मिट्टी के सूक्ष्मजीव बचाने आई स्वायल हेल्थ एनहैंसमेंट टेक्नोलॉजी
मिट्टी के सूक्ष्मजीव बचाने आई स्वायल हेल्थ एनहैंसमेंट टेक्नोलॉजी, बढेगी उर्वरा शक्ति मिलेगा कीट प्रकोप से छुटकारा
भुवन वर्मा बिलासपुर 24 अगस्त 2020
भाटापारा- स्वायल हेल्थ एनहैंसमेंट टेक्नोलॉजी नाम है उस कृषि दवा का जो मिट्टी के सूक्ष्म पोषक तत्वों को बढ़ाते हैं। अजय बायोटेक लिमिटेड पुणे का यह उत्पाद अपने जिले में तेजी से खेतों तक पहुंच बना रहा है। क्योंकि परिणाम अच्छे मिल रहे हैं।
स्वायल हेल्थ कार्ड और मिट्टी में जांच के परिणाम बता रहे हैं कि उर्वरक और कीटनाशक दवाओं का बेतहाशा छिड़काव मिट्टी के पोषक तत्व को न केवल नुकसान पहुंचा रहा है बल्कि उसकी संख्या भी घटा रहा है जिसके परिणाम स्वरूप उर्वरा शक्ति में कमी आने लगी है। इसे ध्यान में रखते हुए इस बाजार में एक ऐसी तकनीक आई है जिसके माध्यम से इस तरह की सभी परेशानियों से किसानों को छुटकारा मिल सकेगा। कीमत भले ही ज्यादा लग रही हो लेकिन परिणाम बेहद उत्साहजनक मिल रहे हैं।
इसलिए एनहैंसमेंट टेक्नोलॉजी
दरअसल जिले में ज्यादा उत्पादन की लालच में मानक से ज्यादा मात्रा में उर्वरक का छिड़काव किया जाता रहा है। विभागीय अमले की लापरवाही इस कदर हावी है कि ना तो सही मार्गदर्शन मिलता ना अधिकारी या कर्मचारी। इसलिए किसान अपनी आधी अधूरी जानकारी के बीच उर्वरक का छिड़काव करते रहे हैं। यही हाल कीटनाशक दवाओं का भी है जिसके लिए भी विभागीय अमला सलाह के समय गायब रहता है। इसलिए यह काम भी किसान अनुमान के आधार पर कर रहे हैं।
मिले यह दुष्परिणाम
विभागीय अमले की गैरमौजूदगी के बीच जिस तरह उर्वरक और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव हो रहा है उसके बाद जिले के किसान भूमि की घटती उर्वरा शक्ति को देखकर चिंता में है। स्वायल हेल्थ कार्ड को बना दिया लेकिन जरूरी मार्गदर्शन नहीं मिलने से घातक परिणाम आने वाले दिनों में देखने में आ सकते हैं।
मदद को आई ये कंपनी
महाराष्ट्र की पुणे स्थित अजय बायोटेक लिमिटेड ने किसानों की इस चिंता को ध्यान में रखते हुए स्वायल हेल्थ एनहैंसमेंट टेक्नोलॉजी नाम से मिट्टी के पोषक तत्व और सूक्ष्म जीव को सहारा देने और उनकी क्षमता बढ़ाने वाली सहायक कृषि सामग्री लॉन्च की है जिसे अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है।
ऐसे करेगा काम
स्वायल हेल्थ एनहैंसमेंट टेक्नोलॉजी का 1 लीटर का पैक भले ही 12 सो रुपए में मिल रहा हो लेकिन इसके उपयोग की विधि के लिए छिड़काव या फिर पानी जाने के रास्ते के मुहाने पर एक टपक पद्धति अपनाई जा सकती है। 1 एकड़ में 1 लीटर की मात्रा से न केवल बेहतर परिणाम हासिल हो रहा है बल्कि मिट्टी के पोषक तत्व भी बढ़ रहे हैं। पौधों का रूप रंग इसका प्रमाण दे रहा है।
“स्वायल हेल्थ एनहैंसमेंट टेक्नोलॉजी मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने में सक्षम है। साथ ही इस के छिड़काव से खत्म हो रहे पोषक तत्व सूक्ष्मजीव की संख्या बढ़ाई जा सकती है” – सुरेश वर्मा, मे. शारदा ऑटोज़ भाटापारा।