नकली बीज, खाद्य व किटनाशक निर्माता और शासन के खिलाफ क्रान्ति सेना ने किया जबर आंदोलन
नकली बीज, खाद्य व किटनाशक निर्माता और शासन के खिलाफ क्रान्ति सेना ने किया जबर आंदोलन
भुवन वर्मा बिलासपुर 04 नवम्बर 2020
रायपुर : छत्तीसगढ़ में नकली बीज, खाद्य व किटनाशक का गोरखधंधा राज्य शासन के संरक्षण में फल फूल रहा है। एक तरफ कांग्रेस सरकार किसानों की हितैषी बताकर किसानों के लिए योजनाएं ला रही है, वही बाहरी गैर छत्तीसगढ़िया कृषि उत्पादक निर्माताओं को मनमानी करने खुली छूट दे रखी हैं। नकली बीज खाद्य किटनाशक से फसल पुरी तरह बर्बाद हो रही है, किसान आत्महत्या करने मजबूर हो गए हैं। छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना मंगलवार को किसानों के पक्ष में बहरी कृषि दवा निर्माता और शासन के खिलाफ रायपुर के बुढ़ा तालाब में एक दिवसीय जबर गोहार आंदोलन किया। प्रदेश भर से किसानों में कृषि दवा निर्माताओं के लिए जबर आक्रोश दिखा, आंदोलन में सेना के कार्यकर्ताओं के साथ भारी संख्या में राज्य के छत्तीसगढ़िया किसान शामिल हुए। सेना पिछले कई बार राज्य सरकार को इन फर्जी कम्पनी के बारे में अवगत कराया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुआ। इससे साफ जाहिर है कि इन फर्जी कंपनियों को राज्य सरकार संरक्षण दे रही है।
छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के कृषि शोधकर्ता कुनाल बघेल व उनकी टीम लगातार इन फर्जी कम्पनी के खिलाफ आवाज उठा रही है, कार्यक्रम के दौरान किसानों द्वारा लाए कृषि दवा के डिब्बे में निर्माता का मोबाइल नंबर में फोन लगाया गया जिसमें गोल-मोल जवाब आया। जैविक खाद बताकर जहर बेच रही हैं, एसिड केमिकल की मात्रा अधिक होती है, राज्य सरकार द्वारा बिना जांच के बिक्री के लिए अनुमति दे दी जाती है। फोन पर शिकायत करते हैं तो निर्माता द्वारा पैसों का अकड़ दिखाते धमकी भी दिया जाता है, जिसका मु तोड़ जवाब क्रान्ति सेना दे रही हैं। प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल सभी दवा निर्माता सप्लायर व राज्य सरकार के उपर जमकर बरसे, फसल बर्बाद देखकर किसान आत्मघाती कदम उठाने मजबूर हो गए हैं। कंपनी व शासन की सांठगांठ से गोरखधंधा चल रहा है, निर्दोष किसानों की मौत का जिम्मेदार शासन व दवा निर्माता हैं।बघेल ने कड़ी चेतावनी के साथ कांग्रेस सरकार को कृषि दवा निर्माता सप्लायर के उपर तत्काल कार्रवाई करने कहा है।
छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के प्रदेश संयोजक गिरधर साहू ने किसानों के पक्ष में क्रान्ति सेना द्वारा विभिन्न मांगों को प्रशासन के सामने दमदारी से रखी है जिसमें ये मुद्दे शामिल हैं – वर्ष 2020 में आत्महत्या करने वाले किसानों को 25-25 लाख रुपए का मुआवजा तत्काल दिया जाए। नक़ली दवाई (जैविक खाद के नाम पर केमिकल) बेचने वाले गैर छत्तीसगढ़िया कृषि व्यापारी उद्योगपति के खिलाफ तत्काल अपराध पंजीबद्ध कर जेल भेजा जाए। कृषि विशेषज्ञ व छत्तीसगढ़िया किसानों का संयुक्त जांच आयोग का गठन कर नक़ली दवाई खाद्य बीज बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई किया जाए। केन्द्र सरकार द्वारा कृषि बिल जिसमें किसानों के धान व्यापारी द्वारा जमाखोरी समर्थन काला कानून को वापस लिया जाए। समर्थन मूल्य के गारंटी हो व कारपोरेट खेती को बंद किया जाय। प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ अजय यादव ने सभी छत्तीसगढ़िया किसानों को एकजुट होकर सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की बात कही, क्रान्ति सेना हमेशा छत्तीसगढ़िया किसानों के पक्ष में लड़ाई लड़ते आई है आगे भी लड़ते रहेंगी। प्रशासन अगर तत्काल कार्रवाई नहीं करेगी तो आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा जिसकी जवाबदारी सरकार की होगी।