श्रावण मास का अंतिम मंगलवार शिव एवं शक्ति के कृपा प्राप्त करने का मास श्रावण मास – पीतांबरा पीठाधीश्वर आचार्य डॉ. दिनेश महाराज

0
aa9be60d-936a-4e8d-a23f-f34fd8d8ba4e

बिलासपुर।सरकण्डा स्थित श्री पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मंदिर में सावन महोत्सव श्रावण मास मे महारुद्राभिषेकात्मक महायज्ञ नमक चमक विधि द्वारा निरंतर किया जा रहा हैं।11 जुलाई 2025 से आरंभ सावन के अवसर पर त्रिदेव मंदिर में महारुद्राभिषेकात्मक महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा हैं। यह आयोजन 9 अगस्त सावन शुक्ल पूर्णिमा तक निरंतर चलेगा। इस अवसर पर नित्य प्रतिदिन प्रातः 9:00 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव का महारुद्राभिषेक नमक चमक विधि से किया जा रहा है। इसी कड़ी पर सावन मास का अंतिम सोमवार धूमधाम से मनाया गया।

पीतांबरा पीठाधीश्वर आचार्य डॉ. दिनेश जी महाराज ने कहा कि सावन में केवल सोमवार का ही नहीं बल्कि मंगलवार के दिन का भी विशेष महत्व है। सावन मास के हर मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत किया जाता है। मंगला गौरी व्रत विशेष रूप से विवाहित स्त्रियों द्वारा सौभाग्य (सुपतित्व), पति की दीर्घायु और गृह-सुख की वृद्धि के लिए किया जाता है, वहीं कुंवारी कन्याएं मनवांछित वर प्राप्त करने के लिए यह व्रत करती हैं,शास्त्रों और पुराणों में इसका विशेष महत्व बताया गया है,मंगला गौरी का व्रत करने से सभी दुख व कष्ट दूर होते हैं और मां गौरी की कृपा से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है,मंगला गौरी व्रत माता पार्वती (मां गौरी) को समर्पित होता है और मुख्य रूप से वैवाहिक जीवन की सुख-शांति, समृद्धि और पति की लंबी आयु के लिए किया जाता है।इस व्रत को करने से मां गौरी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे वैवाहिक जीवन में प्रेम, विश्वास और आनंद बना रहता है. साथ ही घर में सुख-शांति, ऐश्वर्य और संतान की प्राप्ति का योग भी बनता है। वहीं कुंवारी कन्याओं के लिए जल्द विवाह के योग भी बनते हैं।

विवाह के लिए मंगला गौरी व्रत मां गौरी (पार्वती) को अखंड सौभाग्य की देवी कहा गया है और उन्होंने स्वयं भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था,यही कारण है कि विवाह की इच्छुक कन्याएं मां गौरी का व्रत करती हैं।सावन के हर मंगलवार को यह व्रत रखा जाता है,अविवाहित कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति और शीघ्र विवाह के लिए इस व्रत को करती हैं, ऐसा माना जाता है कि यदि श्रद्धा से यह व्रत रखा जाए, तो मां गौरी गुणवान, स्थिर और सच्चे जीवनसाथी का वरदान देती हैं।

इसी कड़ी में श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव के महारुद्राभिषेक में श्री देवेंद्र मिश्रा श्रीमती आराधना मिश्रा रुद्राक्ष मिश्रा उपस्थित हो पूजन कर पुण्य लाभ प्राप्त किए।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed