काढ़ा सेवन की सलाह ने बढ़ाई गिलोय के पौधों की मांग : बाजार में उपलब्धता सीमित , घरों में पौधरोपण की तैयारी
काढ़ा सेवन की सलाह ने बढ़ाई गिलोय के पौधों की मांग : बाजार में उपलब्धता सीमित , घरों में पौधरोपण की तैयारी
भुवन वर्मा बिलासपुर 1 अक्टूबर 2020
बिलासपुर- आयुष मंत्रालय की एडवाइजरी ने वर्षो से उपेक्षित गिलोय की ना केवल पूछ परख बढ़ा दी है बल्कि इसके पौधों की मांग भी आश्चर्यजनक रूप से बढ़ी हुई देखी जा रही है। अचानक बढ़ी मांग के बाद इसकी उपलब्धता निजी नर्सरियों के साथ वन विभाग की नर्सरी में भी पौधे तैयार किए जा रहे हैं लेकिन इस समय कृषि विज्ञान केंद्रों में इसके पौधे हैं तो जरूर लेकिन मांग के बाद सलाह दी जा रही है कि जिनके यहां इसके पौधे हैं उसकी कलम की मदद से नए पौधे तैयार किए जा सकते हैं।
कोरोना काल में आयुष मंत्रालय की सलाह पर जोरदार तरीके से काम हो रहा है। देश स्तर पर जारी सलाह के बाद बनाया जा रहा काढ़ा ने गिलोय जैसी वन औषधि की मांग बढ़ा दी है। बाजार में इसकी भरपूर मात्रा में उपलब्धता तो है लेकिन यह अब समाप्ति की राह पकड़ चुका है। इसलिए अब इसके पौधरोपण की ओर ध्यान दिया जा रहा है। कोरोना काल में सूनी पड़ी नर्सरियों के गेट खुल चुके हैं जहां पहुंच रहे लोगों में से अधिकतर की मांग गिलोय के पौधों की हो रही है। कीमत भी मांग के अनुसार लिए जाने की खबर आ रही है।
इसका वानस्पिक नाम(Botanical name) टीनोस्पोरा कॉर्डीफोलिया (tinospora cordifolia है। इसके पत्ते पान के पत्ते जैसे दिखाई देते हैं और जिस पौधे पर यह चढ़ जाती है, उसे मरने नहीं देती। इसके बहुत सारे लाभ आयुर्वेद में बताए गए हैं, जो न केवल आपको सेहतमंद रखते हैं, बल्कि आपकी सुंदरता को भी निखारते हैं।
बढ़ाती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
गिलोय एक ऐसी बेल है, जो व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर उसे बीमारियों से दूर रखती है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं। यह खून को साफ करती है, बैक्टीरिया से लड़ती है। लिवर और किडनी की अच्छी देखभाल भी गिलोय के बहुत सारे कामों में से एक है। ये दोनों ही अंग खून को साफ करने का काम करते हैं।
ठीक करती है बुखार
अगर किसी को बार-बार बुखार आता है तो उसे गिलोय का सेवन करना चाहिए। गिलोय हर तरह के बुखार से लडऩे में मदद करती है। इसलिए डेंगू के मरीजों को भी गिलोय के सेवन की सलाह दी जाती है। डेंगू के अलावा मलेरिया, स्वाइन फ्लू में आने वाले बुखार से भी गिलोय छुटकारा दिलाती है।
ये फायदे-मधुमेह के रोगियों के लिए
गिलोय एक हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट है यानी यह खून में शर्करा की मात्रा को कम करती है। इसलिए इसके सेवन से खून में शर्करा की मात्रा कम हो जाती है, जिसका फायदा टाइप टू डायबिटीज के मरीजों को होता है।
अस्थमा में भी फायदेमंद
मौसम के परिवर्तन पर खासकर सर्दियों में अस्थमा को मरीजों को काफी परेशानी होती है। ऐसे में अस्थमा के मरीजों को नियमित रूप से गिलोय की मोटी डंडी चबानी चाहिए या उसका जूस पीना चाहिए। इससे उन्हें काफी आराम मिलेगा।
गिलोय का प्रयोग ऐसे करें:-
अब आपने गिलोय के फायदे जान लिए हैं, तो यह भी जानिए कि गिलोय को इस्तेमाल कैसे करना है।
गिलोय जूस
गिलोय की डंडियों को छील लें और इसमें पानी मिलाकर मिक्सी में अच्छी तरह पीस लें। छान कर सुबह-सुबह खाली पेट पीएं। अलग-अलग ब्रांड का गिलोय जूस भी बाजार में उपलब्ध है।
काढ़ा
चार इंच लंबी गिलोय की डंडी को छोटा-छोटा काट लें। इन्हें कूट कर एक कप पानी में उबाल लें। पानी आधा होने पर इसे छान कर पीएं। अधिक फायदे के लिए आप इसमें लौंग, अदरक, तुलसी भी डाल सकते हैं।
वर्जन
गिलोय का रोपण इसकी कटिंग से भी किया जा सकता है। इसके पौधे निजी क्षेत्र की नर्सरियों में उपलब्ध है। साथ ही कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र से भी लिए जा सकते हैं।
डॉ अजीत विलियम
साइंटिस्ट फॉरेस्ट्री, टीसीबी कॉलेज ऑफ एग्री एंड रिसर्च स्टेशन बिलासपुर