अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद ने मृदुला सिन्हा को दी भावभीनी श्रद्धांजलि

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अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद ने
मृदुला सिन्हा को दी भावभीनी श्रद्धांजलि

भुवन वर्मा बिलासपुर 18 नवम्बर 2020

बिलासपुर । अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद की मार्गदर्शक गोवा की पूर्व राज्यपाल और “विकलांग विमर्श “की प्रथम उपन्यासकार मृदुला सिन्हा के असामयिक निधन पर परिषद ने भावभीनी श्रद्धांजलि का कार्यक्रम रखा । डॉ०विनय कुमार पाठक निदेशक राष्ट्रीय विकलांग विमर्श शोध पीठ ने मृदुला सिन्हा का संस्मरण सुनाते हुए उन्होंने उनकी राजनीतिक और सामाजिक अवदान को उल्लेखनीय निरूपित किया ;वहीं उनके द्वारा लिखित एवं सन 1981 में प्रकाशित ‘ज्यों मेहंदी को रंग’ उपन्यास को विकलांग विमर्श का प्रथम समग्रतः उपन्यास निर्दिष्ट करते हुए उसके महत्व पर प्रकाश डाला ।
डॉ० पाठक ने उनके साथ सम्मिलित समारोहों की चर्चा करते हुए उनकी कथा साहित्य के साथ लोक संस्कृति पर हुए कार्यों को हिंदी साहित्य की निधि निर्दिष्ट किया । मदन मोहन अग्रवाल राष्ट्रीय महामंत्री अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद ने जहाँ उनके सरल सहज व्यक्तित्व की चर्चा की वहीं उसके वैदुष्य से उपलब्ध मार्गदर्शन की सराहना की ।राजेंद्र अग्रवाल राजू राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ने उनके द्वारा राज भवन गोवा में राज्यपाल के रूप में परिषद के पदाधिकारियों व सदस्यों के सम्मान कार्यक्रम को अविस्मरणीय निरूपित किया । उस समय उनकी ओर से मिले आमंत्रण में डॉ ०द्वारिका प्रसाद अग्रवाल के नेतृत्व में परिषद के सक्रिय कार्यकर्ता उपस्थित थे । श्रद्धांजलि कार्यक्रम में 2 मिनट मौन रखकर उनके निधन को परिषद की अपूरणीय क्षति बतलाते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई । कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अभिनेष जैन द्वारा किया गया ।


अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेंद्र राजू अग्रवाल* को उक्क्त अवसर राज्यपाल की आसंदी से माननीय डॉ मृदुला सिन्हा ने गोवा के राजभवन में उत्कृष्ट कार्य हेतु सम्मानित किया था।

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