रायपुर दक्षिण से कांग्रेस प्रत्याशी रहे महंत रामसुंदर दास ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा

0

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद से राजनीतिक गलियारों में खलबली मची हुई है. वहीं, अब खबर है कि रायपुर दक्षिण से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे महंत रामसुंदर दास ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. बता दें कि विधानसभा चुनाव में महंत को 67 हजार से ज्यादा वोटों से हार मिली थी. इस हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है.

जानकारी के अनुसार, महंत राम सुंदर दास रायपुर दक्षिण से विधायक बृजमोहन अग्रवाल के खिलाफ चुनाव लड़े थे. लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इस वजह से उन्होंने आज इस्तीफा दे दिया है. पीसीसी चीफ दीपक बैज को अपना त्यागपत्र सौंपा दिया है.बता दें कि इससे पहले कांग्रेस के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष दिलीप षडंगी ने इस्तीफा दिया था. दिलीप षडंगी, छत्तीसगढ़ के फेमस लोक गायक हैं. षडंगी ने राज्य के कलाकारों से हाथ जोड़कर माफी भी मांगी है. अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा- ‘कई सालों पहले अपनी नौकरी छोड़कर कांग्रेस में आया था. कलाकारों की सेवा और कलाकारों के माध्यम से कांग्रेस की सेवा करने के लिए आया था, लेकिन निवेदन करने पर उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला.’ इसलिए वे कांग्रेस से इस्तीफा दिया है.रामसुंदर दास महंत ने इस्तीफे के बाद कहा, मैंने अपनी भावना से पार्टी को अवगत कराया है, मैं ऐसा मानता हूं कि कांग्रेस के सभी वरिष्ठ ने विश्वास करके मुझे अपना प्रत्याशी रायपुर दक्षिण विधानसभा से बनाया. सभी कार्यकर्ताओं ने एक साथ मिलकर बहुत मेहनत की, लेकिन परिणाम अप्रत्याशित रहा. बहुत लंबे वोटों के अंतर से पराजय का सामना करना पड़ा है, जिसका नैतिक जिम्मेदारी मैं स्वयं को मानता हूं. इस भावना को मैंने पार्टी को अवगत कराया है.रायपुर दक्षिण सीट को लेकर महंत ने कहा कि पार्टी ने प्रत्याशी बनाया. मुझे प्रत्याशी बनाकर चुनाव लड़ाया, परिणाम अप्रत्याशित था, इसकी नैतिक जिम्मेदारी मैं अपने आप को ही मानता हूं. हार तो हार है. हार हुई है इससे मैं आहत हूं, इसलिए मैंने त्यागपत्र दिया है.

कांग्रेस से इस्तीफा है या राजनीतिक से इस्तीफा?

महंत ने कहा, मैं दूधाधारी मठ का सेवक हूं, मठ के साथ-साथ जनता जनार्दन का सेवा करते आया हूं. मठ के द्वारा जिन संस्थाओं से जुड़ा हूं जनहित के द्वारा कार्य किया जा रहा है. उसका विस्तार आगे चलता रहेगा. इस्तीफा देने के पहले कांग्रेस से किसी से बात हुई? इस सवाल पर महंत ने कहा, इस्तीफा देने से पहले मेरे किसी से कोई चर्चा नहीं हुई है. परिणाम को लेकर हमने आपस में चर्चा जरूर किया. कांग्रेस का समर्पित सिपाही बनकर मैंने पूरा कार्य किया. वरिष्ठ जन भी मेरा पूरा सम्मान करते रहे जो भी दायित्व दिया जाता रहा उन सबका मैं निर्वाह किया. इस साल मुझे प्रत्याशी बनाया. हमने मेहनत किया. परिणाम पक्ष में नहीं रहा. बहुत लंबे अंतर से पराजय का सामना करना पड़ा है. इससे नैतिक जिम्मेदारी मैं लेता हूं. पार्टी में मैं सहज जुड़ा था. किसी उम्मीद के साथ नहीं गया था. दूधाधारी मठ ने मुझे बहुत कुछ दिया है. किसी चीज की कोई उम्मीद या अभिलाषा नहीं है. जन सेवा मैं कर ही रहा हूं और करता रहूंगा. अन्य पार्टी में शामिल होने का मेरा कोई उद्देश्य नहीं है.

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *