आधी रात सड़क पर उतरीं महिलाएं: बोलीं- हमें हर रात की सूनसान गलियों में चाहिए सुरक्षा, क्योंकि ये सड़क केवल पुरुषों का नहीं, निकाला मसााल जुलूस
बिलासपुर/ छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में ‘मेरी रात मेरी सड़क’ समूह के लोगों ने गुरुवार रात नाइट मार्च का आयोजन किया, इसमें देश में महिलाओं के प्रति लगातार हो रहे अत्याचार, गैंगरेप और यौन हिंसा जैसे ज्वलंत मुद्दों पर महिलाओं ने खुलकर बात की और कहा कि जब कोलकाता जैसे रेप-मर्डर केस होता है तभी महिलाओं की सुरक्षा याद आती है। देश ही नहीं छत्तीसगढ़ में लगातार गैंगरेप सहित यौन हिंसा के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में जरूरत है कि समाज को महिलाओं के प्रति अपनी मानसिकता बदलनी चाहिए और पितृसत्तात्मक सोच को खत्म करने की दिशा में काम होना चाहिए।

महिलाओं पर यौंन हिंसा व अत्याचार के विरोध में निकाला मसाल जुलूस।
दरअसल, ‘मेरी रात-मेरी सड़क’ समूह की महिलाएं बीते पांच सालों से नाइट मार्च का आयोजन करती रही हैं। गुरुवार की रात अरपा रिवर व्यू में आयोजित इस आयोजन का उद्देश्य समाज को यह आइना दिखाना था कि रात सिर्फ लड़कों के लिए नहीं। बल्कि, लड़कियों के लिए भी है। आधुनिकता के इस दौर में अब इस मानसिकता को दूर करने की दिशा में काम करना चाहिए।

हाथ में पोस्टर और मसाल लेकर किया विरोध-प्रदर्शन।
कार्यक्रम में महिलाओं ने कहा कि छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में रक्षाबंधन के दिन लौट रही युवती के साथ बलात्कार की घटना, कोलकाता में डॉ अभया (बदला नाम) के साथ बलात्कार के बाद हत्त्या की घटना, मणिपुर में महिलाओं के साथ बालात्कार कर नंगा घूमाए जाने की घटना, महाराष्ट्र में दो नाबालिग के साथ यौन हिंसा की घटना सहित देश के अलग अलग कोने में हर रोज घटनाएं हो रही है। लेकिन, लोगों के मुंह से आवाज तभी निकलती है, जब पानी सिर के ऊपर से निकल जाता है।
समाज के प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है महिलाओं की सुरक्षा
समूह की संयोजिका व एडवोकेट प्रियंका शुक्ला ने कहा कि हर बार घटना के बाद हमें याद आता है कि निर्भया हमारी बेटी है, अभ्या हमारी बेटी है। लेकिन, बलात्कार हो जाने के बाद, क्यों नहीं ऐसा माहौल बनाया जाता कि ऐसी घटना हो ही मत, ऐसे में न सिर्फ सत्ताधारी दल बल्कि समाज के प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी भी बनती है कि अपने घर, समाज मे बच्चों की परवरिश में, स्कूल के पढ़ाई में बचपन से उन्हें संवेदनशील नागरिक बनाने का प्रयास करें। इस पितृसत्तात्मक समाज में बच्चियों, महिलाओं, नाबालिग के लिए एक स्वस्थ वातावरण बनाने की दिशा में काम होना चाहिए।

आधी रात रैली निकाल की जमकर नारेबाजी।
पोस्टर और मशाल लेकर निकला मार्च
देश की आधी आबादी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस कार्यक्रम में महिलाओं ने हाथ में पोस्टर और मशाल लेकर नारे लगाते हुए पैदल मार्च किया। नाइट मार्च रिवर व्यू से शुरू होकर देवकीनंदन चौक में समाप्त हुआ। समूह की संयोजक प्रियंका शुक्ला ने बताया कि समूह की ओर से नाईट मार्च का आयोजन लगातार किया जा रहा है। इसका उद्देश्य है कि दिन हो या रात, घर हो या बाहर हो,देश की आधी आबादी को सुरक्षा सुनिश्चित हो। कार्यक्रम में लॉ की स्टूडेंट समा, डॉ. रश्मि बुधिया, पायल लाट,शालिनी गेरा, मिथिलेश बघेल,दीपाली गुप्ता, श्रेया श्रीवास सहित अन्य लोगों ने अपनी बात रखी। नाइट मार्च में प्रेरणा, समा, रोज़ी रानी, रेहाना, कृष्णा, मुदित मिश्रा, नंद कश्यप, वर्तिका, प्रियंका शुक्ला, सिद्धार्थ, सरदार जसबीर सिंग, आलोक शुक्ला,अजय अनन्त,तरुण, अरुण नायर,नुरुल हुडा, अरविंद पांडे, किरण पाल सिंग चावला, डॉ सौरभ कलवानी, पंकज प्रकाश, रोमेश साहू, अनिश श्रीवास, शुभम परमार सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
About The Author

Explore the ranked best online casinos of 2025. Compare bonuses, game selections, and trustworthiness of top platforms for secure and rewarding gameplayBonus offer.