शिविर में साधकों को शरीर, मन, चेतना को – विकसित करने कराए जा रहे चमत्कारिक प्रयोग : पुलिस ग्राउंड में चल रहा नए दृष्टिकोण वाला शिविर
बिलासपुर। शहर में पहली बार नए दृष्टिकोण वाला शिविर का आयोजन पुलिस ग्राउंड में किया गया है। इसमें सुबह 6 बजे से बिलासपुर की जनता को तन मन धन से स्वस्थ्य रहने हेतु सम्यक आहार, सम्यक व्यायाम व सम्यक नींद से जीवन में आमूल चूल सुधार हेतु दिनचर्या में आंशिक परिवर्तन एवं शरीर, मन, चेतना को विकसित करने चमत्कारिक प्रयोग करवाए जा रहे हैं।
मां सहजोबाई, मां मैत्री, मां गार्गी, मां परमभक्ति, श्रवण, शिवालय, रवि किरण सहित देश के कोने कोने से आए सैकड़ों परम मित्रों यह शिविर लिया जा रहा है। अभी तक लगभग 10 हजार लोगों ने सात्विक, पौष्टिक आहार ग्रहण कर नई अनुभूति प्राप्त की है। अभी इस शिविर में नगर विधायक अमर अग्रवाल, बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक, कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव, जिलाधीश संजय अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह, जिला पंचायत के कार्यकारी अधिकारी संदीप अग्रवाल, रामावतार अग्रवाल, अशोक अग्रवाल, आशा अग्रवाल, राजेश गोयल चक्कू, रायपुर की पूर्व महापौर डॉ किरणमयी नायक, कैलाश बजाज, पायल लाठ, कमलेश अग्रवाल, ललित अग्रवाल, शिव प्रसाद अग्रवाल, विनोद जैन, महेंद्र जैन सहित हजारों की संख्या में लोगों ने तीन दिनों के प्रातः कालीन सत्र का अनुभव प्राप्त किया। पूर्णिमा पर आज शाम 6 बजे से आगामी 6 सत्र इस फाउण्डेशन के संस्थापक पूज्य आलय पहली बार बिलासपुर के साधकों को शरीर, मन और चेतना को विकसित करने अनुपम, अविस्मरणीय, चमत्कारिक प्रयोग करवाएंगे। अभी पूरे भारत वर्ष एवं विदेशों में 4 सौ से भी अधिक नये दृष्टिकोण वाले शिविर आयोजित हो चुके हैं।
सही समय पर सही मात्रा में लें भोजन : मां मैत्री
मां मैत्री ने गुरुवार को सम्यक आहार के संबंध में प्रकाश डालते हुए कहा कि सम्यक आहार सिर्फ एक शारीरिक क्रिया नहीं है, बल्कि एक संपूर्ण जीवन शैली है। जब हम सही समय पर, सही मात्रा में और सही तरीके से भोजन करते हैं, तो हम न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी खुश और शांत रहते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन को सुंदर बनाने सात्विक भोजन लेना होगा। यह हमारे जीवन में आनंद व उर्जा लेकर आएगा। साधना, व्यायाम में आनंद ही आनंद है। यदि अपने पास कोई अच्छा ज्ञान हो तो उसे दूसरे को बांटे ताकि दूसरा व्यक्ति भी उस ज्ञान से अपना जीवन संवार सके। मन व शरीर की शक्तियों व चेतना को जगाने शिविर में आएं। साधना का फल बहुत व्यापक होता है और जरूर मिलता है। संकल्प ही जीवन है। सुबह-शाम संध्या करने से इसके फायदे जरूर होते हैं। उन्होंने बताया कि इस शिविर में शामिल होने के बाद उसे अपने जीवन में फॉलो कर अब तक हज़ारों लोग उच्च रक्तचाप, अस्थमा, माइग्रेन, मधुमेह, कब्ज़, थायरॉइड, हृदय रोग, अवसाद जैसी बीमारियों से मुक्ति पा चुके हैं।
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