कोविड-19 के दौर में अपोलो ने की हृदय की जटिलतम बेंटाल सर्जरी : जटिल हृदय की सर्जरी से डेढ़ साल की बच्ची की मॉ को मिला नया जीवनदान

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कोविड-19 के दौर में अपोलो ने की हृदय की जटिलतम बेंटाल सर्जरी : जटिल हृदय की सर्जरी से डेढ़ साल की बच्ची की मॉ को मिला नया जीवनदान

भुवन वर्मा बिलासपुर 30 अक्टूबर 2020

बिलासपुरः अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर ने जटिल श्बेंटाल प्रकियाश् को पूरा करने के माध्यम से हृदय की सर्जरी में एक और मील का पत्थर स्थापित किया है। कोविड के संदिग्ध लक्षण, मार्फेन सिंड्रोम ;इस सिड्रोम में व्यक्ति के उॅचाई एवं हाथ पैर सामान्य से अधिक लम्बे होते है , एवं वॉल्व में खराबी के साथ संभवतः यह मध्यभारत की अपने तरह की पहली सर्जरी है। यह एक दुर्लभ चिकित्सा स्थिति है और एक चिकित्सा आपातकाल भी है।

डॉ अनुज कुमार, कॉडियोथोरोसिक सर्जन अपोलो हॉस्पिटल्स बिलासपुर एवं इनकी टीम ने इस दोहरी जटिलता वाली बेंटाल सर्जरी को लगभग 13 घण्टों में पूरा किया रोगी श्रीमति प्रियंका झा, आयु 26 वर्ष ने डॉक्टरों की टीम का आभार व्यक्त किया एवं बताया की मैने जीवित रहने की सभी आशाओं को खो दिया था। मैं 29 तारिख को सांस में तकलीफ को लेकर अपोलो हॉस्पिटल आयी थी सीटी स्केन करने के उपरांत कोविड के संदेह के साथ मुझे मेरी इस गंभीर बिमारी के बारे में पता लगा, मेरी डेढ़ साल की बच्ची है । मुझे उसकी बहुत चिंता हुई। मुझे जब इस स्थिति का पता चला तो मुझे लगा की मेरी दुनिया खत्म हो गई है लेकिन अपोलो हॉस्पिटल के डॉक्टर अनुज कुमार ने मुझे आत्मविश्वास और आशा दी जो मुझे आज दुनिया का सामना करने के लिये एक स्वस्थ व्यक्ति बनाता है। मुझे एक नया जीवन देने के लिये अपोलो के डॉक्टरो को हृदय से धन्यवाद।

डॉ अनुज ने बताया कि प्रियंका के केस में सीटी स्केन एवं ईको करने पर पता चला की हृदय से निकलने वाल मुख्य नली ;महाधमनी जो पूरे शरीर मे खून की सप्लाई करती है । अत्यधिक फैल गई है और कभी भी फटकर जानलेवा साबित हो सकती है और साथ ही वॉल्व की खराबी साथ ही सीटी स्क्ेन में कोविड का संदेह इसे और जटिल कर रहा था। खतरों के उचित मुल्यांकन एवं संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उपरांत हृदय की जटिलतम सर्जरी बैंटाल का निर्णय लिया गयां, मुख्य नली ;महाधमनी के साथ समस्याओं को ठीक करने के लिये इस सर्जरी का उपयोग किया जाता है- संक्षिप्त में मुख्य नली ;महाधमनीद्ध को कृत्रिम नली से बदल दिया जाता है। यह सर्जरी अपने आप में हृदय की जटिलतम सर्जरी में गिनी जाती है, महानगरों एवं विदेशों में भी इस सर्जरी के दौरान जान का जोखिम बना रहता है। संपूर्ण शल्य चिकित्सा के दौरान कॉर्डियक एनेथेसिस्ट डॉ रवि की महत्वपूर्ण भूमिका रही। परफ्यूसनिस्ट संजय श्रीवास्तव एवं संपूर्ण कॉर्डियोथोरोसिक टीम के अलावा कॉर्डियोलॉजी डॉ आर. एल. भांजा, इंटरनल मेडिसिन डॉ विजय श्रीवास एवं रेडियोलॉजिस्ट डॉ पवन गुप्ता का विशेष सहयोग रहा।

अपोलो बिलासपुर के युनिट हेड डॉ दीपज्योति दास ने बताया की ये कार्य कोविड महामारी के दौरान और भी चुनौतिपूर्ण रहा अब तक इस प्रकार की अत्यधिक जटिलतम हृदय शल्य चिकित्सा केवल महानगरों में ही संभव थी। इसके पहले भी एंडोवैर्स्कुलर स्टैटिंग एवं लेजर से वेरीकोस वेन का इलाज जैसी जटिलतम शल्य प्रक्रियाएं अपोलो बिलासपुर में सफलतापूर्वक हो चुकी है। इस प्रकार की जटिलतम सर्जरियों का सफलतापुर्वक होना अंचल के लिये वरदान से कम नही है। राज्य के निवासी इससे अवश्य लाभान्वित होंगे।डॉ दास ने बताया कि इस सर्जरी को सफलतापूर्वक करके हमारी कॉर्डियक टीम ने ये साबित कर दिया है कि अब राज्य के लोगो को हॉर्ट कि किसी भी सर्जरी के लिये महानगरों का रूख करने की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने संपूर्ण कॉर्डियोथोरोसिक टीम एवं अपोलो परिवार के सभी सदस्यों को इस अवसर शुभकामनाएं दी।

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