राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा शास्त्र सम्मत होनी चाहिये – पुरी शंकराचार्य
राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा शास्त्र सम्मत होनी चाहिये – पुरी शंकराचार्य
भुवन वर्मा बिलासपुर 06 जनवरी 2024
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
रायपुर – ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर अनन्तश्री विभूषित श्रीमज्जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानंद सरस्वतीजी महाराज आज सुबह आठ बजे भगत की कोठी एक्सप्रेस से रायपुर जंक्शन पहुंचे। यहां प्लेटफार्म नंबर पांच पर गाड़ी रूकते ही पीठ परिषद , आदित्यवाहिनी आनन्दवाहिनी संगठन के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने धार्मिक जयकारे के साथ उनका भव्य स्वागत किया। तत्पश्चात छत्तीसगढ़ी पारंपरिक नृत्य नाऊत नाचा के साथ स्वागत करते हुये और हिन्दू राष्ट्र गीत के साथ बाईक रैली करते हुये महाराजश्री को श्रीसुदर्शन संस्थानम् रावाभांठा लाया गया। यहां ब्राह्मणों द्वारा स्वस्तिवाचन मंत्रों के साथ पुरी शंकराचार्यजी का स्वागत किया गया। आश्रम में पुन: शंकराचार्यजी ने राऊत नाचा का निरीक्षण कर उन्हें उनके उत्कृष्ट प्रस्तुति पर पुरस्कृत किया।
यहां मंच से पुरी शंकराचार्यजी ने राजनीतिक नेताओं पर निशाना साधते हुये कहा उन्होंने ही बाहर से मुसलमानों को लाकर छत्तीसगढ़ में बसाया है और हिंदू को अल्पसंख्यक बनाने की कोशिश की है , जिसके परिणामस्वरूप वे चारो खाने चित्त हुये। वहीं रमन सिंह काल में भी ईसाई धर्मांतरण को बढ़ावा दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि नेताओं ने पहले श्रमजीवी , बुद्धिजीवी के आधार पर बांट दिया , फिर सवर्ण और असवर्ण में जनता को बांटा। अब आदिवासी और नवागंतुक में बांट रहे हैं। पुरी शंकराचार्यजी ने उत्तरप्रदेश के सीएम योगी और प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुये कहा कि योगी और मोदी अभी तो खुश है , आगे चलकर यूपी में तीन मिनी पाकिस्तान बन जायेगा। अयोध्या की तरह काशी और मथुरा में मस्जिद बनेगा। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को लेकर पुरी शंकराचार्यजी ने कहा कि वे 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में शामिल होने के लिये अयोध्या नहीं जायेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी लोकार्पण करेंगे , मूर्ति का स्पर्श करेंगे तो मैं वहां तालियां बजाकर जय-जयकार करूंगा क्या ? मेरे पद की भी मर्यादा है। राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा शास्त्रों के अनुसार होनी चाहिये , ऐसे आयोजन में मैं क्यों जाऊं’ ? महाराजश्री के संबोधन के पश्चात दीक्षा का कार्यक्रम भी संपन्न हुआ।बताते चलें हिन्दुओं के सार्वभौम धर्मगुरु एवं श्रीगोवद्धनमठ पुरीपीठाधीश्वर अनन्तश्री विभूषित श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य पूज्यपाद स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वतीजी महाराज का 05 जनवरी 2024 से पंचदिवसीय रायपुर आगमन हो चुका है। प्रतिदिन प्रातःकालीन सत्र में दर्शन , दीक्षा , धर्म – राष्ट्र -अध्यात्म से संबंधित परिचर्चा एवं सायं सत्र में संगोष्ठी का कार्यक्रम आयोजित है। दस जनवरी को पुरी शंकराचार्यजी सायं मेल से कलकत्ता के लिये रवाना हो जायेंगे।
इसी बीच 07 जनवरी को दोपहर बारह बजे शंकराचार्यजी के सान्निध्य में विशाल हिन्दू राष्ट्र धर्मसभा का आयोजन रावांभाठा में किया गया है। इसके लिये श्रीसुदर्शन संस्थानम् के प्रतिनिधियों ने महामहिम राज्यपाल सहित मुख्यमंत्री , द्वय उपमुख्यमंत्री के अलावा साय कैबिनेट और सांसद – विधायकों को आमंत्रित किया है। उल्लेखनीय है कि आज से लगभग दो वर्ष पूर्व चातुर्मास्य के अवसर पर श्रीगोवर्द्धन मठ पुरी से पूज्य शंकराचार्यजी ने आगामी साढ़े तीन वर्षों ( 42 माह ) में भारत को हिन्दू राष्ट्र के रूप में उद्भाषित होने की घोषणा की थी।
उपरोक्त घोषणा के क्रियान्वयन हेतु लगभग आधा समय बीत चुका है अतः बचे हुये समय में समस्त सनातनी धर्मावलंबियों से अपेक्षा है कि अपने अपने क्षेत्रों में सक्रिय रहकर पुरी शंकराचार्यजी के मार्गदर्शन में कार्य करते हुये अपने कार्यक्षेत्र को सुसंस्कृत, सुरक्षित, सम्पन्न, सर्वहितप्रद, सेवा परायण व्यक्ति एवं समाज के समूह के रूप में परिवर्तित करें , यही सशक्त हिन्दू राष्ट्र निर्माण की आधारशिला होगी।
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