मिलीभगत कर एक हज़ार करोड़ रुपये का काम अपनों को दे दिया, करोड़ों रुपये की बंदरबांट शुरू हो गई : मूणत

रायपुर। विधानसभा में आज पूर्व मंत्री और वरिष्ठ भाजपा विधायक राजेश मूणत ने ध्यानाकर्षण के जरिए नवा रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड और रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड में अपात्र कंपनियों को काम दिए जाने का मुद्दा उठाया। राजेश मूणत ने कहा 1 हजार करोड़ रुपये के काम अपात्र लोगों को दिया गया।
मूणत ने कहा, अधिकारियों ने मिलीभगत कर एक हज़ार करोड़ रुपये का काम अपनों को दे दिया गया। काम लेकर उसे सबलेट कर दिया गया। केंद्र की स्मार्ट सिटी योजना की कल्पना के अनुरूप काम नहीं किया गया। रायपुर और नया रायपुर में स्मार्ट सिटी मद में आने वाले करोड़ों रुपये की बंदरबांट शुरू हो गई।आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओ पी चौधरी ने कहा कि, रायपुर में दो स्मार्ट सिटी लिमिटेड है। नया रायपुर और रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड। सभी टेंडर्स ऑनलाइन जारी किए गए थे। न्यूनतम दर पर टेंडर दिया गया। कुछ प्रकरणों में सबलेट किया गया। यह सबलेट रायपुर स्मार्ट सिटी के कुछ टेंडर्स में हुआ, जो 25 फ़ीसदी के तय मानक के अनुरूप है। सक्षम प्राधिकारी की अनुमति से सबलेट किया गया। अधिकारियों की मिलीभगत से एक हज़ार करोड़ रुपये से ज्यादा का काम दिया जाना सही नहीं है।ओ पी चौधरी ने कहा, नया रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड आवास एवं पर्यावरण विभाग के अधीन है जबकि रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड नगरीय प्रशासन विभाग के अधीन है। नया रायपुर में क़रीब 310 करोड़ रुपये के दस काम धीमी गति से चल रहे थे। दो तिहाई पैकेज को निरस्त कर दिया है। जबकि पुराना रायपुर में जो काम धीमी गति से चल रहा है उसकी जानकारी लेकर सदस्य को उपलब्ध कराया जायेगा।भाजपा विधायक राजेश मूणत ने कहा, 2018 में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट आया था। रायपुर शहर में ट्रैफ़िक व्यवस्था सुधारने के लिए स्मार्ट सिटी फंड से 209 करोड़ रुपये, मल्टीलेवल पार्किंग के लिए 28 करोड़ खर्च हुए। बूढ़ातालाब तो प्रयोगशाला बन गया है। मूल स्मार्ट सिटी की कल्पना जीरो कर दी गई। सिर्फ़ पाँच बड़े प्रोजेक्ट बने हैं। एक भी स्मार्ट रोड नहीं बनी। बिना एनओसी के चौपाटी बना दिया गया।ओ पी चौधरी ने कहा, यूथ हब में कैसे एनओसी बनाकर चौपाटी बना दिया गया। इसकी जानकारी नगरीय प्रशासन से लेकर दे दिया जाएगा।मूणत ने कहा, यूथ हब के नाम पर प्रोजेक्ट लाकर चौपाटी बना दिया। हाईकोर्ट को भी गुमराह कर दिया गया। चुनाव के पहले इतनी हड़बड़ी थी कि दुकानों के अलॉटमेंट की प्रक्रिया तेज कर दी गई। स्मार्ट सिटी के नाम पर लूट मचाकर रख दिया गया था। हम भूख हड़ताल पर बैठे थे। जिन व्यक्तियों ने नियम के विपरीत जाकर काम किया है उनके खिलाफ जांच की जाएगी?ओ पी चौधरी ने कहा, सदस्य की चिंता जायज़ है। इस मामले की विभागीय जांच की जाएगी। चौपाटी हटाने के संबंध में नगरीय प्रशासन विभाग से चर्चा कर कार्रवाई की जाएगी।
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