भागवत कथा देवताओं को स्वर्ग में भी दुर्लभ है – वर्षा पाठक

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भुवन वर्मा, बिलासपुर 15 फरवरी 2020

जाँजगीर चाँपा ( मुनुन्द) — श्रीमद्भागवत समस्त वेदों और शास्त्रों का सार है। जब अनेकों जन्मों का पुण्योदय होता है तब हमें श्रीमद्भागवत कथा सुनने का अवसर मिलता है। यह कथा देवताओं को स्वर्ग में भी दुर्लभ है। इसलिये कथा शुरु होने से पहले उन्होंने अमृत के घड़े के बदले में उन्हें श्रीमद्भागवत कथा सुनने की इच्छा जतायी थी।
श्री मद्भागवत महापुराण की उक्त पावन कथा आज समीपस्थ ग्राम मुनुन्द में नारायणरत्न चाँपा निवासी व्यासपीठ सुश्री वर्षा पाठक जी ने आज प्रथम दिवस सुनायी। भागवत महात्म्य कथा के अंतर्गत उन्होंने भक्ति एवं नारद संवाद विषय का वर्णन करते हुये आगे कहा भक्ति महारानी के दोनो पुत्र ज्ञान और वैराग्य जब वृँदावन में बेसुध पड़े थे तब वहाँ से गुजरते हुये नारद जी ने उनको समस्त शास्त्रों को सुनाया फिर भी उन्हें होश नही आया। और जब उनको श्रीमद्भागवत की कथा सुनायी गयी तब स्वयं भक्ति महारानी अपने दोनो पुत्रों ज्ञान और वैराग्य के साथ हरिर्नाम संकीर्तन करने लग गयी। कथा वाचिका ने आगे कहा कि जब मनुष्य के जीवन मे दुख आता है और वह जीवन जीने की आशा छोड़ देता है तब भागवत की कथा मनुष्य को राह दिखाती है। जिस प्रकार ग्रीष्म काल के बाद वर्षा ऋतु के आगमन पर पूरी पृथ्वी हरी भरी हो जाती है, सूखे हुये पेड़ो में नये पत्ते निकलने लगते है, फूल खिलने लगते हैं उसी प्रकार (वर्षा ऋतु रघुपति प्रिय भगति) श्री कृष्ण और राम नाम की वर्षा से मानव जीवन की व्यथा, मानव जीवन का कष्ट समाप्त हो जाता है। तत्पश्चात ग्रामवासियों को आगे धुंधुकारी की कथा श्रवण कराते हुये उन्होंनें बताया कि,(धुंधुम कलहम कार्याति इति धुन्धकारिहि ) जो कलह करे, निंदनीय और धृणित कार्य करे, दुषरो को कष्ट दे वास्तव में वही धुन्धकारी है। अगर ये कार्य मनुष्य करने लगे तो समझ जाना हमारे अन्दर धुन्धकारी प्रवेश कर चुका है और इसे समाप्त करने ने लिये श्री कृष्ण नाम संकीर्तन की धारा अपने जीवन मे प्रवाहित कर लेने में ही जीव का कल्याण संभव है।
इसके पहले धर्म जागरण मंच एवं समस्त ग्रामवासी मुनुन्द के सहयोग से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ आज भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ। कलश यात्रा में सैकड़ों महिलायें सज धजकर सिर पर कलश धारण कर मंगल गीत गाती हुई पूरे गाँव की भ्रमण की। ग्रामवासियों ने जगह जगह कलश यात्रा का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। कलश यात्रा के कथा स्थल पहुँचने पर मुख्य यजमानों ने श्रीमद्भागवत की आरती उतारी। कल से कथा प्रतिदिन दोपहर 02:00 बजे से हरि इच्छा तक चलेगी।

अरविन्द तिवारी की रपट

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