श्रीगोवर्धनमठ पुरी में चार दिवसीय हिन्दू राष्ट्रसंघ अधिवेशन 24 सितंबर से : पचास से अधिक देशों के विशेषज्ञ होंगे शामिल

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श्रीगोवर्धनमठ पुरी में चार दिवसीय हिन्दू राष्ट्रसंघ अधिवेशन 24 सितंबर से : पचास से अधिक देशों के विशेषज्ञ होंगे शामिल

भुवन वर्मा बिलासपुर 10 अगस्त 2020

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

जगन्नाथपुरी — ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्धनमठ पुरी में अनन्तश्री विभूषित श्रीमज्जगद्गुरू शंकराचार्य पूज्यपाद स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वती जी के सानिध्य में चार-दिवसीय हिन्दू राष्ट्रसंघ अधिवेशन 24 सितम्बर से 27 सितम्बर तक प्रत्येक दिवस सायं 05:00 बजे से रात्रि 08:30 बजे तक आधुनिक यान्त्रिक विधा के द्वारा सङ्गोष्ठी के रूप में आयोजित किया जायेगा जिसमें 50 से अधिक देशों के विशेषज्ञ सम्मिलित होंगे। गौरतलब है कि श्रीगोवर्धनमठ में चातुर्मास्य में विज्ञान संगोष्ठी , अर्थ संगोष्ठी तथा राजधर्म आदि विषयों पर विशेषज्ञों की सहभागिता के साथ वैदिक शास्त्रसम्मत सिद्धांतों की वर्तमान काल में भी प्रासंगिकता को पुरी शंकराचार्य जी के द्वारा प्रतिपादित किया गया है। सितंबर माह में आयोजित होने वाली संगोष्ठी में वैदिक वाड्मय में हिन्दू ( हिन्दू) शब्द , हिन्दुधर्म की सीमा में विविध पंथ तथा उनमें सामञ्जस्य का स्वस्थ प्रकल्प , अन्यों के हित का ध्यान रखते हुये हिन्दुओं के अस्तित्व और आदर्श की रक्षा के विविध उपाय , एशिया- महाद्वीप के अन्तर्गत प्रथम चरण में भारत, नेपाल और भूटान को हिन्दूराष्ट्र के रूप में ख्यापित करने की परियोजना , गौवंश, विप्र , वेदादि हिन्दुओंके प्रशस्त मानबिन्दुओं की रक्षा के अमोघ उपाय , लोकतान्त्रिक शासनकाल में हिन्दुत्व की रक्षा का अन्तर्निहित प्रकल्प , सबके मूल पूर्वज की परख , हिन्दुत्व का द्योतक सनातन शास्त्रसम्मत मर्यादित जीवन , हिन्दुत्व के उद्गमस्रोत वैदिक – सिद्धान्त को समझने और उसके क्रियान्वयन में प्रमाद के फलस्वरूप क्रिश्चियन आदि विविध तन्त्रों की उद्भावना , अतएव दार्शनिक,वैज्ञानिक और व्यावहारिक धरातलपर वैदिक सिद्धान्तको विश्वस्तर पर यथावत् उद्भासित करने की आवश्यकता , मानवोचित शील की सीमा में विविध तन्त्रों में सामन्जस्य का स्वरूप इन सभी विषयों पर चर्चा की जायेगी। इस अधिवेशन का फेसबुक के माध्यम से सीधा प्रसारण भी जनसामान्य के लिये उपलब्ध रहेगा।

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