीक है का झूठा प्रमाण पत्र बनवाकर मेरी बेटी की 7 माह से दवाइयां बंद कर दी गई है। कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को कई बार लिखित शिकायत करने के बावजूद कोई ध्यान नहीं दिया गया, सोचिए प्रशासन कितना चिंतित है मेरी बेटी के लिए, एक बार भी नहीं समझा कि आज उनका कर्तव्य क्या होना चाहिए, इसी बात की शपथ दिलाई जाती है। और भी बहुत सारी बातें हैं जो इन लोगों ने किया वह सिर्फ लड़की के जीवन को बर्बाद करने के लिए है और आरोपी को सहयोग कर रहे हैं।
सखी सेंटर में सुरक्षा की दृष्टि से रखा गया है, कोर्ट के आदेश में फोन सुविधा सेण्टर से उपयोग करने की छूट दी गई है, परंतु पुलिस द्वारा एवं आरोपी द्वारा अलग से मोबाइल देकर 24घंटे उसका ब्रेनवॉश किया जा रहा है।सखी सेन्टर में घुसकर मेरी बेटी का विडियो बनाकर वायरल कौन कर रहा है, इस पूरे षडयंत्र के पीछे कौन है और क्यों कर रहा है।
मेरी बेटी जिसका मानसिक उपचार भी बंद है, उस बेचारी को कौन बचाएगा ?
पुलिस इतना मेरी बेटी के जीवन को क्यों बर्बाद करना चाहती है ?
और भी बहुत सारे प्रमाण हैं,आप चाहें तो स्वयं मेरे आमने सामने बैठाकर जाँच कर सकते हैं।आखिर आप ही बताये कि सुप्रीम कोर्ट से बड़ी कौन सी कोर्ट है?
मेरा आपसे विनम्र निवेदन है कि मेरी इस शिकायत एवं सच्चाई पर संज्ञान लेते हुए दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही करने की कृपा करें जिन्होंने एक षडयंत्र करके आपकी सरकार को बदनाम करने की साजिश किया है। मेरी कोई भी बात गलत हो तो मुझे जेल मे डाल देवे।
हर माँ बाप का सपना होता है अपनी बेटी का कन्यादान करे,शायद ये मेरे भाग्य में नहीं है। आप बेटी बढ़ाओ, बेटी बचाव अभियान चलाते है आप मुख्यमंत्री कन्यादान योजना चलाते हैं आज मैं मेरी बेटी आपको सौपता हूँ, आप किसी अच्छे हाथ में इसका कन्यादान कर दीजिए पर इस दरिंदे से बचा लीजिए जिसने कई लड़कियों का जीवन बर्बाद किया है।
प्रार्थी
अशोक जैन पिता
कविता जैन माता
धमतरी छत्तीसगढ़
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