डायरिया,मलेरिया,डेंगू,स्वाइन फ्लू और टीकाकरण की लगातार घटनाओं ने बिलासपुर को किया शर्मसार, कोटा में बच्चों के डॉक्टर होते तो शायद बच्चे बच सकते थे-शैलेश

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बिलासपुर/ पिछले कई माह से और जबसे बीजेपी की सरकार आई है तबसे जनता की स्वास्थ्य सेवाएँ नाकाम हुई है ,इसका कारण अपने काम में लापरवाही और ड्यूटी पर नहीं होना और अपर्याप्त फण्ड के कारण प्रत्येक बीमारी में सरकार नाकाम रही है,स्वाइन फ्लू से लगातार मौतें हो रही है और सरकार के पास फण्ड की कमी के चलते सही से इलाज नहीं हो पा रहा है,स्वाइन फ्लू का बेक़ाबू होना ये बता रहा है कि सरकार को जनता की फिक्र नहीं है और सरकार पूरी तरह से नाकाम हो चुकी है।डबल इंजन की सरकार के पास जब फण्ड नहीं है तो फिर जनता को डबल इंजन का लालच देकर धोखा क्यों दिया था।

कोटा के टीकाकरण में सरकार पर लगे आरोप नहीं धुल पायेंगे क्योंकि परिजनों ने अपने मासूम बच्चे खोयें है और उनकी मौत की ज़िम्मेदारी सरकार को लेनी पड़ेगी,सरकार की लापरवाही से मासूम बच्चों के टीकाकरण से खराब तबियत को डॉक्टर नहीं होने के कारण अंजामे मौत हो गया,अगर कोटा में डॉक्टर होते तो शायद बच्चों को बचाया जा सकता था।लेकिन पदस्थ डॉक्टर अपने अटैचमेंट करवा के बिलासपुर में सेवाएँ दे रहे है और ग्रामीण क्षेत्र में कोई काम करना पसंद नहीं करता है।

सरकार ने शुरू से लापरवाही करते हुए पहले डायरिया दूषित पानी से मौतें हुई और उसके बाद मलेरिया से भी लोगों की जाने गई और अब स्वाइन फ्लू से भी लोगो की रोज़ मौत हो रही है और सरकार से बीमारियाँ बेक़ाबू हो चुकी है,सरकारी अमला इन बीमारियों की रोकथाम करने में असफल हो चुका है,नसबंदी कांड और गर्भाशय कांड और अंखफोड़वा कांड जैसे बड़े बड़े कांड बीजेपी पहले ही कर चुकी है इसलिए आज भी जब बीजेपी सत्ता में आयी है तो लगातार रोकथाम में नाकाम हो चुकी है।

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