छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय , भिलाई में आज महिला सशक्तिकरण विषय पर सफल वेबीनार

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छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय , भिलाई में आज महिला सशक्तिकरण विषय पर सफल वेबीनार

भुवन वर्मा बिलासपुर 4 नवम्बर 2020


भिलाई। छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय , भिलाई में आज दिनांक 4 नवंबर 2020 को महिला सशक्तिकरण विषय पर वेबीनार का आयोजन किया गया ।जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ राज्य की गवर्नर महामहिम माननीय सुश्री अनुसुइया उइके शामिल हुई। कार्यक्रम के शुरुआत में तकनीकी विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर मुकेश वर्मा ने कार्यक्रम में शामिल हुये अतिथियों का स्वागत करते हुए इतिहास की घटनाओं एवं तात्कालिक सामाजिक परिपेक्ष में सामाजिक दुर्दशा पर प्रकाश डालते हुए वर्णन किया। माननीय डॉ वर्मा ने कहां यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवताः। वेबिनार पर सारगर्भित रूप से सशक्तिकरण विषय पर बोलते हुए वर्णन किया ,कि धार्मिक ग्रंथों में वेदों में महिला संतों का वर्णन मिलता है ,जैसे गार्गी ,मैत्री । मनुकाल से समाज में स्त्रियों की दशा में गिरावट देखने को मिलता है । बाह्य आक्रमणकारियो और मुग़ल अक्रान्ताओ के आगमन से समाज में कुप्रथाओं का प्रारम्भ देखने को मिलता है । इसा पूर्व लगभग 500 -700 ईसा पूर्व के आसपास के सामाजिक वर्णनों में बाल विवाह, सती प्रथा जैसे कुप्रथाएं का प्रचलन शुरू हुआ और अंधकार का समय प्रारम्भ हुआ ।इस अंधकार के समय में भी परिवर्तनकारी महिलाएं भी हुई जैसे चाँद बीवी , जो दक्षिण भारत में मुगलो को कभी जितने नहीं दी , जीजा बाई का इतिहास में उदहारण देखने को मिलता है, जिसने शिवाजी जैसे नायक को जन्म दिया । जिसने भारत पर मुगलों को टक्कर दी और भी अनेक नायिका हुई है, जैसे रानी लक्ष्मी बाई , एनी बेसेंट , विजय लक्ष्मी पंडित , कस्तूरबा गाँधी , इंदिरा गाँधी , सरोजिनी नायडू , सुचेता कृपलानी जैसे वीरांगनाओ से भारतभूमि भरा हुआ है ।
सुभाष चंद्र बोष द्वारा गठित झांसी रेजिमेंट को लीड करने वाली नायिका कॅप्टन लक्ष्मी सहगल का उल्लेख मिलता है । आज के समय में सामाजिक और राजनैतिक रूप से महिलाओ के अधिकार पर कार्य करने वाली सशक्त महिलाओं में श्रीमती छाया वर्मा सांसद राज्यसभा , श्रीमती ज्योत्सना महंत सांसद लोकसभा , डॉ किरणमयी नायक ,अध्यक्ष महिला आयोग छत्तीसगढ़ , श्रीमती फुलबासन यादव और श्रीमती हेमा साहू का प्रशंसा किया की समाज में जाकर महिलाओ के लिए अपना सर्वस्व दे रही है। वेबिनार के मुख्या अतिथि छत्तीसगढ़ राज्य की राज्यपाल महामहिम सुश्री अनुसुइया उइके ने तकनीकी विश्विद्यालय के कुलपति डॉ वर्मा को वेबिनार पर आमंत्रण और विश्विद्यालय में ऐसे विषय पर वेबिनार का आयोजन करने के लिए साधुवाद दिया और कहा कि वेबिनार को आगे सम्बोधित करते हुए लोकसभा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत ने कहा कि सशक्तिकरण का सही मायनो में अर्थ यह है कि आज महिलाएं निजी फैसले लेने में स्वतंत्रता का अनुभव करे । समाज में पुरुषों के सामान भागीदारी हो , आज लोकसभा में 78 महिलाएं और छत्तीसगढ़ में 14 महिलाये महत्वपूर्ण दायित्व का निर्वहन कर रही है ।