पुरी शंकराचार्य संगठन द्वारा शतचण्डी महायज्ञ कल से

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पुरी शंकराचार्य संगठन द्वारा शतचण्डी महायज्ञ कल से

भुवन वर्मा बिलासपुर 11 फ़रवरी 2021

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

रतनपुर — ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्द्धनमठ पुरीपीठाधीश्वर अनन्तश्री विभूषित श्रीमज्जगद्गुरू शंकराचार्य पूज्यपाद स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वती जी महाराज द्वारा सनातन संस्कृति संरक्षणार्थ एवं राष्ट्र रक्षा हेतु संस्थापित संगठन धर्मसंघ पीठपरिषद् , आदित्यवाहिनी — आनन्द वाहिनी , राष्ट्रोत्कर्ष अभियान , हिन्दू राष्ट्र संघ की छत्तीसगढ़ इकाई महाराज श्री के संदेश के अनुरूप सांगठनिक सक्रियता , आराधना द्वारा आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार जैसे मूल मंत्र के क्रियान्वयन के लिये संकल्पित है।

पुरी शंकराचार्य जी सांगठनिक सफलता एवं सर्वविध उत्कर्ष के लिये सूत्र बताते हैं कि सद्भावपूर्वक सम्वाद के माध्यम से सैद्धान्तिक निर्णय हो , उसके क्रियान्वयन का प्रकल्प हो तो सब प्रकार से उत्कर्ष हो सकता है। व्यक्तिगत जीवन, परिवार और सामाजिक स्तर पर भी सम्वाद का होना आवश्यक है। सद्भावनापूर्वक संवाद के माध्यम से अपने और अन्यों के हित में जो सिद्धान्त निर्धारित हो उसको क्रियान्वित करने का प्रकल्प चलना चाहिये। सफलता का प्रथम सोपान है कि शुद्ध नियत , शुद्ध नीति इसके साथ ही नीति को क्रियान्वित करने की विधा भी व्यवस्थित रहना चाहिये , साथ ही साथ विधा के क्रियान्वयन के लिये चयनित व्यक्ति सदाचार सम्पन्न , संयमी , सूझबूझ सम्पन्न और सक्रिय हो तभी पूर्ण सफलता मिलती है।

ठीक इसी प्रकार पुरी शंकराचार्य जी का कथन है कि आध्यात्मिक ऊर्जा के लिये प्रत्येक साधक को प्रतिदिन सवा घंटे या पन्द्रह पन्द्रह मिनट के लिये दिन में पांच बार आराधना , जप , संकीर्तन अवश्य करना चाहिये। कोरोना संकट के समय आराधना महोत्सव के लिये यही मूल मन्त्र है। छत्तीसगढ़ ईकाई द्वारा झम्मन शास्त्री के आचार्यत्व में विभिन्न धार्मिक स्थलों एवं सिद्धपीठों में आराधना महोत्सव , यज्ञ , पूजन का कार्यक्रम सतत रूप से जारी है। इस क्रम में माँ बम्लेश्वरी डोंगरगढ़ , भोरमदेव मंदिर कवर्धा , हनुमान मंदिर धमतरी , महामाया मंदिर रतनपुर , माँ चन्द्रहासिनी मंदिर चन्द्रपुर ,श्री सुदर्शन संस्थानम् शंकराचार्य आश्रम रायपुर और मदकूद्वीप सरगांव बिलासपुर में यज्ञ , पूजन , रूद्राभिषेक , सहस्त्रार्जुन , प्रवचन नवरात्रि आदि पर्वों में संपादित किया गया।

इसी क्रम में सिद्धपीठ माँ महामाया परिसर में गुप्त नवरात्रि के पावन अवसर पर श्री शतचण्डी महायज्ञ , सहस्त्रार्चन , रूद्राभिषेक , प्रवचन का आयोजन दिनांक कल 12 फरवरी से 20 फरवरी तक आचार्य झम्मन शास्त्री जी के आचार्यत्व में वैदिक विद्वानों द्वारा सम्पन्न होगा। इस दौरान प्रात: कालीन सत्र में 09:00 बजे से यज्ञ , पूजन , रूद्राभिषेक तथा अपरान्ह 03:00 बजे से सहस्त्रार्चन , प्रवचन आयोजित है। धर्मसंघ पीठपरिषद , आदित्यवाहिनी – आनन्दवाहिनी तथा महामाया मन्दिर ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में यह आराधना महोत्सव आयोजित है। साथ ही बिलासपुर संभाग के सभी शिष्यों एवं सनातन धर्मावलंबियों के लिये आत्मकल्याण तथा राष्ट्र कल्याण हेतु कार्य करने के लिये प्रशिक्षण प्राप्त करने का सुअवसर भी है। इस आराधना महोत्सव में सहभागिता हेतु क्षेत्र के सभी भक्तवृन्दों को संगठन के द्वारा आमंत्रित किया गया है कि वे इस अवसर पर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुये उपस्थित होकर पुण्य के भागी बनें ।

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