दक्षिण पश्चिमी हवाओं ने बदली दिशा मानसून वापसी 10 दिन बाद: 10 साल बाद फिर से आया परिवर्तन

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दक्षिण पश्चिमी हवाओं ने बदली दिशा मानसून वापसी 10 दिन बाद:
10 साल बाद फिर से आया परिवर्तन

भुवन वर्मा बिलासपुर 30 सितंबर 2020

बिलासपुर- दक्षिण पश्चिमी हवाओं ने दिशा बदली। इससे मानसून के रुकने का संकेत मिल रहा है। सन 2010 के बाद यह पहली बार है जब वापसी का संकेत देता मानसून फिर से रुकता दिखाई दे रहा है। यह स्थिति अगले 10 दिन तक बने रहने के आसार हैं याने मानसून 10अकटूबर को विदा ले सकता है। इसके असर से एक बार फिर से प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश की संभावना है।

प्रदेश में बारिश के लिए दक्षिण पश्चिम हवाएं अनुरूप मानी जाती है। यह पूर्वानुमान के अनुसार सही समय पर इसने प्रदेश में दस्तक दी। एक और असर यह रहा कि सही समय से पहुंचा मानसून बीच में अल्प बारिश से प्रभावित हुआ लेकिन अगस्त के अंतिम सप्ताह को और सितंबर के प्रथम पखवाड़े में हुई बारिश ने पानी की कमी पूरी कर दी। खेतों में लगी कम अवधि की फसलों मैं लगी बालियां पकने लगी है तो दीर्घ अवधि वाले धान की बालियां निकलती दिखाई दे रही है।

फिर चली दक्षिण पश्चिमी हवाएं

जलवायु परिवर्तन के असर से मानसून प्रवेश और विदाई का समय हमेशा से न केवल प्रभावित होता रहा है बल्कि समय भी बदलता रहा है। सन 2010 के बाद चालू सत्र 2020 भी ऐसी स्थितियों का सामना कर रहा है। जब 10 साल पहले भी दक्षिण पश्चिमी हवाओं ने दिशा बदलने के बाद एक बार फिर से वापसी की स्थिति बना दी थी ठीक वैसे ही स्थिति वर्तमान में बन चली है।

अब 10 अकटूबर को विदा

दक्षिण पश्चिमी हवाएं एक बार फिर से अपनी दिशा बदल चुकी है। इससे संकेत मिल रहे हैं कि यह 10 दिन और सक्रिय रहेगा इसके असर से कहीं हल्की तो कहीं मध्यम बारिश की संभावना है। बड़ी हुई आद्रता इसमें उसकी मदद कर रही है। इसलिए मौसम वैज्ञानिक किसानों को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं और कहा जा रहा है कि खेतों में जलभराव नहीं रहने दे। निकासी की व्यवस्था पक्की करें।

कहां कितनी बारिश

राज्य में बीजापुर 2267.5 मिलीमीटर बारिश के साथ सबसे ज्यादा बारिश वाला जिला बन चुका है तो सरगुजा 821.6 मिली मीटर के साथ सबसे कम बारिश वाला जिला माना गया है। शेष जिलों में सूरजपुर में 1307. 7 मिलीमीटर, बलरामपुर 1292. 3 मिलीमीटर,जशपुर1292.3मिमी, मुंगेली 904.9 मिमी,रायगढ़ 1206.3मिमी, कोरिया 1042.6मिमी, रायपुर1042.1मिमी, बलौदाबाजार 1062 मिमी, गरियाबंद 1189.9मिमी. महासमुंद 1259.5मिमी, धमतरी1116.2 मिमी, बिलासपुर1238.5 मिमी, जांजगीर-चांपा 1315.1 मिमी, नारायणपुर 1555.5मिमी, कोरबा 1330.7मिमी, जीपीएम 1051.3 मिमी, राजनांदगांव917.2मिमी, बेमेतरा1073.1मिमी, कोंडागांव1487.6 मिमी, सूकमा 2486.5 मिमी, दंतेवाड़ा155.5 मिमी, दुर्ग1003.2मिमी, कबीरधाम 943मिमी, बालोद 1020.5 मिमी, बस्तर1367 मिमी, और कांकेर जिले में1020.6मिमी बारिश का होना दर्ज किया गया है।

इन फसलों के लिए अवसर

यह अवधि खरीफ सत्र की विदाई और रबी सत्र के प्रवेश के बीच की अवधि मानी जाती है। इस दौरान उतेरा पद्धति से ली जाने वाली फसलें जिनमें मूंग ,उड़द रमतिल और कुलथी को उपयुक्त माना गया है।
वर्जन
दक्षिण पश्चिमी हवाओं की दिशा बदलने से मानसून की वापसी 10 दिन बाद होने के आसार हैं।

  • डॉक्टर जी के दास, हेड, एग्रो मेटेरोलॉजी इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर

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