केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बोले: नशे को रोकने ड्रग पैडलर की सं​पत्ति जब्त करें इसका कारोबार दुनिया के लिए खतरा

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रायपुर/ नवा रायपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) दफ्तर का ऑनलाइन उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि ड्रग्स ट्रैफिकिंग का ट्रेंड बदल रहा है। नशे का कारोबार रोकने के लिए ड्रग पैडलर की संपत्ति जब्त करें, इसमें बिल्कुल भी झिझकें नहीं। उन्होंने कहा कि अवैध ड्रग्स का कारोबार न सिर्फ भारत के लिए चुनौती है, बल्कि यह एक अंतरराष्ट्रीय समस्या है। यदि ठोस रणनीति के साथ आगे बढ़ें, तो देश इस खतरे के खिलाफ लड़ाई जीत सकता है।

शाह ने कहा कि प्रदेश में नशीली दवा का उपयोग 1.45% है और गांजा का उपयोग भी 4.98% है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। शाह ने कहा कि ड्रग्स की तस्करी के मामलों की जांच वैज्ञानिक तरीकों से की जाए। उन्होंने कहा कि हमें टॉप टू बाॅटम और बाटम टू टॉप अप्रोच के साथ काम कर पूरे नेटवर्क को रूथलेस तरीके से ध्वस्त करने की जरूरत है। जब तक पूरे नेटवर्क पर प्रहार नहीं करेंगे, तब तक नशामुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकेंगे। सभी मिलकर नारकोटिक्स के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर आगे बढ़ें।

मोदी के नशामुक्त भारत के संकल्प को पूरा करें। एनसीबी का रायपुर जोनल ऑफिस न सिर्फ राज्य बल्कि पूरे क्षेत्र में नारकोटिक्स पर नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हमारा लक्ष्य है कि देश के हर राज्य में एनसीबी की उपस्थिति हो। मोदी सरकार हर राज्य में एनसीबी के कार्यालय की स्थापना कर राज्य सरकारों के सहयोग से नशे के कारोबार को खत्म करेगी। शाह ने प्रदेश में मादक पदार्थों की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि 2047 तक देश को नशामुक्त भारत बनाना है।

ड्रग्स सिर्फ भारत की ही नहीं बल्कि एक वैश्विक समस्या है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 10 साल में ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई को एक अंजाम तक पहुंचाने में सफल रहे हैं। समीक्षा के दौरान सीएम विष्णुदेव साय, केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, उप-मुख्यमंत्री विजय शर्मा, केन्द्रीय गृह सचिव, निदेशक, आसूचना ब्यूरो, महानिदेशक, एनसीबी, मुख्य सचिव और डीजीपी उपस्थित थे। अमित शाह 3 दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे के बाद रविवार को रायपुर से दिल्ली रवाना हो गए हैं।

शाह ने नार्को कॉर्डिनेशन मैकेनिज़्म के तहत सभी 4 स्तरों पर नियमित बैठकें करने को कहा। हाल ही में शुरू किए गए मानस’ पोर्टल का सभी को उपयोग करना चाहिए। राज्य ड्रग्स के मामलों में वित्तीय जांच के लिए भारत सरकार की एजेंसियों की मदद ले सकते हैं। संयुक्त समन्वय समिति के नियमित उपयोग की ज़रूरत भी है। ड्रग्स के पूरे नेटवर्क को खत्म करने के लिए अंतरराज्यीय मामलों को एनसीबी को सौंपना चाहिए।

नशे के खिलाफ जीतने​ दिए मंत्र: शाह ने कहा कि भारत में ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई को शिद्दत, गंभीरता और एक संपूर्ण रणनीति के साथ लड़ेंगे। तब ही हम इस लड़ाई को जीत सकते हैं। भारत में नारकोटिक्स का अवैध व्यापार राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ जुड़ा हुआ है। ड्रग्स के अवैध व्यापार से अर्जित धन आतंकवाद और वामपंथी उग्रवाद को बढ़ावा देता है। ड्रग्स के डिटेक्शन, नेटवर्क के डिस्ट्रक्शन कल्प्रिट के डिटेंशन और एडिक्ट के पुर्नवास के चार सूत्रों पर चलकर ही हम इस लड़ाई में सफल हो सकते हैं। ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में होल ऑफ गर्वंनमेंट अप्रोच अपनाने से ही हमें पूर्ण सफलता मिलेगी।

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