लालकिले पर प्रधानमंत्री मोदी ने किया ध्वजारोहण

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लालकिले पर प्रधानमंत्री मोदी ने किया ध्वजारोहण

भुवन वर्मा बिलासपुर 15 अगस्त 2020

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

नई दिल्ली — आज ७४ वें स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लगातार सातवीं बार दिल्ली के लालकिले पर ध्वजारोहण किया। लालकिले पर मोदी के साथ लखनऊ की बेटी मेजर श्वेता ने ध्वजारोहण समारोह की कमान सम्हाली। इसके पहले उन्होंने राजघाट पहुँचकर राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को श्रद्धांजलि दी। तत्पश्चात लालकिला कार्यक्रम पहुँचने पर रक्षामंत्री राजनाथसिंह ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने देशवासियों को संबोधित करते हुये कहा कि आज जो हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं, उसके पीछे मां भारती के लाखों बेटों-बेटियों को बलिदान होना पड़ा है। आज ऐसे सभी स्वतंत्रता सेनानियों को, वीर शहीदों को नमन करने त्यौहार है। कोरोना के समय में, अपने जीवन की परवाह किये बिना हमारे डॉक्टर्स, नर्से, पैरामेडिकल स्टाफ, एकर्न्स कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी, एनीके लोग, चौबीसों घंटे लगातार काम कर रहे हैं। ऐसे सभी कोरोना वॉरियर्स को भी मैं आज नमन करता हूंँ।आजादी का पर्व हमारे लिये आजादी के वीरों को याद करके नये संकल्पों की ऊर्जा का एक अवसर होता है। ये हमारे लिये नई उमंग, उत्साह और उत्साह के साथ आता है। अगला आजादी का त्योहार जब हम मनायेंगे तो आजादी के 75 वें वर्ष में प्रवेश करेंगे, तो ये हमारे लिये बहुत बड़ा अवसर है। गुलामी का कोई कालखंड ऐसा नहीं था, जब हिंदुस्तान में किसी कोने में आजादी के लिये प्रयास नहीं हुआ हो, प्राण-अर्पण नहीं हुआ हो।एक प्रकार से जवानी जेलों में खपा दी , ऐसे वीरों को हम नमन करते हैं। पीएम मोदी ने ये भी कहा कि विस्तारवाद की सोच ने कुछ देशों को गुलाम बनाकर ही नहीं छोड़ा, बात वही पर खत्म नहीं हुई। भीषण परिवर्तन और सुंदरता के बीच भी भारत ने आजादी की जंग में कमी और नमी नहीं आने दी।
तमाम प्राकृतिक आपदाओं के बाद भी देश ने अपना विश्वास नहीं खोया। देश को कोरोना के प्रभाव से बाहर निकालना हमारी प्राथमिकता। किम यहाँ शास्त्रों में कहा गया है-सामर्थ्यमूलं स्वातन्त्र्यं, श्रममूलं च वैभवम् .. किसी भी समाज, किसी भी राष्ट्र की आज़ादी का स्रोत उसका तीर्थ्य होता है, और उसके वैभव का, उन्नति प्रगति है स्रोत उसकी श्रम शक्ति होती है। देश के सामान्य नागरिक की मेहनत, उसके परिश्रम का कोई मुकाबला नहीं है। बीते 06 साल में देश में मेहनत करने वाले लोगों के कल्याण के लिये कई योजनायें चलायी गयी हैं। बिना किसी भेद-भाव के, पूरी प्रेरणा के साथ सभी लोगों तक कई योजनाओं के द्वारा मदद पहुँचायी गयी है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में बिना नाम लिये चीन पर भी निशाना साधते हुये कहा कि विस्तारवाद की सोच ने विस्तार के बहुत प्रयास किये हैं। विस्तारवाद की सोच ने सिर्फ कुछ देशों को गुलाम बनाकर ही नहीं छोड़ा, बात वही पर खत्म नहीं हुई। भीषण परिवर्तन और सुंदरता के बीच भी भारत ने आजादी की जंग में कमी और नमी नहीं आने दी। यह नये संकल्पों के लिये उर्जा का अवसर है।भारत जैसे देश के लिये आत्मनिर्भर होना अनिवार्य है।अगर कठिनाईयाँ हैं तो देश के पास समाधान की शक्ति भी है। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में, आधुनिक भारत के निर्माण में, समृद्ध और खुशहाल भारत के निर्माण में, देश की शिक्षा का बहुत बड़ा महत्व है। इसी सोच के साथ देश को तीन दशक के बाद एक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मिली है। देश के हर कोने में इसका स्वागत हो रहा है। आधार पर उन्होंने नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन का ऐलान किया जिसके साथ सभी भारतीयों को एक आईडी मिलेगी इसके साथ ही उन्होंने लड़कियों के शादी की उम्र पर फैसला लेने का भी ऐलान किया। उन्होंने कोरोना पर कहा कि भारत में कोरोना की तीन वैक्सीन पर काम चल रहा है , वैज्ञानिकों के हरी झंडी मिलने की इंतजार है। लाल किले पर आयोजित 74वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिये बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था थी। यहां सुरक्षा के लिये 300 से अधिक कैमरे लगाये गये और लाल किले में लगभग 4,000 जवान तैनात किये गये थे।

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