हसदेव अरण्य पर कन्फ्यूजन : राजस्थान के सीएम के दावे पर सीएम साय ने जताई अनभिज्ञता

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य में खनन के लिए साय सरकार ने राजस्थान सरकार को अनुमति दे दी है। जिसको लेकर बाकायदा राजस्थान सीएम भजनलाल ने छत्तीसगढ़ सीएम विष्णुदेव साय को धन्यवाद ज्ञापित किया था। लेकिन मामले को लेकर अब सीएम साय ने अनभिज्ञता जताई है। उन्होंने कहा कि, ऐसी कोई बात नहीं है और हमारे तरफ से ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। राजस्थान के सीएम की बधाई पोस्ट पर उन्होंने कहा कि, ऐसा कुछ नहीं है उनकी तरफ से कोई गलती हो गई होगी।

कल ही ट्वीट कर किया था धन्यवाद ज्ञापित

उल्लेखनीय है कि, मंगलवार को राजस्‍थान के सीएम भजनलाल का सोशल मीडिया (एक्‍स) में विद्युत् आपूर्ति के लिए भूमि देने पर सीएम विष्णुदेव साय को धन्यवाद कहा था। उनके इस पोस्ट को शेयर कर छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने साय सरकार पर हमला करते हुए लिखा है कि, छत्तीसगढ़ को रेगिस्तान में बदलने की साज़िश… राजस्थान के मुख्यमंत्री का ट्वीट पढ़िए।

बघेल ने शेयर किया राजस्थान के सीएम का पोस्ट 

इसके बाद पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने लिखा कि, हमने छत्तीसगढ़ के जंगलों को बचाने को प्राथमिकता दी इसलिए सारी अनुमतियां रोककर रखी गईं थी। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद हम दबाव में नहीं आए। हमने एलीफैंट कॉरिडोर बनाकर खदानों को बचाया। जंगलों को बचाने के लिए ही केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि, 39 ख़दानों को नीलामी सूची से हटा दिया‌ जाए। अब देखिए कि, कैसे पेड़ काटने की सांय-सांय अनुमति मिल रही है।राजस्थान के सीएम सैकड़ों हेक्टेयर जंगल काटने की अनुमति शीघ्र देने की बात कह रहे हैं। कुल मिलाकर भाजपा और अडानी मिलकर हरे भरे छत्तीसगढ़ को रेगिस्तान में बदलना चाहते हैं‌। हम यूं ही नहीं कहते कि भाजपा छत्तीसगढ़ का हित चाहती ही नहीं।

राजस्‍थान के सीएम ने यह लिखा 

दरसअल, 12 जुलाई को राजस्‍थान के सीएम ने सोशल मीडिया में लिखा कि, सतत विद्युत आपूर्ति को सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्ध राजस्थान सरकार… छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राजस्थान के विद्युत गृहों के लिए कोयले की आपूर्ति हेतु हसदेव अरण्य कोलफील्ड में संचालित परसा ईस्ट एवं कांता बासन (पीईकेबी) कोल ब्लॉक की 91.21 हेक्टेयर वनभूमि का उपयोग करने की अनुमति प्रदान किए जाने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्‍णुदेव का समस्त राजस्थान परिवार की ओर से हार्दिक धन्यवाद।

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