छत्तीसगढ़ में लोकसभा महासंग्राम 2024 की स्थिति स्पष्ट : कांग्रेस ने जारी की अपने योद्धाओं के नाम

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छत्तीसगढ़ में लोकसभा महासंग्राम 2024 की स्थिति स्पष्ट : कांग्रेस ने जारी की अपने योद्धाओं के नाम

भुवन वर्मा बिलासपुर 27 मार्च 2024

कांग्रेस की लिस्ट आते ही छत्तीसगढ़ में सियासी गहमा-गहमी शुरू हो गई है। लोग नामों को आमने-सामने करके तुलना करने में लगे हैं। जब इन नामों को आमने-सामने करते हैं, तो साफ दिखता है कि भाजपा के मोदी मैजिक के सामने कांग्रेस अपने सभी बड़े कद वाले नामों को आगे कर चुकी है।

छत्तीसगढ़ की 11 सीटों पर कांग्रेस ने एक पूर्व मुख्यमंत्री, तीन पूर्व मंत्री, दो वर्तमान विधायक, राजपरिवार से एक उम्मीदवार दिए हैं। यानी कांग्रेस कोई कसर बाकी रखना नहीं चाहती। दूसरा यह कि टिकटों को देखने पर एकबारगी लगता है कि भले ही दीपक बैज पार्टी के अध्यक्ष हैं, लेकिन टिकट दिलवाने में अब भी भूपेश बघेल की ही भूमिका बड़ी है।

राजनांदगांव से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद मैदान में हैं। भाजपा ने केवल दो सांसदों को उम्मीदवार के तौर पर रिपीट किया है। उनमें एक दुर्ग से विजय बघेल हैं और दूसरे राजनांदगांव से संतोष पांडे। कहा जा रहा है कि टिकट वितरण के दो महीने पहले से राजनांदगांव में भूपेश अपनी सियासी बिसात बिछा चुके थे।

उधर, कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री रहे और वर्तमान में सुकमा के कोंटा से विधायक कवासी लखमा को बस्तर से उतारकर मौजूदा सांसद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज का पत्ता काट दिया गया है। दीपक बैज हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में चित्रकोट सीट से हार गए थे। हालांकि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्हें अध्यक्ष बनाया गया था।

इधर, एक और विधायक देवेंद्र यादव को भी कांग्रेस ने मैदान में उतार दिया है। भिलाई नगर के विधायक देवेंद्र यादव पर कोल स्कैम का केस चल रहा है। ये इत्तेफाक है कि जिस हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज की है, उसी न्यायधानी से वे चुनाव लड़ेंगे। ताम्रध्वज साहू भी कांग्रेस सरकार में गृह मंत्री रह चुके हैं। उन्हें महासमुंद के चुनावी रण में उतारा गया है।

भूपेश को राजनांदगांव से लड़वाने से क्या फर्क पड़ेगा

राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र विधानसभा सीटों के हिसाब से कांग्रेस के लिए मजबूत सीट है। राजनांदगांव में ओबीसी की संख्या ज्यादा है। भूपेश बघेल ओबीसी वर्ग से आते हैं। भाजपा से ब्राह्मण कैंडिडेट और वर्तमान सांसद संतोष पांडेय मैदान में हैं। संतोष पांडेय के लिए निश्चित रूप से भूपेश के उतरने से चुनौती बढ़ेगी।

अब मोदी का चेहरा और राम का नाम संतोष पांडेय के काम आएगा। वे अग्रेसिव लीडर हैं। बस्तर में धर्मांतरण के मुद्दे पर भी उन्होंने मोर्चा संभाला था, लेकिन राजनांदगांव में भूपेश बघेल के आने से उन्हें थोड़ी परेशानी हो सकती है। दूसरा यह कि राजनांदगांव से ही पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह भी विधायक हैं।

पूर्व संसदीय सचिव विकास उपाध्याय को रायपुर से बृजमोहन अग्रवाल के खिलाफ टिकट दिया गया है। सारंगढ़ राजपरिवार से एक बार फिर कांग्रेस ने उम्मीदवार उतारा है। इस बार रायगढ़ से डॉ. मेनका सिंह चुनाव लड़ेंगी, जो सारंगढ़ राजपरिवार की बेटी हैं। अविभाजित मध्यप्रदेश में कुछ दिन उनके पिता स्व. राजा नरेश चंद्र सिंह मुख्यमंत्री रहे हैं।

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