कार्यक्रम के आगे सँसद पुरुष्कार के लिए मनोनीत राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा जी ने कहा कि महिलाओ के लिए संविधान द्वारा महिलाओं को 74 वे संसोधन द्वारा प्राप्त आरक्षण से आज महिलाओ कि भागीदारी ग्रामीण स्टार तक सुनिक्षित हुई है। हेमचंद विश्विद्यालय के कुलपति डॉ अरुणा पलटा जी ने कहा कि सभी व्यक्तियों के दृष्टि में सशक्तिकरण कि परिभाषा अलग अलग है , केवल आर्थिक रूप से सशक्त होकर , पद, प्रतिष्ठा प्राप्त करने मात्र से ही महिलाये सशक्त नहीं होती बल्कि एक सफल गृहिणी रहकर भी वह सशक्त है । घर के फैसले लेने में उनकी परामर्श लेना भी इसका उदहारण है । उन्होंने ने महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि बी हीरोइन ऑफ़ योर ओन लाइफ
विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि घर से बाहर निकलकर अध्ययन और काम करने वाली महिलाये यह न सोचे कि पुरुषों की कॉपी करके , मादक पदार्थों का सेवन और अन्य विकृतियों में शामिल होकर ही वह सशक्त हो सकती है । महिलाओ को अपने सामाजिक सीमाओं का ध्यान होना भी उतना ही आवश्यक है। छत्तीसगढ़ की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय जगत में पहचान दिलाने वाली पद्म श्री श्रीमती फुलबासन यादव ने अपने जीवनकाल के संघर्ष और संघर्ष यात्रा के बारे में वर्णन करते हुआ कहा कि कि कैसे एक सामान्य परिवार में जन्म लेकर मैंने जो ह्रदय कि गहराइयों से गरीबी , अशिक्षा , भुखमरी को देखा , उसी दिन से महिलाओ के लिए लड़ने का संकल्प किया । 10 महिलाओ के टीम से स्व सहायता समूह बनाकर शुरुवात की और आज 2 लाख महिलाये कदम से कदम बढाकर समाज में अपनी भागीदारी निभा रही है । महिलाओ को प्रोत्साहित करने के लिए एक सुन्दर गीत भी गाया जीवन में कुछ करना है तो मन को मारे मत बैठो ,आगे-आगे बढ़ना है ,तो हिम्मत हारे मत बैठो,
चलने वाला मंजिल पाता बैठा पीछे रहता है,ठहरा पानी सड़ने लगता ,बहता निर्मल होता है,
पाँव मिले हैं चलने के खातिर ,पाँव पसारे मत बैठो,
तेज दौड़ने वाला खरहा दो पाँव चलकर हार गया,
धीरे-धीरे चलता कछुआ देखो बाजी मार गया,
चलो कदम से कदम मिलाकर दूर किनारे मत बैठो,
धरती चलती, तारे चलते ,चाँद रात भर चलता है,
किरणों का उपहार बांटने सूरज रोज निकलता है,
हवा चले तो महक बिखरे तुम भी प्यारी मत बैठो,
जीवन में कुछ करना है ,तो मन को मारे मत बैठो । अंत में वक्ता के रूप में सामाजिक कार्यकर्त्ता श्रीमती हेमा साहू जी ने कहा कि शासकीय योजनाओ और प्रावधानों के प्रति महिलाओ को जागरूक करने कि आवश्यक्ता है। विश्विद्यालय के कुलसचिव डॉ के के वर्मा जी ने वेबिनार में शामिल होने और बहुमूल्य समय निकलने के लिए माननीया राज्यपाल महोदय के साथ साथ सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया ।

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