रक्तदान – महादान , कोरोनाकाल में भी जज्बा कायम : ग्रुप के युवा कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते बन रहे मददगार

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रक्तदान – महादान , कोरोनाकाल में भी जज्बा कायम : ग्रुप के युवा कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते बन रहे मददगार

भुवन वर्मा बिलासपुर 11 मई 2021

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

रायपुर — देश भर में तेजी से फैल रहे वैश्विक कोरोना महामारी संकटकाल में सरकार ने संक्रमण को रोकने के लिये लाकडाउन किया हुआ है। ऐसी विषम परिस्थितियों में लोग अपने घर में परिवार के साथ रहकर सुरक्षित महसूस कर रहे है। वहीं जागरूक युवा रक्तदान कर जरूरतमंद लोगों के लिये मददगार बन रहे है। समाज में फैले विभिन्न भ्रांतियों के कारण आज भी युवा पीढ़ी रक्तदान से कतराती है। ऐसे माहौल में कई लोग ऐसे भी हैं , जो बरसों से ब्लड डोनेट कर रहे हैं। कोरोना संकटकाल में भी स्वयं सहायता ब्लड डोनर ग्रुप के सदस्यों का रक्तदान का जज्बा कम नहीं हुआ है। इस ग्रुप के युवा कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुये बेसहारों के लिये सहारा बनकर जरूरतमंदों को निर्बाध गति से रक्तदान कर रहे हैं।
गौरतलब है कि श्रीमति निशा चौबे (52 वर्षीया) का बाल्को मेडिकल सेन्टर , नया रायपुर में पांच मई को सर्जरी (ओवरी) के पहले व बाद में कुल पांच यूनिट ब्लड की जरूरत हुई जिसे समय पर हॉस्पिटल के ब्लड बैंक से ही दिया गया। जिसके एवज में बैंक में ब्लड डोनर द्वारा ब्लड दिया जाना आवश्यक था ताकि आगे भी अन्य जरुरतमंदों के लिये ब्लड की उपलब्धता बनी रहे। इसी बीच मरीज की ओर से अपील पर कोरोना रक्त दान करने वाले कई सम्माननीय संगठनों द्वारा ए पाज़िटिव रक्त की ब्यवस्था करने हेतु सार्थक पहल भी की गयी जो कि सराहनीय व साधुवाद के पात्र हैं। ब्लड डोनेट के लिये बहुत प्रयास किये गये लेकिन सफलता नहीं मिल पायी क्योंकि वर्तमान में कोरोना जैसे भयंकर महामारी की वजह से हालात भयावह है। जहां आज ब्यक्ति घर मे रहकर भी अपने आपको असुरक्षित महसूस कर डरा व सहमा है। इसी बीच स्वयं सहायता ब्लड डोनर ग्रुप के मां कौशल्या की पावन जन्मभूमि चंदखुरी ( रायपुर) निवासी तीन सेवा भावी नवयुवक अनुराग वर्मा , प्रमोद वर्मा और परमेश्वर चौहान ने स्वयं के खर्च पर अस्पताल पहुंचकर नि:स्वार्थ भाव से अपना रक्तदान व प्लेटलेट्स देकर मानवीय संवेदनशीलता का एक जोखिम भरा मिशाल कायम किया। मरीज परिवार के मुखिया के०पी०चौबे ने ऐसे व्यक्तितव के धनी तीनों नवयुवकों को साधुवाद देते हुये कहा कि इनके प्रशंसा के लिये कुछ कहने लायक मेरे पास कोई शब्द ही नही है। ब्लड डोनर ग्रुप के माध्यम से जानकारी मिलते ही अस्पताल पहुंचकर रक्तदान करने वाले मेकेनिकल इंजीनियर अनुराग वर्मा (25 वर्षीय) ने अरविन्द तिवारी से चर्चा करते हुये कहा कि वे मरीज के भतीजे व पब्जी गेम के स्टार प्लेयर क्रिटोस (समीर चौबे) बिलासपुर के फैन हैं। उनके मेसेज पढ़कर ब्लड डोनर की आवश्यकता की जानकारी हमें मिली और हमने बिना देरी किये अस्पताल पहुंचकर ब्लड डोनेट किया। उन्होंने आगे बताया कि जिस शहर से ब्लड डोनेट के लिये फोन /मेसेज आता है , उसके कुछ समय बाद ही ब्लड डोनर लॉकडाउन का पालन करते हुये ब्लड बैंक पहुंच कर डोनेट करते हैं। लोगों से ब्लड डोनेट करने की अपील करते हुये उन्होंने कहा कि रक्तदान अवश्य करें ताकि अस्पतालों एवं ब्लड बैंकों में मरीजों को खून की कमी का सामना करना ना पड़े। डोनेट करने से ब्लड बढ़ता है। वहीं इनके साथी प्रमोद वर्मा और परमेश्वर चौहान ने कहा कि हम भाग्यशाली हैं। आज के ऐसे संकट की घड़ी में किसी भी तरह की मदद करना एक प्रकार से देश सेवा ही है। इस संकट की घड़ी में स्वयं सहायता ब्लड डोनर ग्रुप के युवा साथ खड़े हैं। जो हमेशा किसी भी तरह की परेशानी को दूर करने के लिये कंधे से कंधा मिलाकर साथ देने का तैयार हैं।

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