छत्तीसगढ़ प्रशासन के ढुलमुल नीति के चलते औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के मेहमान प्रवक्ताओं को विगत 4 माह से वेतन नहीं : बेहद आर्थिक तंगी से गुजरते आईटीआई के प्रवक्ता शिक्षक परिवार
भुवन वर्मा बिलासपुर, 28 जून 2020
रायपुर । छत्तीसगढ़ औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के मेहमान प्राध्यापक / प्रवक्ताओं का मानदेय मार्च से अब तक लंबित है ।शासन की ढुलमुल नीति के चलते आज हजारों परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है । इस परिपेक्ष में राजनांदगांव के सांसद संतोष पांडे ने लिखित पत्र लिखकर श्रम विभाग को यथाशीघ्र मानदेय प्रदान करने बाबत पत्र लिख चुके हैं ।
ज्ञात हो कि छ. ग. में कुल 181 आईटीआई में से लगभग 30 आईटीआई के प्राचार्यो द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करते हुए मेहमान प्रवक्ताओं को मानदेय दे दिया है। शेष बचे लगभग 150 आईटीआई के प्राचार्यो द्वारा संचालनालय रोजगार एवं प्रशिक्षण विभाग से मार्गदर्शन मांगा गया है, जो आज दिनांक तक अप्राप्त है।
ऐसे में छ. ग. के लगभग 500 मेहमान प्रवक्ताओं को विगत 3 माह से मानदेय अप्राप्त होने के कारण आर्थिक एवं मानसिक समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। वही 30 आईटीआई के प्राचार्यों ने अपने अधिकार क्षेत्र का उपयोग करते हुए, अपने मेहमान प्रभावों को भुगतान कर सकते हैं । तो शेष प्राचार्यों ने यह निर्णय क्यों नहीं ली । उन्हें भी मानवता का परिचय देते हुए वैश्विक महामारी कोरोना काल में अपने मेहमान प्रवक्ताओं को सहयोग करते हुए कोरोना कार्यकाल का मानदेह भुगतान करना चाहिए ।
विदित हो कि इस बावत प्रधानमंत्री से लेकर प्रदेशों के मुख्यमंत्रीयों ने भी शासकीय एवम प्राइवेट संस्थाओं से अनेकों बार अपील कर कह चुके हैं ।
यही स्थिति बनी रही तो मेहमान प्रवक्ताओं को कोर्ट के सहारा के अलावा कोई विकल्प नही दिख रहा है ।
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