मुख्यमंत्री बघेल ने आज लोकवाणी में प्रदेशवासियों से की चर्चा
भुवन वर्मा, बिलासपुर 08 मार्च 2020
रायपुर — मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर अपनी मासिक रेडियोवार्ता ‘लोकवाणी’ की आठवीं कड़ी में ’महिलाओं को बराबरी के अवसर’ विषय पर प्रदेशवासियों के साथ विचार साझा किये। उन्होंने महिलाओं को आर्थिक मोर्चे पर सशक्त बनाने के लिए स्वावलंबन और रोजगार के उपायों, महिलाओं को कुपोषण से मुक्ति दिलाने, महिलाओं की सुरक्षा के लिये राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। लोकवाणी में मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस से उत्पन्न वातावरण का जिक्र करते हुये कहा कि इन दिनों ‘कोरोना वायरस’ की बहुत चर्चा है। आप डरें नहीं बल्कि बचाव के उपायों को समझें और अपनायें। सरकार ने उपचार की पूरी तैयारी कर रखी है।
मुख्यमंत्री ने लोकवाणी के माध्यम से प्रदेशवासियों को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस और रंगो के त्यौहार होली की शुभकामनायें दी। और 20 मार्च को ‘भक्त माता कर्मा जयंती’ तथा वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी का बलिदान दिवस है का उल्लेख करते हुये कहा कि एक ओर त्याग, भक्ति और अध्यात्म का शिखर तो दूसरी ओर पराक्रम और सर्वोच्च बलिदान। मातृ-शक्ति के इन दोनों स्वरूपों को नमन। उन्होंने नवरात्र और चैट्रीचंड पर्व की बधाई भी प्रदेशवासियों को दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृ-शक्ति के बिना इस संसार की कल्पना नहीं की जा सकती। हमारे छत्तीसगढ़ में तो देवी को अपने हर स्वरूप में मांँ माना जाता है। दन्तेवाड़ा में मां दन्तेश्वरी, डोंगरगढ़ में माँ बम्लेश्वरी, रतनपुर में माँ महामाया, चन्द्रपुर में माँ चन्द्रहासिनी के शक्तिपीठ और हर गांव-हर शहर में कोई न कोई लोक आस्था केन्द्र है। जिनके आशीर्वाद से हम तरक्की करते हैं। उन्होंने कहा कि रायगढ़ एवं बीजापुर जिले में ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान’ के तहत सराहनीय कार्य किये जा रहे हैं। हमारे यहाँ बहुत से समाजों में मातृशक्ति की प्रधानता है लेकिन इन सबके बावजूद, महिला और पुरूषों में बराबरी का सवाल सामयिक है।
लोकवाणी में सूरजपुर जिले की तीन महिलाओं ने स्वावलंबन और रोजगार के लिये राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये अवसरों से आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में हासिल की गई सफलता की कहानियांँ बतायी। मुख्यमंत्री ने इन महिलाओं के हौसले और दृढ़ निश्चय की सराहना करते हुये कहा कि अन्य जिलों में स्थानीय स्तर पर महिला स्व-सहायता समूह, वो चाहे गौठान से जुड़े हों या किसी अन्य कार्य से, उनके द्वारा निर्मित सामग्री के विपणन के लिए जिला प्रशासन पूरा सहयोग करेगा। सरकार की विभिन्न संस्थाओं, स्कूल, छात्रावास या अन्य शासकीय विभागों में जरूरत के अनुसार खरीदी में ऐसे समूहों को पूरी प्राथमिकता मिलेगी। ‘‘एक दुकान-सब्बो सामान’’ के नवाचार से ग्रामीण महिलाओं को समृद्धि और खुशहाली का नया रास्ता मिला है। मैं पूरे प्रदेश में कार्यरत हजारों महिला स्व-सहायता समूह से जुड़ी लाखों महिलाओं को सेल्यूट करता हूं। महिलाएं कारोबार के साथ समाज सुधार तक में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने प्रदेश में रोजगार के उपलब्ध अवसरों की जानकारी देते हुये कहा कि पीएससी., व्यापम, विभागीय परीक्षाओं के माध्यम से होने वाली भर्तियों के दरवाजे खोल दिये गये हैं। शासकीय सेवाओं में महिलाओं के लिये 30 प्रतिशत पद आरक्षित किये गये हैं। वहीं आयु सीमा में भी 10 वर्ष की विशेष छूट दी गई है। इस तरह सभी नियमों का पालन करते हुये जितने पुराने रिक्त पद थे, उन सब पर भर्ती हुई है और हो रही है। नई प्रशासनिक इकाइयों, नये कार्यालयों, नए स्कूल-कॉलेजों के लिये भी लगातार निर्णय लिये जा रहे हैं और मुझे खुशी है कि नियमित भर्ती प्रक्रिया में भी बड़ी संख्या में बेटियाँ और बहनें परीक्षाओं के माध्यम से चयनित हो रही हैं। मुख्यमंत्री ने महिलाओं की सुरक्षा के लिये राज्य सरकार द्वारा लागू की गई योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने इस संबंध में लोकवाणी में महासमुन्द जिले की उत्तरा विदानी द्वारा किये गये प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि महासमुन्द जिले में हर थाने में महिला डेस्क स्थापित है। इसके अलावा 1091 महिला हेल्प लाइन नम्बर भी है। महिला हेल्प लाइन-181, सखी वन स्टॉप सेन्टर, महिला-पुलिस स्वयंसेविका योजना, महिला जागृति शिविर, स्व-आधार योजना, उज्ज्वला गृह योजना, कामकाजी महिला हॉस्टल योजना, महिला शक्तिकेन्द्र योजना आदि सुरक्षा तथा सहयोग के लिये काम कर रहीं हैं। प्रदेश के 374 थानों में महिला डेस्क स्थापित की जा चुकी हैं तथा 08 जिलों में महिला विरूद्ध अपराध विवेचना इकाई भी संचालित की जा रही है। इसके अलावा चार हजार 255 सार्वजनिक स्थानों पर सी.सी.टी.वी. कैमरे स्थापित किए गए हैं तथा स्थानीय स्तर पर संगठनों को प्रेरित किया जा रहा है कि वे भी अपने स्तर पर सीसीटीवी. कैमरे सार्वजनिक स्थानों पर लगाएं। महिलाओं से संबंधित अपराधों की विवेचना के लिये 06 जिलों में आईयूसीएडब्ल्यू. का गठन किया गया है। चार जिलों में महिला थाने स्थापित किये गये हैं। इसके अतिरिक्त पारिवारिक विवाद एवं महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों के लिये महिला परामर्श केन्द्र, महिला पुलिस वालंटीयर्स तथा बालिका आश्रम व छात्रावास में सुरक्षा हेतु महिला होमगार्ड की तैनाती की गई है। अपराध से पीड़ित महिलाओं के लिये क्षतिपूर्ति राशि का प्रावधान किया गया है।उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी ही नहीं सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने माताओं-बहनों से अपील करते हुए कहा कि वे इस संबंध में स्वयं भी जागरूक हों और अन्य लोगों को इसके बारे में बतायें। नवगठित गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में जल्द सारी सेवायें उपलब्ध कराने की बात भी कही।
अरविन्द तिवारी की रपट
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