नक्सली कब्जे से जवान राकेश्वर सिंह रिहा

0

नक्सली कब्जे से जवान राकेश्वर सिंह रिहा

भुवन वर्मा बिलासपुर 08 अप्रैल 2021

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

रायपुर – बीजापुर के तर्रेम हमले के बाद से छह दिन पहले बंधक बनाये गये राकेश्वर सिंह मनहास को नक्सलियों के कब्जे से छुड़ा लिया गया है। हालांकि अभी यह साफ नहीं हुआ है कि जवान को छोडऩे के बदले नक्सलियों ने कोई शर्त रखी है या नहीं। कोबरा फोर्स के कमांडो राकेश्वर का परिवार जम्मू के नेत्रकोटि गांव में रहता है। वे सुरक्षा बलों के उस अभियान दल में शामिल थे , जो बीजापुर-सुकमा के जंगलों में नक्सलियों के खात्मे के लिये गया था।राकेश्वर 2011 से सीआरपीएफ में हैं और तीन महीने पहले ही उनकी तैनाती छत्तीसगढ़ में हुई थी। वहीं राकेश्वर सिंह मनहास की रिहाई के बाद जम्मू स्थित उनके घर पर खुशियां छा गई है। उनको सुरक्षित छुड़ाने के लिये लगातार कोशिशें की जा रही थी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवान के सकुशल रिहा होने पर प्रसन्नता ज़ाहिर की हैं। मुख्यमंत्री ने जवान की रिहाई के अभियान में सहयोगी बने श्री धर्मपाल सैनी जी , अन्य सामाजिक संस्थाओ के प्रतिनिधियों और स्थानीय पत्रकारों का आभार व्यक्त किया हैं ।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में तीन अप्रैल को सुरक्षा बलों पर हमला कर नक्सलियों ने राकेश्वर सिंह मनहास को बंधक बना लिया था। इस हमले में जहां 22 जवान शहीद हुये थै वहीं 31 जवान घायल हो गये थे। छह अप्रैल को दो पेज की प्रेस नोट जारी करके नक्सलियों ने लापता जवान के कब्जे में होने की बात कहते हुये उनकी रिहाई के लिये शर्तें रखी थी। राकेश्वर सिंह मनहास कोबरा बटालियन के जवान हैं जो जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं। उनका परिवार लगातार सरकार से अपील कर रहा था कि उसे सुरक्षित वापस लाया जाये। इस बीच छत्तीसगढ़ के तमाम समाजिक संगठन और जवान के परिवार वालों ने जवान को सकुशल रिहा करने की अपील की थी। कोबरा बटालियन के जवान की पत्नी ने सरकार से अपील की थी कि जल्द से जल्द कोई मध्यस्थ भेजकर उनके पति को वापस लाया जाये। जवान के नक्सलियों के कब्जे में होने की खबर सुनते ही परिवार का बुरा हाल था। परिजनों ने कहा था कि जैसे सरकार अभिनंदन को पाकिस्तान से वापस लाई थी, वैसे ही राकेश्वर को भी नक्सलियों के चंगुल से वापस लाये। स्थानीय लोगों ने उनकी रिहाई के लिये प्रदर्शन भी किया था।

सरकार ने गठित की थी मध्यस्थता टीम

कोबरा जवान राकेश्वर सिंह मनहास को छुड़ाने के लिये सरकार ने मध्यस्थता टीम गठित की थी। इसमें पद्मश्री धर्मपाल सैनी , गोंडवाना समाज के अध्यक्ष तेलम बोरैया शामिल थे। सैकड़ों गांववालों की मौजूदगी में राकेश्वर सिंह मनहास को रिहा किया गया। राकेश्वर सिंह मनहास के रिहा होने के बाद उन्हें बासागुड़ा ले जाकर उनका मेडिकल किया गया। नक्सलियों के बुलावे पर जवान को रिहा कराने बस्तर के बीहड़ में वार्ता दल समेत कुल 11 सदस्यीय टीम पहुंची थी।

बिना ऑपरेशन के ही होती रही है रिहाई

बस्तर में नक्सलियों की ओर से जितने भी बड़े अपहरण की घटनायें की गई हैं उनमें बिना ऑपरेशन के ही बंदियों की रिहाई हुई है। कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन से लेकर विदेशी नागरिक जॉन तक को नक्सलियों ने खुद ही रिहा कर दिया है। इनकी रिहाई किसी सैन्य ऑपरेशन के जरिये नहीं हुई है बल्कि आम लोगों , परिजन , मीडियाकर्मियों की अपील और प्रयासों से हुई है।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *