खरीफ विपणन सत्र 2020-21 के लिए तीसरा बड़ा फैसला : हर खसरा नंबर में ली गई फसल की होगी फोटोग्राफी ,इधर गिरदावरी टीम के छूटे पसीने, फर्जीवाड़ा करने वालों के उड़े होश

0

खरीफ विपणन सत्र 2020-21 के लिए तीसरा बड़ा फैसला : हर खसरा नंबर में ली गई फसल की होगी फोटोग्राफी ,इधर गिरदावरी टीम के छूटे पसीने, फर्जीवाड़ा करने वालों के उड़े होश

भुवन वर्मा बिलासपुर 23 अगस्त 2020


रायपुर / बलोदा बाजार- अब बोया गया खसरा नंबर के खेत में फसल की भी तस्वीर लेनी होगी। कलेक्टर के इस कड़े आदेश के बाद गिरदावरी के काम में लगे मैदानी अमले के छक्के छूटने लगे हैं तो उन किसानों की भी नींद उड़ा दी है जो येन- केन प्रकारेण बचाव का मौका निकाल कर लाभ उठा लेते थे। ताजा फैसला ऐसे हर काम पर भारी पड़ने जा रहा है जो गैर जरूरी या अवैधानिक काम के रास्ते खोलता रहा है।

पहले खेत का मेड़ बोया गया रकबा से अलग हुआ। फिर कच्चा पक्का शेड और पंप हाउस बाहर किया। अब जो तीसरा फैसला हर खसरा नंबर की फसल की फोटो लेने का लिया गया है उसने गिरदावरी के काम में लगे फील्ड स्टाफ के होश उड़ा दिए हैं तो पहुंच और रसूख वाले किसानों के पसीने छुड़ा दिए हैं जो हमेशा की तरह इस बार भी रकबा बढ़ा कर मिलने वाला लाभ हासिल करने की तैयारी कर रहे थे। यानी खरीफ विपणन सत्र 2021- 22 की तैयारियों की पहली सीढ़ी इतनी मजबूत की जा रही है जिस पर संभलकर कदम नहीं रखा गया तो इस पहली सीढ़ी को बनाने वाले से लेकर कदम रखने वाले को भारी मुसीबत में डाल सकती है।

बड़ा लेकिन कड़ा फैसला

पहले खेत के मेड़ को कुल रकबा से अलग किया गया। कोई खास असर नहीं दिखा लेकिन दूसरे फैसले ने चिंता में डाल दिया। यह कच्चा- पक्का शेड और पंप हाउस को बोया गया रकबा से बाहर करने का था। इससे बचाव के उपाय अभी खोजे ही जा रहे थे कि तीसरे फैसले ने सारी उम्मीद और कोशिश पर पहरा लगा दिया। यह फैसला आदेश, निर्देश ही नहीं भौतिक सत्यापन के रूप में आया कि बोया गया हर खसरा नंबर के खेत की फोटो भी लेनी है। याने फर्जीवाड़ा सभी के सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं।


पंचायतों को भी हिदायत

1 अगस्त से 20 सितंबर तक चलने वाले गिरदावरी के काम में इस कदर कड़ाई है कि इसमें पंचायतों की भागीदारी भी तय कर दी गई है। कलेक्टर ने पंचायतों और गांव के बड़े किसानों को भी हिदायत दी है कि गिरदावरी के काम में लगे मैदानी अमले को पूरा सहयोग करें ताकि हर काम पूरी पारदर्शिता के साथ किया जा सके। किसानों और पंचायतों को खेतों में फसल के अलावा किसी अन्य संरचना की सही जानकारी देने को कहा गया है ताकि बोए गए रकबे की सही और वास्तविक जानकारी मिल सके।



मिलने लगे परिणाम

आदेश जारी करने के तत्काल बाद कलेक्टर आकस्मिक जांच के लिए बलौदा बाजार तहसील के ग्राम सकरी, चांपा, मोहतरा और पलारी तहसील के ग्राम छेरकापुर का दौरा करने पहुंच गए। गिरदावरी के काम में लगी टीम के दस्तावेज का अवलोकन करने के बाद संबंधित रकबे का मिलान करने खेतों तक भी पहुंच गए। रखरखाव में कुछ गलतियां मिलने पर मौके पर ही सुधार करने के निर्देश दिए। देर शाम कामकाज के बाद जिला मुख्यालय तक पहुंची रिपोर्ट में एक सुखद परिणाम देखकर हैरत में पड़ गए कि जिन गांव में काम चल रहा है वहां बोया गया रकबा में पिछले साल की अपेक्षा कुछ कमी आने लगी है।

बोई गई फसल की सही और सटीक जानकारी की प्रमाणिकता के लिए फसल के हर रकबे की तस्वीर अनिवार्य होगी। इसमें जरा भी लापरवाही की तो विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

  • सुनील कुमार जैन ,कलेक्टर, बलोदा बाजार

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *