कुछ विशेष करने की तमन्ना है : पुलिस अधिकारी अंकिता शर्मा में

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कुछ विशेष करने की तमन्ना है : पुलिस अधिकारी अंकिता शर्मा में

भुवन वर्मा बिलासपुर 10 अप्रैल 2021

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

रायपुर — छत्तीसगढ़ी राजगीत अरपा पैरी के धार लिखी साड़ी पहनकर सोशल मीडिया में विशेष जगह बनाने वाली आईपीएस अंकिता शर्मा को लोग सैल्यूट कर रहे हैं। ये फिलहाल छग की राजधानी रायपुर के आजाद चौक थाने में पदस्थ हैं। दुर्ग के एक छोटे से गांव में रहने वाली अंकिता शर्मा ने सरकारी स्कूल में पढ़ाई की। दो बार यूपीएसपी की तैयारी में असफल रहने के बाद तीसरी बार वर्ष 2018 में सफल हुई , उन्हें देश भर में 203 रैंक मिला।

अंकिता होम कैडर पाने वाली छत्तीसगढ़ की पहली महिला आईपीएस है। उनके पति विवेकानंद शुक्ला आर्मी में मेजर हैं। अंकिता को घुड़सवारी व बैडमिंटन का भी खासा शौक है। बीते 26 जनवरी को राजधानी में गणतंत्र दिवस परेड की कमान संभालने वाली पहली महिला पुलिस अधिकारी बनी। यूपीएससी की तैयारी के दौरान ही उनकी शादी हो गई थी , उनके पति विवेकानंद शुक्ला आर्मी में मेजर हैं। पति के साथ रहते हुये उन्हें जम्मू-कश्मीर , हैदराबाद , झांसी जैसे शहरों में भी रहना पड़ा। इन्हें घुड़सवारी करने और बेडमिंटन खेलने का शौक है।

अंकिता शर्मा हर रविवार अपने रूटीन से समय निकालकर गरीब बच्चों को यूपीएसपी की पढ़ाई करवाती है , ताकि पैसे के अभाव में कोई प्रतिभावान बच्चा पीछे ना रह जाये। वे बताती हैं कि अन्य प्रदेशों की तरह छत्तीसगढ़ से भी काफी युवा सिविल सेवा में जाना चाहते हैं, मगर यहां ना तो स्तरीय कोचिंग संस्थान हैं और ना ही युवाओं को ढंग से मार्गदर्शन मिल पाता है। यूपीएससी की तैयारी के दौरान मैंने छत्तीसगढ़ के युवाओं की इस समस्या को करीब से देखा, जाना और ​समझा। इसलिए आईपीएस बनने के बाद छत्तीसगढ़ के युवाओं की इस समस्या के समाधान की दिशा में कदम उठाया है। वे कहती हैं कि महिलायें किसी से कम नही हैं और उन्होंने लोगों की सेवा के लिये वर्दी पहनी है।

इंटस्टाग्राम में अपनी स्टाइलिस्ट फोटो के चलते चर्चे में रहने वाली अंकिता शर्मा नीले रंग की साड़ी जिसमें छत्तीसगढ़ का राजगीत आरपा पैरी के धार लिखा हुआ पहनकर एक बार फिर सोशल मीडिया में छा गई हैं। छत्तीसगढ़ के दुर्ग से स्नातक करने के बाद अंकिता शर्मा ने एमबीए किया। फिर कोई कम्पनी ज्वाइन करने की बजाय आईपीएस बनने के अपने बचपन के ख्वाब को हकीकत में बदलने में जुट गईं। यूपीएससी की तैयारी के लिये दिल्ली पहुंची। यहां छह माह रहीं और वापस घर दुर्ग लौट आईं। आगे की तैयारी घर रहकर ही की और सफल होकर दिखाया।

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