आखिर शादी के लिये अनुमति लेना क्यों है जरूरी है जब संख्या निर्धारित है : ई-यात्रा पास की तरह, ई-शादी पास क्यों नहीं,,,?

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भुवन वर्मा बिलासपुर 12 जून 2020

तहसील कार्यालय में सैकड़ों लोगों के भीड़ में और कोरोनावायरस बढ़ने की आशंका,
अनुमति पर भी लेनदेन का खेल जोरो पर,कोविड -19 में भी

बिलासपुर । तहसील परिसर में रोज शादी की परमिशन हेतु दूरदराज से अनेक ग्रामीण भटकते हुए देखे जा सकते हैं । जिन्हें तारीख पे तारीख दिया जाता है । जिलादण्डाधिकारी भी इस पर गंभीर नही दिख रहे हैं । प्रशासन ई पास की तरह सुविधा ई शादी पास क्यों नहीं देती, इसके चलते अधि۔/कर्म/ आवेदक सभी महीनों से परेशान हैं । सर्वविदित है कि कोरोनावायरस महामारी के चलते हुए पिछले 78 दिनो से. लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंस का पालन करने के चक्कर में अभी शादी विवाह में ग्रहण लग गया था ।

सैकड़ों लोगों के भीड़ में और कोरोनावायरस बढ़ने की आशंका है । इधर लड़के लड़कियों के बढ़ते उम्र को देखते हुए और माता-पिताओं के विशेष मांग पर सिर्फ 50 की संख्या में मेहमानों की उपस्थिति में वैवाहिक आयोजनों की अनुमति दी जानी है । किंतु इसके लिए अनुमति की जो प्रक्रिया निर्धारित की गई है वह समझ से परे है । स्थानीय तहसील में सैकड़ों लोग आवेदन दे रहे हैं । जिसका निराकरण भी नहीं हो पा रहा है सैकड़ों लोगों के भीड़ में और कोरोनावायरस बढ़ने की आशंका बनी रहती है ।

समय पर अनुमति नहीं मिलने से विवाह में भी बाधा उत्पन्न हो रही है, और युवक-युवतियों के माता-पिता ओं को लगातार तहसील कार्यालय का चक्कर काटना पड़ रहा है । जहां उनको विवाह का तैयारी में लगना था वह अनुमति के लिए तहसील का चक्कर काट रहे हैं । ज्ञात हो कि विवाह का अंतिम मुहूर्त भी इसी माह की 28 तारीख को है । ऐसी स्थिति में समय पर अनुमति नहीं मिलने से बहुत सारे विवाह रुक भी जाएंगे। विवाह की अनुमति प्रक्रिया में लड़की लड़कों के मां-बाप के हाथ पैर फूल रहे हैं । जिस प्रकार यात्रा के लिए चंद मिनट में ही अनुमति प्राप्त हो जाता है, ऑनलाइन ई पास के द्वारा ठीक उसी तरह ई विवाह ईपास का व्यवस्था क्यों नहीं किया जा रहा है ।

शायद विवाह के लिए अनुमति के आड़ में दलाल भी सक्रिय हो गए है। इसके लिए तो सिर्फ यह प्रक्रिया होना था कि जिनके यहां विवाह हुआ है वह एक सादे कागज में आवेदन के साथ शादी आमंत्रण कार्ड संलग्न कर के संबंधित थाने को सूचना करते कि अमुक तारीख को विवाह का आयोजन किया जा रहा है और हम 50 की संख्या में ही मेहमान बुलाएंगे। शपथ देते हुये पूरे नियम और सोशल का डिस्टेंस का पालन करते हुए ही विवाह कार्यक्रम संपन्न करेंगे। समझ से परे है आखिर विवाह के आवेदन में क्या जांच करते होंगे? सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार अधिकारी कर्मचारी भेंट और चढ़ावा देने वाले आवेदक को तत्काल परमिशन दे रहे है । अभिभावक बेहद परेशान शादी की तैयारी करें या तहसील कार्यालय के चक्कर लगाए।

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