हर्षा वर्मा ने पैरा आर्ट से बनायी छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर
हर्षा वर्मा ने पैरा आर्ट से बनायी छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर
भुवन वर्मा बिलासपुर 25 जनवरी 2021
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
रायपुर — धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ की बेटी हर्षा वर्मा ने लाकडाऊन में अपने समय का सदुपयोग करते हुये अपनी कला द्वारा धान के पैरा और बीज से छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर गढ़ी है। उनकी इस कला को ना तो हर किसी ने केवल सराहा बल्कि उनकी इस तस्वीर को विश्व स्तर पर सम्मान मिला। इसके साथ ही धान के पैरा से इतने बड़े साइज की पेंटिंग बनाने के लिये उनकी इस कला को गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज करते हुये रिकॉर्ड सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया।
इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुते मंदिर हसौद निवासी कुमारी हर्षा वर्मा (20वर्षीया) ने चर्चा के दौरान अरविन्द तिवारी को बताया कि वह इस समय डिग्री कालेज रायपुर में बीएससी कम्प्यूटर साइंस अंतिम वर्ष की अध्ययनरत छात्रा है। इनके पिता लक्ष्मण वर्मा किराना दुकान चलाते हैं जबकि इन मां सीमा वर्मा कुशल गृहिणी के अलावा महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्षा भी हैं।तीन बहनों में सबसे छोटी हर्षा शुरू से ही मेधावी छात्रा रही हैं जिसे बारहवीं कक्षा तक में हमेशा प्रथम स्थान मिला है। इसके अलावा अभी बीएससी द्वितीय वर्ष की परीक्षा में भी इन्होंने टाप किया था। हर्षा वर्मा ने आगे बताया कि उन्होंने आर्ट कला गर्मी की छुट्टियों में मोनेट जाकर सीखी और वैश्विक कोरोना महामारी के मद्देनजर लाकडाऊन में अपने समय का सदुपयोग कर लगातार दस दिनों तक कठिन मेहनत करके 10 अप्रैल 2020 को साढ़े तीन बाय ढाई का छत्तीसगढ़ महतारी की खूबसूरत पैरा आर्ट तैयार की।
इस पैरा आर्ट को सोशल मीडिया पर हर किसी ने सराहा। इसके पश्चात उनकी इस कृति पर छत्तीसगढ़ के नगरीय प्रशासन मंत्री डाक्टर शिव डहरिया के शासकीय कार्यालय में समक्ष उन्हें गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड का प्रमाणपत्र अधिकृत संवाददाता सोनल राजेश शर्मा की उपस्थिति में दिया गया। इस अवसर पर नगरीय प्रशासन मंत्री ने हर्षा के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुये कहा कि हर्षा ने विश्व स्तर पर केवल मंदिर हसौद ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के गौरव बढ़ाने का काम किया है। इन्होंने छत्तीसगढ़ महतारी को पैरा आर्ट के माध्यम से जिस तरह से प्रस्तुत किया है , वह सचमुच ही प्रशंसनीय है।
कुमारी हर्षा वर्मा ने चर्चा में अरविन्द तिवारी को आगे बताया कि वह धान के पैरे से वर्ष 2013 से अब तक भगतसिंह , स्वामी विवेकानंद , रविन्द्र नाथ टैगोर , सरदार वल्लभ भाई पटेल , अटल बिहारी बाजपेयी , नरेन्द्र मोदी सहित कई महापुरुषों एवं अन्यों की भी आकृति बना चुकी हैं। अभी उन्होंने लगभग एक माह के मेहनत से आठ बाय चार का भारत माता की आकृति बनाई है। छत्तीसगढ़ की महामहिम राज्यपाल ने ये तस्वीर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अवलोकनार्थ भेजने की बात कही है। वहीं हर्षा वर्मा का कहना है कि पैरा आर्ट विरले लोग ही बनाते हैं , धान के पैरा से पेंटिंग बनाना छत्तीसगढ़ के लिये गौरव की बात है। भारत माता की यह अद्भुत तस्वीर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को देश के लिये समर्पित कर उनके हाथों से ही सर्टिफिकेट लेना चाहूंगी। बताते चलें कि हर्षा वर्मा आर्टिस्ट के अलावा एनएसएस वालंटियर्स , शिक्षिका , सोशल वर्कर और नया कदम जन संस्था एनजीओ की अध्यक्षा भी हैं। नया कदम एनजीओ के माध्यम से ये पैड , मास्क एवं जरूरतमंदों को कपड़ा उपलब्ध कराती हैं और गरीब विद्यार्थियों को नि: शुल्क पढ़ाई भी करवाती हैं।