मटिया में 50 फीट का जलेगा रावण, होगी भव्य आतिशबाजी : 53 वर्ष से लगातार संयोजक राजेंद्र वर्मा के मार्गदर्शन में हो रहा आयोजन
बारगांव। असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक दशहरा पर्व इस साल 2 अक्टूबर को मनाया जायेगा। इस मौके पर मटिया (बारगांव) में रावण वध को लेकर 50 फीट का रावण बनाने की तैयारी चल रही है। अब रावण को सिर्फ बाहरी आवरण पहनाने का ही काम बचा हुआ है। 2 अक्टूबर की शाम 5 बजे मटिया में दशहरा पर्व मनाया जाएगा। स्थानीय लोग उत्साहित है और बेसब्री के साथ विजयदशमी के समय रामलीला नाट्य मंचन को देखने का इंतजार कर रहे हैं।
आयोजन के संयोजक राजेंद्र वर्मा ने बताया कि वे बड़े बुजुर्गों, महिलाओं के आशीर्वाद व युवा साथियों की उत्सुकता से ही यह आयोजन करा पाना संभव है। गांव की उत्सुकता ही वह अपना खुशी मानते हैं। विगत 1972 से मटिया में प्रतिवर्ष रावण का पुतला दहन व रामलीला नाट्य मंचन भी किया जाता है। उन्होंने बताया कि मटिया का दशहरा आसपास क्षेत्र में चर्चित है। समिति के संयोजक राजेंद्र वर्मा ने बताया कि यह आयोजन पूरी तरह से गांव के युवा साथियों पर निर्भर है। पुतला के लिए बांस काटने से लेकर उसे बांधने और ढांचा तैयार करने में अपना तन मन से एकजुट होकर सहयोग करते है। रावण वध के दौरान सुरक्षा के मानक को पूरा किया जाता है, साथ ही साथ भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए वॉलेंटियर भी तैयार रहते है।
समिति के सदस्य राजेंद्र यादव ने बताया कि रावण वध के दौरान भव्य आतिशबाजी होगी, जिसमे कई तरह के बम और पटाखे लगाए जा रहे है। वहीं समिति के सभी पदाधिकारियों के साथ-साथ आसपास क्षेत्र के जनता से विजयादशमी पर रावण वध कार्यक्रम में शामिल होकर भव्य आतिशबाजी का आनंद उठाने का आह्वान किया है। आयोजन की तैयारी में तुकाराम साहू, सतीश यादव, देवेंद्र वर्मा, सनत चौधरी, छन्नू निषाद, माखन निषाद, बसावन साहू, साधु साहू, टोपसिंह साहू, तेजराम विश्वकर्मा, शिव यादव, धर्मेंद्र पटेल, कमलेश पटेल, बोसेन्द्र पांडेय, धर्मेंद्र साहू, टूम्मन पाटिल, नरसिंह साहू, त्रिलोक साहू, प्रेमलाल साहू, गुड्डू साहू, धनेश साहू, राम रावत, ललित यादव, महेंद्र ध्रुव, मनीराम निर्मलकर, अशोक साहू, कामता साहू, गोकुल साहू, उदे निषाद, शंकर सेन, मुकेश निषाद सहित ग्रामवासी जुटे हुए हैं।
1972 में राजेंद्र वर्मा के मार्गदर्शन में हुई थी शुरुआत
मटिया में रावण दहन की परंपरा काफी पुरानी है। कहा जाता है कि 1972 में राजेंद्र वर्मा के मार्गदर्शन में विजयादशमी पर्व पर पुतला दहन की शुरुआत हुई थी। उस समय रावण का पुतला बनाकर छोटे स्तर पर मनाते थे।मगर बाद में समय के साथ इसकी भव्यता बढ़ी और रावण के विशालकाय पुतला बनाकर भव्य आतिशबाजी भी होने लगी। मटिया के विजयादशमी पर्व आसपास क्षेत्र में चर्चित रहा है, जिसके कारण यहां दशहरा के दिन काफी भीड़ रहती है।
हास्य कलाकार ‘टोपी’ का किरदार रहता है महत्वपूर्ण
दशहरा पर्व पर हास्य कलाकार ‘टोपी’ का किरदार बहुत ही अहम रहता है, वे बीच-बीच में दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। हास्य कलाकार ‘टोपी’ की नटखट से बच्चों को तो अच्छा लगता ही है, साथ ही युवाओं व बुजुर्गों को भी उसका नटखट आनंदित करता है। वे भी पिछले 40 वर्षों से दशहरा पर्व पर अपनी कला से बच्चों के साथ ही बुजुर्गों को भी हंसने के लिए मजबूर कर देता है। उसकी कलाकारी को लोग आज भी पसंद करते हैं, जिसके कारण वे आज भी अपनी कला से लोगों को आनंदित कर रहा है।
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