असुरक्षित निकला पान मसाला : तिल्दा के ग्राम सिनोधा में 11 जून को छापा में अवैध पान मसाला फैक्ट्री से लिए गए सैंपल की जांच रिपोर्ट आई
भुवन वर्मा बिलासपुर 10 जुलाई 2020
रायपुर- तिल्दा के ग्राम सिनोधा में चल रही अवैध पान मसाला फैक्ट्री से जप्त सैंपल की रिपोर्ट में पान मसाला को असुरक्षित पाया गया है। अब इस मामले में खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के नियमों के अनुसार फैक्ट्री संचालक को 1 माह की मोहलत दी जा रही है। इस अवधि में वह प्राधिकरण द्वारा छत्तीसगढ़ के लिए अधिकृत गाजियाबाद या कोलकाता की केंद्रीय प्रयोगशाला में अपने उत्पादन की जांच करवा सकेगा।
कोरोना संक्रमण के दौर मैं तिल्दा के ग्राम सिनोधा की बंद दंतेश्वरी राइस मिल में खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम ने 11 जून को छापा मारकर बड़ी मात्रा में पान मसाला के खाली और पान मसाला से भरे पाउच, कच्ची सामग्री और मशीनें जप्त की थी। जप्त पान मसाला का सैंपल रायपुर भेजा गया था जहां से रिपोर्ट आ चुकी है। इसमें इस पान मसाला को असुरक्षित माना गया है। जांच रिपोर्ट के बाद खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने संबंधित कारोबारी को भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के नियमों के तहत 1 माह की मोहलत देने की तैयारी चालू कर दी है। इस अवधि में वह इस जांच रिपोर्ट के विरुद्ध अपने उत्पाद की जांच सेंट्रल लैबोरेट्री में करवा सकेगा।
क्या था मामला
खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने 11 जून को तिल्दा के ग्राम सिनोधा में अवैध पान मसाला फैक्ट्री में छापा मारा था। यह फैक्ट्री एक बंद राइस मिल के भीतर चल रही थी। जांच में टीम को पान मसाला बनाने की कच्ची सामग्री 20 बोरियों में भरी हुई मिली। जांच में आठ लाख 20 हजार पान मसाले से भरा पाउच और पैकिंग करने की चार मशीनें भी जप्त की गई। जप्त पान मसाला की कीमत 50 लाख रुपए थी। पूछताछ में चालक मनोज शिंदे कारखाना संचालन का कोई प्रमाण पत्र नहीं दे पाया। इसलिए पूरा माल और मशीनें सीज कर दी गई और सैंपल जांच के लिए स्टेट लेबोरेटरी भेजा था। मामला सामने आने के बाद इस कारोबार जगत में हड़कंप मच गया था।
अब आगे क्या?
खाद्य एवं औषधि प्रशासन की स्टेट लेबोरेटरी की रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई चालू कर दी गई है। जिसके मुताबिक संबंधित कारोबारी मनोज शिंदे को 30 दिन की मोहलत दी जा सकेगी। इस अवधि में वह भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा अधिकृत गाजियाबाद या कोलकाता की प्रयोगशाला में अपने उत्पाद का फिर से परीक्षण करवा सकेगा। वहां की रिपोर्ट ने भी यदि स्टेट की रिपोर्ट की पुष्टि कर दी तो आरोपी के खिलाफ न्यायालय में मामला पेश किया जाएगा जहां से प्राधिकरण के नियमानुसार 6 माह से लेकर उम्रकैद की सजा हो सकती है। साथ ही अर्थदंड भी दिया जा सकता है।
सिनोधा की बंद राइस मिल में अवैध पान मसाला फैक्ट्री में जांच के बाद लिए गए सैंपल मैं संबंधित उत्पादन को असुरक्षित पाया गया है। संबंधित कारोबारी को नियमानुसार 30 दिनों की मोहलत दी जाएगी। इस अवधि में वह सेंट्रल लैबोरेट्री में अपने उत्पादन का परीक्षण करवा सकता है। वहां से भी अनसेफ की रिपोर्ट मिलने पर मामला न्यायालय में पेश किया जाएगा।
- डॉ आर के शुक्ला, असिस्टेंट कमिश्नर, खाद्य एवं औषधि प्रशासन रायपुर
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