सर्वहितप्रद रामराज्य के स्वप्नद्रष्टा थे स्वामी करपात्री जी – अवधेशनन्दन

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भुवन वर्मा, बिलासपुर 09 फरवरी 2020

आदित्यवाहिनी ने मनाया स्वामी करपात्री जी का आराधना महोत्सव

कवर्धा। आदित्यवाहिनी संस्था द्वारा जिला कार्यालय में धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी का आराधना महोत्सव मनाया गया । इस अवसर पर स्वामी करपात्री जी प्रतिमा की सामूहिक पूजा की गई, समष्टि हित के लिये तीन आवर्त श्रीहनुमान चालीसा का पाठ किया गया एवम गोष्ठी का माध्यम से उन्हें श्रद्धा सुमन समर्पित किये गए।

आदित्यवाहिनी के प्रदेश महामंत्री अवधेशनन्दन श्रीवास्तव ने इस अवसर पर उनके जीवन वृत्त पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वामी करपात्री जी महाभाग उच्च कोटि के वक्ता, श्रोता, लेखक, चिंतक, तत्ववेत्ता, दार्शनिक एवम आध्यात्मिक मनीषी थे। वे “रामराज्य” के स्वप्नद्रष्टा थे इसके लिए उन्होंने रामराज्य परिषद की स्थापना भी की थी। उन्होंने “रामराज्य और मार्क्सवाद” नामक ग्रंथ की रचना कर विश्व समुदाय को रामराज्य की अवधारणा से अवगत कराया तथा आधुनिक काल में सनातन धर्म की रक्षा की। वे धर्मनियन्त्रित, पक्षपातविहीन, शोषणविनिर्मुक्त, सर्वहितप्रद शासनतंत्र के स्वप्नद्रष्टा थे तथा इसके लिये उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया। वर्तमान में गौरक्षा, वनवासियों की सेवा सहित सनातन मानबिन्दुओं की रक्षा के जितने भी प्रकल्प धरातल में दिखाई पड़ते हैं उन समस्त प्रकल्पों के उद्भभाषक स्वामी करपात्री जी ही थे। वे दसनामी परम्परा के ऐसे अद्भुत मेधासम्पन्न महान संत हुए जिनके शिष्यगण ही आगे चलकर शंकराचार्य के विभिन्न पीठों पर अभिषिक्त हुए। ये धर्मनगरी कवर्धा का सौभाग्य है कि यहां अभिनवशंकर धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी महाभाग के दिव्य चरण अनेक बार पड़े तथा जिनकी चरण धूलि और आध्यात्मिक ऊर्जा से यह समूचा क्षेत्र संस्कारित है ।

इस अवसर पर संस्था के नगर अध्यक्ष भोला तिवारी, सुरेश गुप्ता एवम दिव्यप्रकाश शर्मा ने भी स्वामी जी की जीवनी पर प्रकाश डाला। गोष्ठी में सुरेंद्र गुप्ता, जय सोनी, भोले विश्वकर्मा, राजेन्द्र सोनी ध्रुव दुबे, उपस्थित थे।

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