’गीतांजलि एवं आशीर्वाद समिति स्वरोजगार से बने उद्यमी’

0

’गीतांजलि एवं आशीर्वाद समिति स्वरोजगार से बने उद्यमी’

रायपुर. जांजगीर चांपा जिले के ग्राम तिलई के रीपा गौठान में बनाए जा रहे स्वादिष्ट चटपटे, खुशबू बिखेरते नमकीन व्यंजनों के स्वाद की हर तरफ तारीफ हो रही है। इस तारीफ के बलवूते कड़ी मेहनत करते हुए गीताजंलि समिति, आशीर्वाद समिति से जुड़े सदस्य अपने काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं, और जांजगीर-चांपा जिले में अपनी छाप छोड़ रहे हैं। समिति के सदस्यों का कहना है कि प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) के माध्यम से महिलाएं, युवाओं के साथ ग्रामीणों को रोजगार के साथ स्वरोजगार को जोड़ते हुए आगे बढ़ा रही है।महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क यानी रीपा योजना, जिसे ग्राम पंचायत तिलई के आदर्श गौठान में शुरू किया गया। इस योजना के शुरू होने के बाद जब तिलई में बेसन, बूंदी निर्माण इकाई, आलू चिप्स, केला चिप्स निर्माण इकाई की स्थापना की गई तो इसमें गांव की गीतांजलि समिति एवं आशीर्वाद समिति ने जुड़ना पसंद किया। समिति सदस्यों का काम के प्रति ऐसा लगाव है कि जब तक कार्य खत्म नहीं कर लेते तब तक घर नहीं जाते। इस कार्य में वह पूरे मन से लगे हुये हैं और सफल उद्यमी बनने की राह पर अग्रसर हैं। गीतांजलि समिति की अध्यक्ष श्रीमती रूपा कुर्रे एवं सचिव ज्योति कटारे बताती हैं कि योजना के द्वारा समिति को रीपा के माध्यम से वर्कशेड एवं अलग-अलग प्रकार की मशीनरी जैसे फरसान मशीन, फ्राइंग मशीन, पैकेजिंग मशीन, ड्रायर मशीन आदि उपलब्ध कराया गया। तो वहीं आशीर्वाद समिति अध्यक्ष श्रीमती फुलेश्वरी कौशिक बताती हैं वर्किंग शेड के साथ ही कटिंग मशीन, फ्राइंग मशीन, पैकेजिंग मशीन, ड्रायर मशीन, मिक्सर मशीन मिली। समिति के सदस्यों का कहना था कि जब वर्क शेड और मशीन मिली तो फिर आगे बढ़ने से उन्हें रोकने वाला कोई नहीं था। बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उन्होंने नमकीन मिक्चर एवं चिप्स निर्माण इकाई से जुड़कर विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाने शुरू किये।

’दूसरे जिले में भी कर रहे सप्लाई’

       गीतांजलि एवं आशीर्वाद समिति में कुल 7-7 सदस्य है जिसमें 4 महिलाएं एवं 3 पुरूष हैं जो इस कार्य को कर रहे हैं। समिति द्वारा मिक्चर, रायता, बूंदी, गाठिया, पापड़ी, मसाला मिक्चर, बारीक सेव, टेस्टी मिक्चर, नवरतन, सदाबहार, भावना गिरी आदि मिक्चर तैयार किये जा रहे हैं, इसके अलावा अलग-अलग वैरायटी के चिप्स तैयार कर उन्हें जांजगीर जिले सहित दूसरे जिले जैसे रायगढ़, बिलासपुर, कोरबा में विक्रय के लिए भेज रहे हैं। गीतांजलि समिति द्वारा उत्पादों की बिक्री करते हुए 84 हजार 700 रूपए का शुद्ध लाभ प्राप्त कर चुकी हैं। तो वहीं आशीर्वाद समिति के द्वारा अपने उत्पादों की विक्रय करते हुए 42 हजार रूपए का शुद्ध लाभ प्राप्त किया। समिति के सदस्यों का कहना था कि रीपा से जुड़ने के पहले कृषि कार्य, खेती किसानी मजदूरी का कार्य करते थे, रीपा से जुड़कर सभी सदस्यों की आजीविका में वृद्धि हुई और स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बन सफल उद्यमी बने रहे हैं।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *