वैश्विक विज्ञान वैश्विक भलाई के लिए भारतीय संस्कृति का मूल मंत्र आदि काल से रहा है – डॉ विजय लक्ष्मी सक्सेना

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वैश्विक विज्ञान वैश्विक भलाई के लिए भारतीय संस्कृति का मूल मंत्र आदि काल से रहा है – डॉ विजय लक्ष्मी सक्सेना

भुवन वर्मा बिलासपुर 28 फ़रवरी 2023

बिलासपुर । अटल बिहारी वाजपेई विश्व विद्यालय में आज़ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। तत्पश्चात राजकीय गीत, विश्व विद्यालय के कुलगीत और इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन का थीम का गायन हुआ। स्वागत भाषण इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के सचिव और बिलासपुर चेप्टर के संयोजक डॉ लतिका भाटिया ने किया। मुख्य अतिथि इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ विजय लक्ष्मी सक्सेना ने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन सी वीं रमन के जन्म दिवस पर विज्ञान के क्षेत्र में जागरूकता लाने और विज्ञान का उपयोग मानव समाज के कल्याण हेतु करने के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा कि आदि काल से ही भारतीय समाज का मूल मंत्र वैश्विक विज्ञान वैश्विक भलाई के लिए रहा है। उदाहरण के लिए भारत ने कोरोना वैक्सीन का निर्माण केवल भारतीयों के लिए नहीं किया अपितु सम्पूर्ण विश्व के लिए किया। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर अशोक सक्सेना जी ने अपने उद्बोधन में इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन के प्रारंभ से लेकर वर्तमान तक अधिवेशन और कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि वर्तमान में इस संस्था के 60000 से अधिक सदस्य हैं।

इस संस्था के अंतर्गत 29 चेप्टर कार्य कर रही है। आज़ बिलासपुर चेप्टर का शुभारंभ हो रहा है नाम भले ही बिलासपुर है परन्तु इसका कार्य क्षेत्र सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ प्रदेश रहेगा। विशिष्ट अतिथि डॉ एच पी तिवारी पूर्व अध्यक्ष इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन ने अपने उद्बोधन में कहा कि तार्किक ढंग से किसी समस्या का निदान करना ही वैज्ञानिक सोच है। मुझे विश्वास है कि बिलासपुर चेप्टर इस क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधान में बेहतर कार्य करेगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे माननीय कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ बाजपेई जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज का दिन हम सभी के लिए ऐतिहासिक महत्व का है। पश्चिमी देशों और भारतीय समाज के विज्ञान के उद्देश्य में मूलभूत अंतर है पश्चिमी देशों का विज्ञान का उद्देश्य प्रकृति पर विजय कैसे प्राप्त करें और भारतीय समाज में विज्ञान का उद्देश्य प्रकृति के साथ कैसे मिलकर समाज का लाभ करें है।

कार्यक्रम के दौरान बिलासपुर चेप्टर का शुभारंभ किया गया साथ ही डॉ एच एस होता और लतिका भाटिया के पुस्तकों का विमोचन किया गया। धन्यवाद् ज्ञापन देते हुए डॉ एच एस होता ने विश्वास दिलाया कि बिलासपुर चेप्टर का शुभारंभ में 200 सदस्य हैं जो कि शीघ्र ही सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ से 500 सदस्य बन जायेंगे और विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करेंगे। कार्यक्रम का संचालन डॉ रश्मि गुप्ता ने किया। इस अवसर पर विज्ञान के मांडल प्रदर्शनी, शोध पत्र की प्रस्तुति और हेकाथलान प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें 300 से अधिक प्रतिभागी सम्मिलित हुए।

युवाओ को यंग साइंटिस्ट और बेस्ट रिसर्च पेपर अवार्ड से सम्मानित किया गया।इस अवसर पर कुलसचिव श्री शैलेन्द्र दुबे, परीक्षा नियंत्रक डॉ पी के पांडेय, उपकुलसचिव श्रीमती नेहा यादव, श्रीमती नेहा राठिया, सहायक कुलसचिव फखरूद्दीन कुरेशी, राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ मनोज सिन्हा, डॉ कलाधर, डॉ सत्य प्रकाश कोषाध्यक्ष इंडियन साइंस कांग्रेस, डॉ पीयुष श्रीवास्तव सर्जन मेडिकल कॉलेज रीवा मध्य प्रदेश, डॉ सीमा बेरोलकर, डॉ गौरव साहू, डॉ यशवंत पटेल, डॉ पूजा पांडेय, डॉ स्वाति रोज़ टोप्पो, डॉ रेवा कुलश्रेष्ठ, डॉ हामिद अब्दुल्ला, डॉ सौमित्र तिवारी, डॉ तरूण धर दिवान, वित्त अधिकारी अलेक्जेंडर कुजुर, डॉ मनीष श्रीवास्तव, डॉ शीला तिवारी, विकास शर्मा,मनीष सक्सेना सहित बड़ी संख्या में विश्व विद्यालय के अधिकारी, प्राध्यापक, कर्मचारी और विद्यार्थी गण तथा विश्व विद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के प्राध्यापक और विज्ञान के क्षेत्र में कार्य करने वाले शोधार्थी उपस्थित थे

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