NTPC-सीपत प्लांट हादसे मृतक के परिजनों को नौकरी का आश्वासन, 10 लाख की मदद
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्थित एनटीपीसी सीपत प्लांट में बुधवार को एक बड़ा हादसा हो गया, जिसने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। यूनिट-5 में मरम्मत के दौरान भारी प्लेटफॉर्म गिरने से पांच ठेका मजदूर उसके नीचे दब गए। हादसे में एक युवक की मौत हो गई, जबकि चार घायल हो गए। इनमें एक की हालत गंभीर बताई जा रही है।
यूनिट-5 में हुआ हादसा
सीपत गांव के पास स्थित एनटीपीसी के 500 मेगावाट क्षमता वाले यूनिट-5 में यह हादसा दोपहर करीब 12 बजे हुआ। मरम्मत के दौरान एयर प्री-हीटर प्लेटफॉर्म अचानक ढह गया। बताया गया है कि शिफ्ट बदलते समय एक अन्य यूनिट में बॉयलर लीक के कारण तकनीकी दबाव बढ़ गया था, जिससे यह हादसा हुआ।
सिम्स में डॉक्टरों ने मृत घोषित किया
मृतक श्रमिक की पहचान श्याम साहू (27) के रूप में हुई है, जो पास के पोड़ी गांव का रहने वाला था। गंभीर रूप से घायल होने के बाद उसे सिम्स अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।चार अन्य मजदूरों में से प्रताप सिंह की हालत नाजुक है और उसका इलाज अपोलो अस्पताल, बिलासपुर में चल रहा है। तीन अन्य को सीपत के एनटीपीसी अस्पताल में प्राथमिक इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है।
ठेका मजदूर थे सभी
हादसे के वक्त सभी श्रमिक मेसर्स गोरखपुर कन्स्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेडके तहत संविदा पर कार्यरत थे। एनटीपीसी के स्थायी कर्मचारी इस हादसे में शामिल नहीं थे।
मुआवज़ा और सहायता
एनटीपीसी सीपत के जनसंपर्क अधिकारी प्रवीण रंजन भारती ने बताया कि दुर्घटना में मृत श्याम साहू के परिजनों को सीपत प्रबंधन और ठेकेदार की ओर से 5-5 लाख रुपये का मुआवज़ा दिया जाएगा। इसके अलावा मृतक की पत्नी को अकुशल/अर्धकुशल संविदा कर्मी के रूप में नौकरी देने का निर्णय लिया गया है। जिला प्रशासन के साथ हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया।
अन्य सहायता में शामिल हैं:
- अंतिम संस्कार के लिए ठेकेदार ने 50,000 रुपये नकद दिए।
- मृतक परिवार को ESIC (कर्मचारी राज्य बीमा योजना) के तहत मिलने वाली सभी सुविधाएं दी जाएंगी।
- प्रताप सिंह के इलाज का पूरा खर्च एनटीपीसी वहन कर रही है।
कलेक्टर और प्रबंधन का बयान
बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने मृतक के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि इस मामले की गहन जांच की जाएगी। यदि कोई लापरवाही सामने आती है तो सख्त कार्रवाई होगी।
सीपत प्रबंधन ने भी मृत श्रमिक के प्रति शोक व्यक्त करते हुए कहा कि परिजनों को हर संभव सहायता दी जाएगी।
घटना के बाद हंगामा, विरोध
हादसे के बाद इलाके में तनाव फैल गया। बड़ी संख्या में मजदूरों के परिजन और ग्रामीण एनटीपीसी गेट के बाहर जमा हो गए। उन्होंने आरोप लगाया कि घटना की जानकारी उन्हें छुपाई गई और प्लांट के अंदर नहीं जाने दिया गया।
प्रदर्शनकारियों के प्रमुख आरोप:
- सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई।
- ठेका मजदूरों को सुरक्षा उपकरण और प्रशिक्षण नहीं मिला।
- प्लेटफॉर्म की समय पर जांच नहीं हुई।
एनटीपीसी की पुरानी घटनाएं भी चर्चा में
यह हादसा एनटीपीसी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है। सीपत एनटीपीसी में ही हर साल कोई न कोई दुर्घटना होती है, जिसमें मजदूर ही हताहत होते रहे हैं। 2017 में यूपी के उंचाहर प्लांट में बॉयलर फटने से 38 मजदूरों की मौत हुई थी। 2023 में आंध्र प्रदेश के सिम्हाद्री प्लांट में दो ठेका मजदूरों की मौत हुई थी। इन सभी मामलों में ठेका मजदूर ही सबसे अधिक प्रभावित हुए थे। इन दुर्घटनाओं में मृतक के परिजनों को 20-20 लाख का मुआवजा और बीमा की राशि मिली थी। सीपत के मामले में अभी ठेकेदार और एनटीपीसी प्रबंधन ने कुल 10 लाख की घोषणा की है।
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