गायत्री परिवार छत्तीसगढ़ के संरक्षक सदस्य दिलीप पाणिग्रही ने एनएमडीसी का मुख्यालय हैदराबाद से रायपुर लाने केन्द्रीय इस्पात मंत्री को सौंपा ज्ञापन

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भुवन वर्मा बिलासपुर 17 सितंबर 2024

रायपुर: गायत्री परिवार छत्तीसगढ़ के संरक्षक सदस्य दिलीप पाणिग्रही द्वारा राज्य के विभिन्न जनप्रतिनिधियों के साथ सोमवार को माननीय एच. डी. कुमार स्वामी केंद्रीय मंत्री भारी उद्योग एवं इस्पात भारत सरकार नई दिल्ली के छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान रायपुर स्थित माना विमानतल में सौजन्य मुलाकत की गई। उनके द्वारा केन्द्रीय मंत्री को अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक पं. श्रीराम शर्मा आचार्य के सप्तसूत्रीय आंदोलन साधना, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, नारी जानगरण, पर्यावरण संरक्षण, व्यसन मुक्ति एवं कुरीति उन्मूलन पर गायत्री परिवार द्वारा किये जा रहे कार्य से अवगत कराया गया। साथ ही एन.एम.डी.सी. का मुख्यालय हैदराबाद (तेलंगाना) से रायपुर (छत्तीसगढ़) लाने हेतु मांग पत्र सौपा गया। श्री पाणिग्रही ने केन्द्रीय मंत्री से निवेदन किया कि प्रचुर छत्तीसगढ़ राज्य खनिज भंडार युक्त राज्य है एवं यहां के बैलाडीला क्षेत्र में लौह अयस्क के दोहन में एन.एम.डी.सी. लिमिटेड लगभग विगत सात दशकों से संलग्न है। एन.एम.डी.सी. लिमिटेड की अधिकांश लाभकारी इकाइयां छत्तीसगढ़ में संचालित हैं। यह कंपनी अपनी लगभग 80 प्रतिशत लाभ छत्तीसगढ़ से अर्जित करती है। बावजूद इसके एन.एम.डी.सी. लिमिटेड का मुख्यालय हैदराबाद में होना किसी भी सूरत में तर्कसंगत नहीं जान पड़ता है। अपनी स्थापना से ही एन.एम.डी.सी. का रवैया छत्तीसगढ़ प्रदेश एवं यहां के मूल निवासियों व राज्य के कर्मचारियों के प्रति सौतेला रहा है। इन्ही कारणों से विगत पांच दशकों से यहां के मूल निवासी एन.एम.डी.सी. के मुख्यालय को रायपुर छत्तीसगढ़ स्थानांतरण की नियमित रूप से मांग करते रहे हैं। अविभाजित मध्यप्रदेश की विधानसभा में सर्व सम्मति से एन.एम.डी.सी. के मुख्यालय को रायपुर स्थानांतरण का प्रस्ताव 1998 में सर्व सम्मति से पारित कर केंद्र सरकार को अनुशंसा प्रेषित की जा चुकी है।

रत्नगर्भा छत्तीसगढ़ प्रदेश की अस्मिता से जुड़े इस गंभीर विषय पर तत्काल संज्ञान लेते हुए अनुरांध किया कि जनभावनाओं के अनुरूप राज्य सरकार द्वारा अटल नगर नवा रायपुर छत्तीसगढ़ में आबंटित भूमि पर/या नई जगह पर एनएमडीसी मुख्यालय स्थानांतरित की जाए साथ ही रायपुर में स्थित ग्लोबल एक्सप्लोरेशन सेंटर का नाम के अनुरूप पूर्ण रूप से सक्रिय संचालन प्रारंभ किया जाए। वैश्विक स्तर नाम के अनुरूप रायपुर में आर एंड डी सेंटर, खान / भूगर्भ महत्ता के संग्रहालय रॉक म्यूजियम/स्थाई प्रदर्शनी केंद्र भी स्थापित किया जाए। जन-भावनाओं के अनुरूप राज्य सरकार और एनएमडीसी के मध्य एमओयू कर राज्य की खनिज संपदा के गवेषण, दोहन पर वृहत पैमाने पर कार्य प्रारंभ किया जाए। बैलाडीला क्षेत्र में लौह अयस्क डिपॉजिट बेलमुंडी सरायपाली / देवभोग हीरा खदान पर भी संयुक्त उद्यम के माध्यम से कार्य शीघ्र प्रारंभ हो साथ ही नगरनार इस्पात संयंत्र के जगदलपुर में स्थित मुख्यालय का पूर्ण रूप से सक्रिय संचालन प्रारंभ किया जाए। छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को नौकरी में प्राथमिकता दी जाए। मूल निवासी कर्मचारी अधिकारियों के प्रति पदोन्नति, स्थानांतरण सहित अन्य कार्मिक मामलों में सौतेला व्यवहार तत्काल बंद किया जाए। छत्तीसगढ़ प्रदेश निहित सीएसआर, स्पॉन्सरशिप, लोक कल्याणकारी योजनाओं में भागीदारी बढ़ाई जाए। श्री पाणिग्रही ने मांग पत्र के माध्यम से अनुरोध पूर्वक कहा कि तेलंगाना में एन.एम.डी.सी. की लाभकारी इकाई नहीं होने के बावजूद वहां विशेष झुकाव / प्राथमिकता क्यों दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के साथ एनएमडीसी का सौतेला रवैया का अंत कब रुकेगा। धान और खनिज के कटोरे के दोहन के बाद छत्तीसगढ़ महतारी की पीड़ा को समझते हुए, जनाकांक्षाओं के अनुरूप चिर प्रतीक्षित मांग (केवल और केवल) मुख्यालय रायपुर स्थानातरण के द्वारा संभव है, जबकि अब राज्य और केंद्र दोनों जगहों पर डबल इंजिन की सरकार है। अतः जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए स्वीकृति प्रदान की जाये। इस अवसर पर गायत्री परिवार रायपुर के जिला समन्वयक श्री लच्छुराम निषाद एवं अन्य प्रतिनिधि सदस्य उपस्थित थे। केन्द्रीय मंत्री ने श्री एच. डी. कुमार स्वामी ने राज्य की जनता के प्रति की गई इस मांग पर विचार व कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।

लच्छुराम निषाद, जिला समन्वयक गायत्री परिवार रायपुर छ.ग.मोबा. नंबर – 7974136180

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