छत्तीसगढ़ के इस जिले में दिखा बंद का असर, लोकसभा चुनाव से पहले सड़कों पर पसरा सन्नाटा, बसों समेत वाहनों के थमे पहिए, जानिए वजह

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बीजापुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बीजापुर में नक्सल बन्द का असर देखने को मिल रहा है। सुबह से ही यात्री बसों के पहिये थमें हुए हैं। नक्सलियों ने फर्जी मुठभेड़ के खिलाफ आज बीजापुर बन्द का आह्वान किया है। उन्होंने वाहन संचालक को वाहन संचालन न करने और व्यापारियों को व्यापारिक संस्थान न खोलने की चेतावनी दी थी।

बस्तर में नक्सलियों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ आज बीजापुर बंद का आह्वान किया है। दरअसल 4 दिन पहले पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी के सचिव मोहन ने एक पर्चा जारी किया था, जिसमें धमकी दी गई है कि अगर दुकाने खुली रही, गाड़ियां चली तो इसके जिम्मेदार वे लोग खुद होंगे।

नक्सलियों के बंद को लेकर बस्तर में पुलिस फोर्स भी अलर्ट मोड़ पर है। नक्सलियों की ओर से जारी पर्चे में लिखा है कि बीजेपी की सरकार आने के बाद बस्तर के बीजापुर में पुलिस ने 3 महीने के अंदर 15 बेकसूर आदिवासी ग्रामीणों को मारा है। आदिवासी ग्रामीणों के खिलाफ नरसंहार जारी है। अब सरकार के खिलाफ माओवाद पार्टी 30 मार्च को बीजापुर जिला बंद का आव्हान कर रही है।

नक्सली लीडर ने कहा कि प्रदेश में जब से बीजेपी की सरकार आई है तब से अब तक सैकड़ों कैम्प खोले गए हैं। बस्तर के जल-जंगल-जमीन को कार्पोरेट घरानों को बेचा जा रहा है, नरसंहार जारी है। आदिवासियों को बाहर करने की रणनीति है। नक्सलियों के बंद को देखते हुए बीजापुर में पुलिस फोर्स भी अलर्ट मोड़ पर है। लोकसभा चुनाव से पहले नक्सली कोई बड़ी वारदात न कर पाए, इसके लिए हर रोज जवानों को सर्च ऑपरेशन पर भेजा जा रहा है। 3 दिन पहले नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए सर्च ऑपरेशन में पुलिस ने 3 नक्सलियों को ढेर किया था।

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